बल्ले से पीटने का मामला..मंत्री विजयवर्गीय के बेटे आकाश बरी: एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला, सभी दस आरोपी दोषमुक्त – Indore News

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और पूर्व बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है। 5 साल पहले विधायक रहते आकाश विजयवर्गीय पर नगर निगम के अधिकारियों को क्रिकेट के बल्ले से पीटने का आरोप लगा था। आकाश के साथ ही आरोपी बनाए गए द

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एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश देव कुमार ने सोमवार को फैसला सुनाया। साक्ष्यों के अभाव और फरियादी के बयान बदलने को आधार बनाकर आकाश विजयवर्गीय को दोषमुक्त कर दिया।

कोर्ट के सामने फरियादी निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस बयान से पलट गए थे। बता दें कि इस मामले में आकाश विजयवर्गीय को जेल जाना पड़ा था। 26 जून 2019 को जर्जर मकान पर कार्रवाई के दौरान यह घटनाक्रम हुआ था।

मामले में बहस पिछले सप्ताह पूरी हो गई थी। बहस के दौरान विजयवर्गीय के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि घटना का पेश किया गया वायरल वीडियो एडिटेड है। केस दर्ज करवाने वाले निगम अधिकारी ने भी बल्ले से मारने की बात से इनकार कर दिया है। वीडियो की फोरेंसिक जांच भी नहीं की गई है।

पीएम मोदी ने भी घटना पर जताई थी नाराजगी

बल्ला कांड की गूंज देशभर में सुनाई दी थी। घटना के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने बारिश में निगम की कार्रवाई को गलत बताया था और कहा था कि आकाश और निगमायुक्त दोनों कच्चे खिलाड़ी हैं। पीएम मोदी ने भी घटना पर नाराजगी जताई थी। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में आकाश विजयवर्गीय का टिकट पार्टी ने काट दिया था।

तीन फोटो में देखिए पूरा मामला…

आकाश विजयवर्गीय की निगम अफसर को बल्ले से पीटने की यह फोटो वायरल हुई थी।

आकाश विजयवर्गीय की निगम अफसर को बल्ले से पीटने की यह फोटो वायरल हुई थी।

वीडियो में अधिकारी का टी-शर्ट खींचते तस्वीर भी दिखी थी।

वीडियो में अधिकारी का टी-शर्ट खींचते तस्वीर भी दिखी थी।

वायरल वीडियो में अधिकारी जब जा रहे थे, तब किसी ने उनका पीछे से टी-शर्ट खींचा था।

वायरल वीडियो में अधिकारी जब जा रहे थे, तब किसी ने उनका पीछे से टी-शर्ट खींचा था।

अब जान लीजिए क्या था बल्ला कांड

26 जून 2019 को नगर निगम का अमला गंजी कंपाउंड में जर्जर मकान को तोड़ने पहुंचा, तो स्थानीय लोगों ने विधायक आकाश विजयवर्गीय को बुलाया। विधायक के आते ही कार्यकर्ताओं ने JCB की चाबी निकाल ली और आकाश ने अधिकारियों से कहा कि 10 मिनट में यहां से निकल जाना, वरना जो भी होगा उसके जिम्मेदार आप लोग होंगे।

इसी दौरान अधिकारियों से उनकी कहासुनी हो गई। घटना के बाद निगम के जोनल ऑफिसर धीरेंद्र बायस पर क्रिकेट बैट से हमला करने का वीडियो वायरल हुआ और देशभर में यह वीडियो चर्चा में आ गया। घटना के वक्त मप्र में कांग्रेस की सरकार थी। कमलनाथ मुख्यमंत्री और बाला बच्चन गृह मंत्री थे।

आकाश विजयवर्गीय के 3 बयान…

1.“मैंने क्या कर दिया मुझे याद नहीं”

विवाद के बाद आकाश ने कहा था, ‘मैं बहुत गुस्से में था। मैंने क्या कर दिया मुझे नहीं पता। निगम के अफसर ने एक महिला के साथ गाली-गलौज की और हाथ पकड़ा, जिससे मुझे गुस्सा आ गया था।’

2. ‘दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न मिले

’जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद आकाश ने कहा था, ‘‘मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मुझे दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दे। अब गांधी जी के दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश करूंगा। जब पुलिस के सामने ही एक महिला को खींचा गया, मुझे उस समय कुछ और करने की बात समझ में नहीं आई। मैंने जो भी किया, मुझे उसका अफसोस नहीं।’’

3.“मोदी जी पिता तुल्य, उनकी डांट प्यार की तरह”

पीएम मोदी की नाराजगी के बाद आकाश ने कहा था कि “मोदी जी पिता तुल्य हैं। उनकी डांट भी प्यार की तरह है। उनके बताए मार्ग पर चलने की हरसंभव कोशिश पूरे राजनीतिक जीवन में करूंगा।’

भरे बाजार जिसकी पिटाई हुई उस अधिकारी ने लिया यू-टर्न

आकाश विजयवर्गीय ने भरे बाजार में नगर निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस को क्रिकेट बैट से सरेआम पीटा था। अधिकारी ने इसकी शिकायत की थी लेकिन फरवरी 2022 में अधिकारी ने अदालत में बयान बदल लिया।कहा कि घटना के वक्त वे मोबाइल पर बात कर रहे थे। उन्हें नहीं पता बल्ला किसने मारा, क्योंकि बल्ला पीछे से चला था। क्रॉस बयान में कहा कि उन्होंने आकाश विजयवर्गीय को बल्ला मारते हुए नहीं देखा था। विजयवर्गीय के हाथ में बल्ला देखकर उन्होंने रिपोर्ट में उनका नाम लिखवा दिया था।

घटना के बाद 6 दिन में कैलाश विजयवर्गीय ने दिए थे 5 बयान

26 जून 2019 : आकाश कभी उत्तेजित नहीं होता। निश्चित तौर पर ऐसी परिस्थिति निर्मित हुई होगी, जिससे ये घटना हुई।

26 जून 2019 : एक टीवी चैनल एंकर पर भड़के। उन्होंने कहा- तुम्हारी हैसियत क्या है? तुम न्यायालय बन गए हो क्या? न्याय करोगे क्या?

28 जून 2019 : आकाश को जानने वाले समझते हैं कि वह कभी गुस्सा नहीं करता। परिस्थिति ही ऐसी हुई होगी और बात महिला के सम्मान की थी, इसलिए घटना हो गई। लेकिन जिस तरह की बयानबाजी कांग्रेस और मुख्यमंत्री कर रहे हैं, वह चौंकाने वाला है। इस सरकार का हर बात में दोहरा रवैया दिख रहा है।

29 जून 2019 : न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उसके फैसले का स्वागत करता हूं। इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसकी जिम्मेदारी हम सब की है।

1 जुलाई 2019 : बारिश के दौरान निगम की मकान गिराने की कार्रवाई गलत है। कार्रवाई करना भी हो तो वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए। निगम ने गलत ढंग से काम किया। आकाश और निगमायुक्त दोनों कच्चे खिलाड़ी हैं। दोनों ने ही गलत ढंग से मामले को निपटाने की कोशिश की। अधिकारियों को अहंकारी नहीं होना चाहिए। जो भी हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था।

पीएम मोदी ने कहा था- एक विधायक कम होगा तो क्या हो जाएगा

घटनाक्रम के बाद भाजपा संसदीय दल की पहली बैठक में आकाश विजयवर्गीय का नाम लिए बिना मोदी ने कहा था कि ऐसा घमंड और दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

“यह क्या हो रहा है जिसके मन में जो आ रहा है कर रहा है। फिर उसका समर्थन भी किया जा रहा है। वह कोई भी हो, किसी का भी बेटा हो… मनमानी नहीं चलेगी। कहा जा रहा है पहले निवेदन, फिर आवेदन फिर दनादन, यह कैसी भाषा है?”

जेल से छूटने के बाद आकाश काे सम्मानित किए जाने पर भी प्रधानमंत्री ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था, क्या होगा अगर एक विधायक कम हो जाएगा? वह इकाई भंग कर देनी चाहिए, जो स्वागत सत्कार कर रही है।” मोदी ने कहा कि अगर काेई गलती करता है ताे उसमें खेद का भाव होना चाहिए।

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इंदौर के भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय का बल्लाकांड तो आपको याद ही होगा। जब उन्होंने नगर निगम के एक अधिकारी की क्रिकेट के बैट से पिटाई कर दी थी। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अब उस अधिकारी ने अपना बयान बदल दिया है मामला 26 जून 2019 का है। जब नगर निगम का अमला इंदौर के गंजी कंपाउंड में एक जर्जर मकान समेत अन्य मकानों को तोड़ने पहुंचा था। इस दौरान इंदौर विधानसभा-3 के विधायक आकाश विजयवर्गीय भी समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर