सोमवार 10 जून को बलौदा बाजार कलेक्टर-एसपी के दफ्तर में आग लगा दी गई। इस घटना के दौरान 2 दमकल वाहन समेत कई कारें और बाइक जला दी गईं। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और आगजनी को भीड़ का आक्रोश बताया जा रहा था, लेकिन फॉरेंसिंक टीम की जांच में घटनास्थल के आस
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आगजनी के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने 6 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फॉरेंसिक टीम को बोतलों में भरे पेट्रोल के अलावा कुछ लिक्विड भी मिले हैं। इन्हें जब्त कर सैंपल के लिए फॉरेंसिक टीम साथ ले गई है।
घटना के पीछे प्रशासन का इंटेलीजेंस फेलियर भी है। भीम रेजिमेंट और कुछ अन्य संगठन के भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर चलते रहे, लेकिन इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट इससे बेखबर रहा।
घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र कर ले जाती हुई फोरेंसिक की टीम।
दैनिक भास्कर को इससे जुड़े अहम सबूत हाथ लगे हैं। सरकार की ओर से गृह मंत्री विजय शर्मा ने दावा किया है कि 6 जून को समाज के लोगों के साथ बैठक हो चुकी थी। उनकी मांग मान ली गई थी। समाज ने कह दिया था हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे। भीम रेजिमेंट नाम का संगठन बलौदा बाजार में 10 जून को भीड़ जुटाने के लिए युवाओं को उकसा रहा था। आंदोलन में कांग्रेस के कुछ नेता भी शामिल थे।
मंगलवार को घटना की जांच करने रायपुर से 5 सदस्यीय फोरेंसिक टीम बलौदा बाजार पहुंची है।
भीम रेजिमेंट ने एक पोस्ट में सरकार के जांच करने की बात को चाल बताया और सभी को बलौदा बाजार पहुंचने की अपील भीम रेजिमेंट के नेता दिनेश चतुर्वेदी ने की।
सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल कर लोगों को बुलाया गया
खुद को भीम रेजिमेंट का प्रमुख बताने वाले दिनेश चतुर्वेदी नाम के युवक ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कई ऐसे वीडियो पोस्ट किए हैं। इनमें वह 10 जून को लोगों से बलौदा बाजार पहुंचने की अपील कर रहा है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में चतुर्वेदी ने यह कहा है कि गृह मंत्री विजय शर्मा आंदोलन को दबाने की चाल चल रहे हैं।
वह लोगों से अपील करता दिख रहा है कि इस चाल के चक्कर में ना आए और 10 जून को बलौदा बाजार पहुंचे l भाजपा सरकार के खिलाफ कुछ विवादित टिप्पणियों के साथ भी चतुर्वेदी ने वीडियो पोस्ट किए हैं।
इस पोस्ट में लिखा गया है बलौदा बाजार में जो होगा वो इतिहास में याद रखा जाएगा।
कलेक्ट्रेट में आगजनी की गई थी।
आगजनी की घटना सरकार का फेलियर- एडवोकेट प्रियंका शुक्ला
AAP की प्रदेश सचिव एडवोकेट प्रियंका शुक्ला ने घटना को सरकार का फेलियर बताया और CBI जांच की मांग की है। उनके मुताबिक अगर 40, 50 लोग भी इकट्ठा हो जाए, तो IB के कॉल, थाने से कॉल पर पुलिस एक्टिव हो जाती है। इसके बाद भी बड़ी कलेक्टर कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए, आगजनी तक मामला पहुंच गया। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
इस तरह बिगड़े हालात
बलौदा बाजार जिले में स्थित गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त करने के मामले में सतनामी समाज के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। जिला प्रशासन से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का वादा करके बलौदा बाजार स्थित दशहरा मैदान में प्रदर्शन करने पहुंचे प्रदर्शनकारी उग्र हो गए।
पुलिस का ये अधिकारी उपद्रवियों को रोकने की बजाए आगे निकल गया।
प्रदर्शनकारी दशहरा मैदान से एक किमी दूर स्थित तहसील, कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय पहुंचे और पुलिसकर्मियों के बेरिकेड्स को तोड़कर आग लगा दी। आगजनी में एसपी-कलेक्ट्रेट कार्यालय जल गया। वहीं तहसील कार्यालय के बाहर खड़ी गाड़ियों में बेकाबू प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी।
ये भीड़ थी जो काबू नहीं की जा सकी।
घटना के दौरान तहसील, कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय में मौजूद पुलिसकर्मियों और वहां काम कराने पहुंचे लोगों ने बताया, कि प्रदर्शनकारी पेट्रोल बम लेकर पहुंचे हुए थे। उन्होंने बेरिकेड्स तोड़ा और पुलिसकर्मियों को धक्का-मुक्की देते हुए कार्यालय में घुसे और तोड़फोड़ करने लगे। अचानक हुई तोड़फोड़ से लोग भागने लगे, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल बम एसपी-कलेक्ट्रेट कार्यालय में फेंककर आग लगा दी और फरार हो गए।
कलेक्ट्रेट में जले हुए बाइक के अवशेष।
खुले आम उपद्रवी गाड़ियां तोड़ते रहे। 130 गाड़ियां तोड़ी गई जला दी गई।
आम लोग अपने जले हुए वाहन ढूंढते रहे
कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर में कई लोग अपने काम के लिए पहुंचे थे। उनमें से ही एक सुशीलदास माणिकपुरी बलौदा बाजार के पिपरछेड़ी गांव के रहने वाले हैं। जो घटना के दिन अपनी जमीन का नकल निकालने यहां पहुंचे थे। उनकी बाइक परिसर में ही खड़ी थी लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उसे आग के हवाले कर दिया। इसके बाद बेबस सुशीलदास जली हुई गाड़ियों में अपना वाहन ढूंढता रहा।
तहसील दफ्तर और आसपास रास्ते में रखे वाहनों को भी आग के हवाले किया
प्रदर्शनकारियों ने केवल कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर ही नहीं बल्कि तहसील ऑफिस में प्रदर्शन के दौरान आम लोगों की गाड़ियों में भी आग लगा दी। यहां खड़े कई वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने फूंक दिया।
कलेक्ट्रेट में रखे कई दस्तावेज भी जल गए।
कई दस्तावेज भी जलकर राख
कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस में आगजनी की घटना होने से शासकीय दस्तावेज जलकर राख हो गए है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार आगजनी के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान आबकारी विभाग में रखे दस्तावेजों और एसपी कार्यालय के आरटीई सेक्शन में रखे दस्तावेजों को हुआ है। एसपी कार्यालय के अंदर बने अधिकारियों के चेंबरों में भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की है।
ये पत्र जिसमें आयोजन की शर्तें थीं।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक बलौदा बाजार में दशहरा मैदान में धरना प्रदर्शन का आयोजन भीम क्रांतिवीर अध्यक्ष किशोर नवरंगे, प्रगतिशील सतनामी समाज के दीपक घृतलहरे, प्रगतिशील सतनामी समाज युवा प्रदेश अध्यक्ष मोहन बंजारे
इसी संगठन के युवा प्रकोष्ठ के सुशील बंजारे, सतनाम सेवा समिति के जिला अध्यक्ष जितेंद्र नवरंगे, सतनामी समाज के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश खुंटे, भुनेश्वर और भीम रेजीमेंट के दिनेश चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के आयोजन का जिम्मा लिया था।
कार्यालय के बाहर जली हुई कारें।
कांग्रेस नेता हुए आंदोलन में शामिल
कांग्रेस की विधायक कविता प्राण लहरे और बिलासपुर लोकसभा से चुनाव हार चुके उम्मीदवार देवेंद्र यादव बलौदा बाजार के इस आंदोलन में शामिल हुए थे। सोशल मीडिया पर दोनों ही नेताओं ने अपनी तस्वीर भी पोस्ट की ।
सतनामी समाज की मांगों का समर्थन किया। हालांकि जब हालत बिगड़ने लगे इन नेताओं की आंखों के सामने जब युवा तोड़फोड़ मचाने लगे तो विधायक कविता प्राण लहरे सभी से शांत रहने की अपील करती दिखाई दी थी।
कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव के आंदोलन में शामिल होने की जानकारी पोस्ट करके दी गई थी।
पुलिस संभाल न सकी
बलौदा बाजार की सड़क पर हुड़दंग करने वालों ने डिवाइडर तक तोड़ डाला। एक ऐसा दृश्य भी कैमरे में कैद हुआ जब हुड़दंग मचा रहे सैकड़ों युवा सड़क पर थे पुलिस का एक अधिकारी वहां अपनी कार से गुजर रहा था। उसने उतरने की कोशिश की मगर भीड़ को देखते हुए गाड़ी आगे बढ़ गई और पुलिस अफसर ने युवाओं को नहीं रोका। इससे भीड़ का हौसला और बढ़ गया।
वो 90 मिनट
बलौदा बाजार के सभा स्थल से जब बेकाबू भीड़ शहर की सड़कों की ओर बढ़ने लगी तो पुलिस से स्थिति संभाली नहीं गई। बैरिकेड तोड़ने के बाद फायर फाइटिंग की गाड़ियों पर चढ़कर युवाओं ने तोड़फोड़ की । सुरक्षाकर्मी खुद को बचाकर जैसे तैसे भागे।
तबाही का मंजर बलौदा बाजर में।
कुछ पुलिस कर्मियों को भी चोट आई है। इसके बाद भीड़ कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय में घुसी। एक-एक कर 130 गाड़ियां जला दी गईं या तोड़ दी गई। दफ्तर में आग लगा दी गई। करीब 90 मिनट तक यह स्थिति बेकाबू रही इसके बाद अतिरिक्त फोर्स बुलाकर भीड़ को तीतर भीतर किया गया। मगर तब तक बहुत कुछ तबाह हो चुका था।
घटनास्थल के आसपास लोगों से पूछताछ करती हुई पुलिस।
घटना का आंखों देखा हाल पुलिसकर्मी राजेश कुमार की जुबान से..….
हम पुलिस के जवान कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर के आसपास सुरक्षा में तैनात थे। कलेक्ट्रेट के पहले भीड़ को रोकने की कोशिश की गई लेकिन बैरिकेड्स तोड़कर वे आगे बढ़ गए। कलेक्ट्रेट पहुंचते ही लोगों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। कुछ लोग पेट्रोल लेकर भी यहां पहुंचे थे। इस दौरान हमारे कई पुलिसकर्मी घायल हुए। कई लोगों के सिर पर चोट लगी। प्रदर्शन इतना उग्र था कि भीड़ ने पुलिसकर्मियों को ही पीटना शुरू कर दिया।
वे लोग लगातार पत्थर बरसाते रहे। जिनसे बचते हुए हम पीएचई दफ्तर की तरफ भागे और अपनी जान बचाई। तब तक हमारी गाड़ियां जला दी गई। हमारे कई सहकर्मी घायल हैं, दमकल वाहन के ड्राइवर को भी लोगों ने पीटा उसका हाथ फैक्चर है और बुरी तरह घायल है। भीड़ में कुछ लोग पूरी तैयारी के साथ आए थे। वे कलेक्ट्रेट दफ्तर पहुंचते ही आग लगाना शुरू कर दिए थे।
50 से ज्यादा लोग घायल
बलौदा बाजार में सोमवार को हुई हिंसा में 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। इसमें दो दर्जन से ज्यादा पुलिस वाले और बाकी प्रदर्शनकारी और कलेक्ट्रेट, तहसील और एसपी कार्यालय में अपने काम करवाने पहुंचे लोग है। घायलों को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उपचार के लिए निजी और शासकीय अस्पताल में भर्ती करवाया है। हिंसा में घायल हुए कुछ लोगों को गंभीर चोट आई है, जिनका उपचार जारी है।
हादसे में कई लोग घायल हुए हैं।
50 से ज्यादा हिरासत में ऑफिशियल पुष्टि नहीं
हिंसा के बाद पुलिस ने 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। लेकिन बलौदा बाजार पुलिस ने अब तक गिरफ्तारी और चोटिल लोगों की अधिकृत पुष्टि नहीं की है। जिला प्रशासन और पुलिस महकमे के अधिकारी मामले में जांच करने और दोषियों की पहचान करने के बाद उन पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।
CM ने बुलाई बैठक, सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बलौदा बाजार की घटना को देखते हुए सीएम निवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में डिप्टी सीएम, मुख्य सचिव और डीजीपी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। घटना के बारे में सीएम ने विस्तार से जाना और अराजकता फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। सीएम ने लोगों से संयम और शांति बनाई रखने की अपील की है।
देर रात घटनास्थल पहुंचे थे तीन मंत्री।
डिप्टी सीएम देर रात पहुंचे बलौदा बाजार
घटना की जानकारी मिलने पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा सोमवार-मंगलवार की रात 1.20 बजे बलौदा बाजार पहुंचे। उनके साथ मंत्री दयालदास बघेल और मंत्री टंकराम वर्मा भी मौजूद थे। बलौदा बाजार पहुंचकर उन्होंने कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय का मुआयना किया। घटनास्थल का मुआयना करने से पहले डिप्टी सीएम ने विभागीय अधिकारियों की बैठक ली और मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान सोमवार को उपद्रवियों ने 75 बाइक, 20 कार और 2 दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया गया। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसके बाद कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में आगजनी की। पढ़ें पूरी खबर