बदलापुर यौन-शोषण केस, बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई आज: कोर्ट ने पुलिस को फटकारा था; कहा- हमारे संज्ञान पर दूसरी बच्ची का बयान दर्ज हुआ

मुंबई/बदलापुर6 मिनट पहले

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यौन उत्पीड़न की घटना के खिलाफ 20 अगस्त को लोगों ने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया। - Dainik Bhaskar

यौन उत्पीड़न की घटना के खिलाफ 20 अगस्त को लोगों ने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया।

महाराष्ट्र के बदलापुर में स्कूल के अंदर 2 बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट आज सुनवाई होगी। 21 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को स्वतः संज्ञान में लिया था। 22 अगस्त को कोर्ट ने मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि अब 4 साल की बच्चियों को भी नहीं बख्शा जा रहा। यह कैसी स्थिति है।

कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि हमारे संज्ञान के बाद दूसरी बच्ची और उसके परिवार का बयान दर्ज किया गया। अब तक इसमें देर क्यों हुई।

कोर्ट ने कहा कि अगर स्कूल ही सेफ नहीं है तो शिक्षा के अधिकार और बाकी चीजों की बात करने का क्या मतलब। हाईकोर्ट ने मामले की जानकारी छिपाने के आरोप में स्कूल प्रशासन के खिलाफ पॉक्सो के तहत केस दर्ज करने को कहा है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने सरकार से केस डायरी और FIR की कॉपी भी मांगी है। एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा।

20 अगस्त को पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने इसे उठाकर पुलिस पर ही वापस फेंक दिया।

20 अगस्त को पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने इसे उठाकर पुलिस पर ही वापस फेंक दिया।

कोर्ट ने कहा- स्कूल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज क्यों नहीं किया
22 अगस्त की सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से मामले को लेकर सवाल पूछा था। कोर्ट ने पूछा, क्या बच्चियों ने स्कूल प्रशासन से यौन शोषण की शिकायत की थी। सरकार ने कहा- हां। कोर्ट ने स्कूल प्रशासन को भी आरोपी बनाने को लेकर भी सवाल किया।

सरकार ने कहा कि SIT का गठन किया गया है। अब केस दर्ज किया जाएगा। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि बच्ची के पेरेंट ने जैसे ही FIR दर्ज कराई, आपको स्कूल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था।

कोर्ट ने कहा कि हम यह जानकर हैरान हैं कि बदलापुर पुलिस ने दूसरी बच्ची के परिवार का बयान भी दर्ज नहीं किया था। हमने संज्ञान लिया तब पुलिस ने दूसरी बच्ची के पिता के बयान दर्ज किए, वह भी आधी रात के बाद। आप आधी रात के बाद बयान कैसे दर्ज कर सकते हैं? इतनी देरी क्यों?

हाईकोर्ट ने कहा कि बच्चियों ने खुद यौन शोषण की जानकारी दी है। इसके बारे में बोलने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत है। कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस से कहा कि अगर आपने किसी भी तरह मामले को दबाने की कोशिश की, तो हम एक्शन लेने से नहीं हिचकिचाएंगे।

20 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने स्कूल का मेन गेट खुलवाया और अंदर घुसकर तोड़फोड़ की।

20 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने स्कूल का मेन गेट खुलवाया और अंदर घुसकर तोड़फोड़ की।

आरोपी को दादा बोलती थीं बच्चियां
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। बच्ची उसे दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) पुकारती थी। बच्ची के मुताबिक ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी।

MVA के महाराष्ट्र बंद पर बॉम्बे हाईकोर्ट की रोक
बदलापुर घटना को लेकर 21 अगस्त को महाविकास अघाड़ी (MVA) ने 24 अगस्त को बुलाया था, लेकिन इससे एक दिन पहले 23 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बंद बुलाए जाने पर रोक लगा दी।

कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति या फिर राजनीतिक पार्टी को बंद बुलाना गैरकानूनी है। इसके बाद MVA ने बंद का फैसला वापस लिया और 24 अगस्त को काली पट्टी बांध कर विरोध जताया।

बाल आयोग बोला- स्कूल प्रशासन ने केस दबाने की कोशिश की
महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया कि स्कूल ने बच्चियों के पैरेंट्स की मदद करने के बजाय अपराध को छुपाया। स्कूल समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करवाता तो अराजक स्थिति से बचा जा सकता था। मामले को लेकर आयोग ने CM शिंदे को रिपोर्ट पेश की है।

बाल आयोग की रिपोर्ट की 2 बड़ी बातें…

  1. रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बच्ची के माता-पिता ने यौन शोषण के बारे में प्रिंसिपल को जानकारी दी थी। 14 अगस्त को प्रिंसिपल ने स्कूल मैनेजमेंट को घटना के बारे में बताया था। फिर भी दो दिनों तक अभिभावकों से कोई बातचीत नहीं की।
  2. मैनेजमेंट को दूसरी बच्ची के साथ हुए यौन शोषण की जानकारी भी 16 अगस्त मिल गई थी। बच्चियों के अभिभावकों ने पुलिस और पॉलिटिक्स से जुड़े लोगों के साथ स्कूल से संपर्क किया था, लेकिन मैनेजमेंट ने खुद से पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।

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बदलापुर यौन-शोषण केस, आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में:महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री बोले- वारदात के दिन का CCTV फुटेज गायब है

ठाणे के बदलापुर में 2 बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में गिरफ्तार आरोपी अक्षय शिंदे को 26 अगस्त को कल्याण कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

पुलिस ने आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उसे 21 अगस्त तक कस्टडी में रखा था। इसके बाद लोअर कोर्ट ने उसे आज यानी 26 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा था।

इधर, महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने स्कूल के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन का CCTV फुटेज गायब है। कुल 15 दिन का फुटेज डिलीट किया गया है। पूरी खबर पढ़ें…

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