पूजा खेडकर बोलीं- पुणे कलेक्टर ने मुझे अपमानित किया: एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में कहा- मेरी छवि घमंडी अधिकारी की बन गई

पुणे16 मिनट पहले

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UPSC ने 31 जुलाई को पूजा खेडकर का सिलेक्शन रद्द कर दिया था। - Dainik Bhaskar

UPSC ने 31 जुलाई को पूजा खेडकर का सिलेक्शन रद्द कर दिया था।

पूर्व ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर का महाराष्ट्र के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को लिखा एक पत्र सामने आया है। इसमें पूजा ने पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे पर ट्रेनिंग के पहले दिन ही उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है।

पूजा ने पत्र में लिखा- पुणे कलेक्टर के मेरे खिलाफ लिखे गए पत्र और उसके बाद हुई मीडिया कवरेज से मेरी छवि घमंडी अधिकारी की बन गई। इससे मुझे मानसिक आघात पहुंच रहा है और मैं बेहद परेशान हूं। पूजा ने 3 पेजों का यह पत्र पुणे से वाशिम ट्रांसफर होने के तीन दिन बाद 11 जुलाई को लिखा।

दरअसल, पूजा खेडकर पुणे जिला कलेक्टर ऑफिस से विशेष सुविधाओं की मांग और उसके बाद सिलेक्शन को लेकर विवादों में आई थी। UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया। 31 जुलाई को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया और कहा कि वह भविष्य में UPSC का कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी।

पूजा बोलीं- ऑफिसर ने मुझे चैम्बर दिया, इससे कलेक्टर नाराज हो गए
पूजा खेडकर पर आरोप था कि उन्होंने सीनियर ऑफिसर के चैंबर पर कब्जा किया और उनकी नेम प्लेट हटा दी। इसका जवाब देते हुए पूजा ने लिखा कि एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे ने मुझे अपना चैम्बर दिया था। साथ ही अपने कर्मचारियों को मेरे लिए उसे व्यवस्थित करने को कहा था। कर्मचारियों ने मेरी जरूरतों के बारे में पूछा और स्टेशनरी आदि का इंतजाम किया।

एक दिन बाद जब कलेक्टर सुहास दिवासे ऑफिस आए तो उन्हें किसी ने एडिशनल कलेक्टर के चैंबर में मेरे बैठने की व्यवस्था के बारे में बताया। शायद वह इस बात से नाराज थे। इसी वजह से उन्होंने तहसीलदार को बुलाया और चैम्बर से मेरा सामान हटाने को कहा। जब मैंने उनसे बात की तो उन्होंने आरोप लगाया कि मैंने चैंबर पर कब्जा किया है और उन्होंने मेरी कोई भी बात नहीं सुनी।

पूजा ने कहा कि मैंने कलेक्टर से माफी मांगी
इसके बाद दिवासे ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नितिन गद्रे को पत्र लिख मेरी शिकायत की। पूजा ने लिखा कि अगले दिन उन्होंने दिवासे से मिलने की कोशिश की लेकिन वो व्यस्त थे। मैंने उन्हें मैसेज कर माफी मांगी और कहा कि वे मेरे बैठने की व्यवस्था के बारे में जो भी फैसला लेंगे, मुझे स्वीकार होगा। मुझे लगा कि मामला खत्म हो गया है। हालांकि, कलेक्टर दिवासे ने खेडकर के आरोपों को नकारते हुए पूरी तरह से निरर्थक करार दिया है।

पूजा का UPSC ने सिलेक्शन रद्द कर दिया था
UPSC ने 31 जुलाई को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया और कहा कि वह भविष्य में UPSC का कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी। पूजा पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था। UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया। पूजा को एग्जाम में 2022 में 841वीं रैंक मिली थी। वे 2023 बैच की ट्रेनी IAS हैं। जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं।

UPSC ने बयान जारी कर पूजा खेडकर का सिलेक्शन रद्द करने की जानकारी दी थी।

UPSC ने बयान जारी कर पूजा खेडकर का सिलेक्शन रद्द करने की जानकारी दी थी।

UPSC ने बताया- पूजा को 2 बार समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया

  • पूजा ने रूल्स तोड़े: UPSC ने 31 जुलाई को बयान जारी कर बताया कि पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के लिए 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपने जवाब के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा। आयोग ने कहा, उन्हें फिर 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
  • 15,000 डेटा की जांच की, यह पता नहीं चला कि पूजा ने कितने अटेम्प्ट्स दिए: खेडकर के केस के चलते UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए थे। मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का मामला एकमात्र था। उन्होंने कई बार न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।

पूजा का मामला कैसे सामने आया; लाल बत्ती लगी ऑडी कार में ऑफिस पहुंचीं, सीनियर अफसर को धमकाया

पूजा पुणे में ट्रेनी अफसर की ट्रेनिंग ले रही थीं। इस दौरान उन पर सुविधाएं मांगने का आरोप लगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने की शिकायत भी सामने आई। वे अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगवाई।

पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था। इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने यूपीएससी में सिलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई तो कई खुलासे हुए।

पूजा अपनी पोस्टिंग के दौरान जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थीं, उस पर 26 हजार रुपए का जुर्माना बकाया है।

पूजा अपनी पोस्टिंग के दौरान जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थीं, उस पर 26 हजार रुपए का जुर्माना बकाया है।

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