पुणे पोर्श केस- ब्लड सैंपल बदलने वाले 2 आरोपी अरेस्ट: दोनों की आज कोर्ट में पेशी, पुलिस ने अबतक 9 लोगों को गिरफ्तार हो चुके

पुणे16 मिनट पहले

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नाबालिग आरोपी ने पुणे में 18-19 मई की रात बाइक सवार सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई। - Dainik Bhaskar

नाबालिग आरोपी ने पुणे में 18-19 मई की रात बाइक सवार सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई।

पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में पुणे क्राइम ब्रांच ने सोमवार (19 अगस्त) की रात 2 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के अनुसार, दोनों ने घटना के दिन कार में मौजूद नाबालिग आरोपी के दोस्तों का ब्लड सैंपल बदलवाया था। दोनों आरोपी की आज मंगलवार को कोर्ट में पेशी होगी।

पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18-19 मई की रात 17 साल 8 महीने के एक लड़के ने IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था।

पुणे पुलिस के अनुसार, अबतक मामले में कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुणे पुलिस ने 25 जुलाई में 7 लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने, सबूत मिटाने और ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में केस दर्ज किया। इनमें नाबालिग के माता-पिता, ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टर, एक कर्मचारी और दो बिचौलिए शामिल हैं।

ये हादसे वाली जगह के पास का CCTV फुटेज है। इसमें तेज रफ्तार पोर्श कार सड़क से गुजरती दिख रही है।

ये हादसे वाली जगह के पास का CCTV फुटेज है। इसमें तेज रफ्तार पोर्श कार सड़क से गुजरती दिख रही है।

900 पेज की चार्जशीट, नाबालिग का नाम नहीं
पुणे पोर्श केस में 25 जुलाई को पुलिस ने 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि इसमें 17 साल के नाबालिग आरोपी का नाम शामिल नहीं किया गया है। नाबालिग का मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) में है। 7 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और साक्ष्य मिटाने से संबंधित धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 जून को नाबालिग को जमानत दे दी थी। तब कोर्ट ने कहा कि हमें आरोपी के साथ वैसे ही पेश आना होगा, जैसे हम कानून का उल्लंघन करने वाले किसी और बच्चे के साथ पेश आते। फिर चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो।हाईकोर्ट के आदेश के बाद किशोर को सुधार गृह से रिहा कर दिया गया और उसकी हिरासत उसकी मौसी को सौंप दी गई थी।

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