पुणे पोर्श केस: आरोपी के दादा का दावा- कार फैमिली ड्राइवर चला रहा था; पुलिस ने विशाल अग्रवाल का फोन जब्त किया

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पुणे6 मिनट पहले

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घटनास्थल पर लगे CCTV में तेज रफ्तार से गुजरती हुई पोर्श दिखाई दे रही है। - Dainik Bhaskar

घटनास्थल पर लगे CCTV में तेज रफ्तार से गुजरती हुई पोर्श दिखाई दे रही है।

पुणे पोर्श केस के आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि घटना के वक्त कार उनका फैमिली ड्राइवर चला रहा था। नाबालिग के दोस्तों ने भी ड्राइवर की बात कही है। पुलिस की पूछताछ में ड्राइवर ने भी अपने पहले बयान में गाड़ी चलाने की बात स्वीकार की है।

वहीं, पुलिस की गिरफ्त में मौजूद आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने भी पुलिस को कहा था कि गाड़ी उसका बेटा नहीं बल्कि हमारा फैमिली ड्राइवर चला रहा था। वहीं, पुलिस ने विशाल का फोन जब्त किया है। विशाल की कॉल डिटेल और अन्य जानकारी निकालने की कोशिश कर रही है।

दूसरी तरफ पुणे के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) आरोपी नाबालिग को 25 साल की उम्र के पहले लाइसेंस जारी नहीं करेगा। वहीं, RTO ने पोर्श कार टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन 12 महीने के लिए रद्द कर दिया है।

जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को 5 जून तक बाल सुधार गृह भेजा

ये तस्वीर पब के CCTV फुटेज की है। हादसे से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ शराब पी और नशे में कार लेकर निकल गया।

ये तस्वीर पब के CCTV फुटेज की है। हादसे से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ शराब पी और नशे में कार लेकर निकल गया।

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 75 हजार रुपए के बॉन्ड और सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने की सजा सुनाते हुए नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी थी। देशभर में इस फैसले का विरोध हुआ। पुणे में लोगों ने हड़ताल की तो महाराष्ट्र सरकार ने बोर्ड से फैसले पर फिर विचार करने को कहा।

बुधवार (22 मई) को बोर्ड ने आरोपी को पूछताछ के लिए फिर बुलाया। यहां पुलिस ने बताया कि अपराध क्रूर तरीके से किया गया। आरोपी 17 साल 8 महीने का है। वह महंगी कार चलाता है। शराब पीता है और उसका व्यवहार बालिग जैसा है। इसलिए इसे भी संज्ञान में लिया जाए। इसके बाद बोर्ड ने जमानत का फैसला रद्द कर आरोपी को 5 जून तक के लिए किशोर सुधार गृह भेज दिया।

पुणे RTO ने पोर्श कार का टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन 12 महीने के लिए रद्द।

पुणे RTO ने पोर्श कार का टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन 12 महीने के लिए रद्द।

2.44 करोड़ की कार, 1758 रुपए के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ
RTO के अधिकारी संजीव भोर के मुताबिक, विशाल अग्रवाल ने इलेक्ट्रिक लग्जरी स्पोर्ट्स सेडान पोर्श कार मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर से 2.44 करोड़ रुपए में खरीदी थी। डीलर ने 18 मार्च को टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन के बाद यह कार विशाल को सौंपी थी। इसका रजिस्ट्रेशन 17 सितंबर 2024 तक वैलिड है।

उन्होंने आगे कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A (4) के मुताबिक, नाबालिग के मामले में कार का रजिस्ट्रेशन 12 महीने के लिए रद्द कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कार ओनर 18 अप्रैल 2024 को पुणे के RTO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के लिए आया था। जांच और सभी प्रक्रिया उसी दिन पूरी कर दी गई थी, लेकिन 1758 रुपए नहीं चुकाने के कारण कार का रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं किया गया था।

भोर ने बताया कि अधिनियम के मुताबिक अगर किसी नाबालिग से कोई हादसा होता है तो उसे 25 साल की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल सकता।

आरोपी के दादा ने भाई से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद में छोटा राजन से मदद मांगी थी
इधर, नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल का अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन निकला है। बताया जा रहा है कि 2021 में सुरेंद्र ने अपने भाई आरके अग्रवाल के साथ प्रॉपर्टी को लेकर विवाद निपटाने के लिए छोटा राजन से मदद मांगी थी। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इसकी भी जांच होगी।

एक अधिकारी ने बताया कि पुणे पोर्श केस में नाबालिग आरोपी के दादा से पुणे पुलिस पूछताछ कर रही है। दूसरी तरफ, पुलिस ने नाबालिग आरोपी से ज्यादा उसके पिता विशाल अग्रवाल पर इल्जाम लगाए हैं। FIR के मुताबिक, रियल एस्टेट डेवलपर विशाल को पता था कि उसका बेटा नाबालिग है। फिर भी उसने बेटे को न सिर्फ 2.50 करोड़ कीमत वाली बिना नंबर प्लेट की पोर्श कार दी, बल्कि पब में शराब पार्टी के लिए अपना क्रेडिट कार्ड भी दिया था।

इस कार्ड से आरोपी ने 90 मिनट में 48 हजार रुपए का बिल चुकाया। कार के ड्राइवर ने आरोपी को गाड़ी देने से मना किया था, लेकिन पिता विशाल के कहने पर उसने गाड़ी दी। 18 मई की रात में आरोपी ने पब से शराब पार्टी के बाद बाइक सवार युवक-युवती को कार से टक्कर मार दी। हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पूरी खबर पढ़ें…

दोनों मृतक मध्य प्रदेश के रहने वाले, घरवाले बोले- यह हादसा नहीं, हत्या

कार से टक्कर के बाद अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौके पर ही मौत हो गई थी।

कार से टक्कर के बाद अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौके पर ही मौत हो गई थी।

चश्मदीदों के मुताबिक, घटना के दौरान नाबालिग आरोपी शराब के नशे में करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था। उसने रात करीब 2 बजे कल्याणीनगर में बाइक सवार IT इंजीनियर्स को पीछे से टक्कर मारी थी। कार का एयरबैग खुलने की वजह से वह आगे नहीं देख पा रहा था। इसके बाद आरोपी को मजबूरन कार रोकनी पड़ी। स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया।

हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई। दोनों एक पार्टी से लौट रहे थे। लोगों ने बताया कि कार की टक्कर से बाइक सवार लड़की हवा में कई फीट उछलकर जमीन पर आ गिरी थी और युवक पास खड़ी दूसरी कार से जा टकराया था।

एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले युवक अनीश अवधिया मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बीरसिंहपुर और युवती अश्विनी कोष्टा जबलपुर की रहने वाली थी। एक की डेड बॉडी 20 मई और दूसरे की 21 मई को उनके घर पहुंची। अनीश के चाचा अखिलेश अवधिया ने कहा- यह हादसा नहीं हत्या है। आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए थी।

अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि लोगों को इससे सबक मिले। मेरी बेटी ने अपनी पढ़ाई पुणे में पूरी की और उसे वहीं नौकरी मिल गई थी। भाई समरप्रीत ने बताया कि अश्विनी पुणे में 6 साल से थी, जनवरी में ही उसने 24वां जन्मदिन मनाया था।

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नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द, 5 जून तक बाल सुधार गृह भेजा गया, पिता भी 24 मई तक पुलिस कस्टडी में

पुणे के पोर्श एक्सीडेंट और मर्डर केस में जुवेनाइल बोर्ड ने बुधवार को नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी और उसे 5 जून तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। आरोपी एक नामी बिल्डर का बेटा है जिसने 18 मई की रात शराब के नशे में अपनी पोर्श कार से बाइक को टक्कर मारी थी।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…

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