पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी: येरवड़ा थाने के SI और ASI सस्पेंड; पब-बार में काम करने वालों ने प्रदर्शन किया

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पुणे8 मिनट पहले

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18 मई की रात को एक्सीडेंट के बाद राहगीरों ने आरोपी नाबालिग को पीटा था। - Dainik Bhaskar

18 मई की रात को एक्सीडेंट के बाद राहगीरों ने आरोपी नाबालिग को पीटा था।

पुणे पोर्श केस की जांच अब पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी। कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि येरवड़ा थाना पुलिस ने केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया है। मामले की आगे की जांच अब वही करेगी।

उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच पहले से ही आरोपी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल और घटना से पहले आरोपी ने जिन पब में शराब पी थी उनके मालिकों के खिलाफ जांच कर रही है।

वहीं, इस मामले में लापरवाही बरतने पर येरवड़ा थाने में पदस्थ इंस्पेक्टर राहुल जगदाले और ASI विश्वनाथ टोडकरी को मामले की जानकारी अपने सीनियर्स (रात को ऑन ड्यूटी पुलिस डिप्टी कमिश्नर) को देने के प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं करने पर सस्पेंड कर दिया गया है।

18 मई की रात जब कल्याणी नगर में यह हादसा हुआ था तब इंस्पेक्टर जगदाले और ASI टोडकरी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन दोनों ने घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को नहीं दी थी। पुलिस पर आरोप है कि आरोपी को थाने में स्पेशल ट्रीटमेंट दिया गया था।

वहीं, पुणे जिला प्रशासन शहर भर के पब-बार ऐसे पब-बार पर कार्रवाई कर रहा है जो नियमों का पालन नहीं कर रहे है। वहीं, इस कार्रवाई के खिलाफ 2500 पब-बार कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।

घटनास्थल पर लगे CCTV में तेज रफ्तार से गुजरती हुई पोर्श दिखाई दे रही है।

घटनास्थल पर लगे CCTV में तेज रफ्तार से गुजरती हुई पोर्श दिखाई दे रही है।

2500 पब-बार कर्मचारियों ने 24 मई को जिला प्रशासन के एक्शन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

2500 पब-बार कर्मचारियों ने 24 मई को जिला प्रशासन के एक्शन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

पुणे के पबों पर प्रशासन का एक्शन, कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया
घटना के बाद पुणे जिला प्रशासन ने शहर में संचालित पबों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। नियमों का उल्लंघन करने वाले 32 पबों पर एक्शन लिया गया। लेकिन इन पबों में काम करने वाले लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया।

शुक्रवार को 2500 से ज्यादा लोग जो पबों में काम करते हैं। सभी पुणे स्टेशन के पास राजा बहादुर मिल्स एरिया में इकठ्ठे हुए और कार्रवाई का विरोध किया। सभी के हाथ में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि 60 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे, हमारे बूढ़े माता-पिता का मेडिकल बिल कौन भरेगा, हम अपने स्टाफ की सैलरी कैसे देंगे।

प्रदर्शन में शामिल महिला ने कहा कि जो पब नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ एक्न्शन होना चाहिए, सभी पर नहीं। एक युवक ने कहा कि दो पब की गलती का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। एक पब के मालिक ने कहा कि कोविड के दौरान हमें बहुत नुकसान हुआ था। अब इस कार्रवाई से और नुकसान हो रहा है। कार्रवाई रुकना चाहिए।

आरोपी के पिता को 7 जून तक की पुलिस रिमांड
वहीं, स्पेशल कोर्ट ने 24 मई को आरोपी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल समेत सभी छह आरोपियों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा। पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि इस मामले में पुलिस का पक्ष रखने के लिए स्पेशल काउंसिल नियुक्त किए जाएंगे।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी। ताकि यह दिखाया जा सके कि आरोपी नाबालिग गाड़ी नहीं चला रहा था। पुलिस ने आरोपी के पिता, बार मालिकों और मैनेजर के खिलाफ दर्ज FIR में धोखाधड़ी की धारा 420 भी जोड़ी है।

कमिश्नर ने कहा, ‘हमारे पास नाबालिग के पब में शराब पीते हुए CCTV फुटेज हैं। ऐसे में हम सिर्फ ब्लड सैंपल रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहेंगे। साथ ही इंटरनल इन्क्वॉयरी में पता चला है कि कुछ पुलिसकर्मियों की ओर से चूक हुई थी और सबूत नष्ट करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’

ये तस्वीर पब के CCTV फुटेज की है। हादसे से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ शराब पी और नशे में कार लेकर निकल गया।

ये तस्वीर पब के CCTV फुटेज की है। हादसे से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ शराब पी और नशे में कार लेकर निकल गया।

नाबालिग के पिता-दादा का दावा था- गाड़ी ड्राइवर चला रहा था
आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने 23 मई को दावा किया था कि घटना के वक्त कार उनका फैमिली ड्राइवर चला रहा था। नाबालिग के दोस्तों ने भी ड्राइवर की बात कही है। पुलिस की पूछताछ में ड्राइवर ने भी अपने पहले बयान में गाड़ी चलाने की बात स्वीकार की है।

वहीं, पुलिस की गिरफ्त में मौजूद आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने भी पुलिस को कहा था कि गाड़ी उसका बेटा नहीं, बल्कि हमारा फैमिली ड्राइवर चला रहा था। वहीं, पुलिस ने विशाल का फोन जब्त किया है। विशाल की कॉल डिटेल और अन्य जानकारी निकालने की कोशिश कर रही है।

दूसरी तरफ पुणे के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) आरोपी नाबालिग को 25 साल की उम्र के पहले लाइसेंस जारी नहीं करेगा। साथ ही RTO ने पोर्श कार का टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन 12 महीने के लिए रद्द कर दिया है। पूरी खबर पढ़ें…

आरोपी ने 90 मिनट में 48 हजार रुपए की शराब पी थी
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया था कि आरोपी 18 मई को रात करीब 10:40 बजे कोजी पब गया था। यहां उसने 90 मिनट में 48 हजार रुपए का बिल चुकाया। इसके बाद वह रात 12:10 बजे ब्लैक क्लब मैरियट होटल गया था। यहां से निकलने के बाद रात 2 बजे उसकी कार से एक्सीडेंट हुआ था। वह 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से कार चला रहा था।

ACP मनोज पाटिल ने कहा- आरोपी का ब्लड टेस्ट कराया गया है। FIR में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185- शराब पीकर गाड़ी चलाना यानी ड्रिंक एंड ड्राइव का चार्ज जोड़ा है। उसके खिलाफ IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। पूरी खबर पढ़ें…

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