पानी की बोतल से बाहर आया यूपी RO/ARO का पर्चा: भोपाल से लीक हुआ था; STF ने 6 को गिरफ्तार किया, इनमें 3 B.Tech पास – Varanasi News

UP STF ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

UP में समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) के पेपर लीक मामले में STF ने बड़ा खुलासा किया है। STF के मुताबिक, परीक्षा का पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस में छपा था। यहीं से पेपर लीक हुआ था। प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मद

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अभ्यर्थियों से 10-12 लाख रुपए लेकर भोपाल के एक होटल में उन्हें रटवाया गया था। STF ने भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी समेत 6 लोगों को प्रयागराज से अरेस्ट किया। STF अब तक इस मामले में 16 लोगों को जेल भेज चुकी है।

यूपी STF की गिरफ्त में समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी पेपर लीक के आरोपी।

यूपी STF की गिरफ्त में समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी पेपर लीक के आरोपी।

11 फरवरी को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था पेपर
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 11 फरवरी, 2024 को RO-ARO (समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी) की प्रारंभिक परीक्षा कराई थी। कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने से पहले ही उसका प्रश्नपत्र वायरल हो गया।

UP सरकार ने परीक्षा निरस्त करके मामले की जांच STF को सौंपी। STF ने 100 से अधिक नंबर सर्विलांस पर लगाए। पेपर भोपाल में छपा था, तो प्रेस के हर कर्मचारी का कॉल डेटा रिकॉर्ड यानी CDR निकाला। टीम भोपाल पहुंची तो पता चला कि पेपर लीक का मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा उस समय अपने गैंग के साथ भोपाल में रह रहा था।

STF को शक हो गया कि इसी गैंग ने प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी से पेपर लीक करवाया। सुनील रघुवंशी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पहले तो उसने आनाकानी की। मगर, सख्ती से पूछताछ करने पर जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियों के नाम भी बताए। STF ने दबिश देकर 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया।

इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ पढ़ते थे आरोपी
STF जांच में प्रिंटिंग प्रेस कर्मी और गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के नंबरों के बीच बातचीत के सबूत भी मिले। पता चला कि प्रयागराज का राजीव नयन मिश्रा, बिहार के सुभाष प्रकाश, प्रयागराज के विशाल दुबे और भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस कर्मी सुनील रघुवंशी अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे, लेकिन एक-दूसरे से परिचित थे। विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी 2014 से 2017 तक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढ़े थे।

सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर है। सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करता है। सुनील की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपते हैं। यह जानकारी विशाल दुबे ने राजीव नयन और सुभाष प्रकाश को दी। फिर सभी ने पेपर लीक की प्लानिंग की।

पहले विशाल को बताया RO-ARO पेपर
सुनील रघुवंशी ने विशाल दुबे को बताया कि RO-ARO का प्रश्नपत्र छप रहा है, जिसके एक प्रश्नपत्र में 140 प्रश्न हैं। दूसरे में 40 प्रश्न हैं। राजीव नयन, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश ने प्रश्नपत्र को आउट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को तैयार किया। उसने 10 लाख रुपए की मांग की। प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने पढ़वाने की शर्त रखी। राजीव नयन, विशाल दुबे और सुभाष तैयार हो गए।

प्रदेशभर में प्रदर्शन होने के बाद UP सरकार ने पेपर रद्द कर दिया। 6 महीने में दोबारा पेपर करवाने को कहा था।

प्रदेशभर में प्रदर्शन होने के बाद UP सरकार ने पेपर रद्द कर दिया। 6 महीने में दोबारा पेपर करवाने को कहा था।

कैसे हुआ पेपर लीक
प्रिंटिंग के दौरान प्रश्नपत्र में स्याही लगने पर उसे छांटकर अलग रखा जाता है। बाद में इसे कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है। 3 फरवरी को सुनील मशीन की मरम्मत के समय मौजूद था। मौका पाकर एक स्याही लगा प्रश्नपत्र अपने पानी पीने की बोतल के साथ बाहर ले आया।

उसने विशाल दुबे को फोन किया। फिर विशाल, राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश को होटल बुलाया। फिर सॉल्वरों से प्रश्नपत्र को हल कराकर अभ्यर्थियों को दे दिया। इसके लिए हर अभ्यर्थी से 12-12 लाख रुपए मांगे थे।

भोपाल के होटल में रटाया पेपर
सॉल्वर गैंग ने भोपाल के कोमल होटल में अभ्यर्थियों को पेपर रटवाया था। सबसे पहले विशाल दुबे अपने साथ संदीप पांडेय को ले गया। फिर सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की 6-6 फोटो कॉपी कराकर वहां पहुंचा। सुभाष प्रकाश ने गाइड और मोबाइल से पेपर को सॉल्व कराया और वहां मौजूद अभ्यर्थियों को रटवाया गया। विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा भी अभ्यर्थी लेकर आए थे।

सुभाष प्रकाश ने खुद भरा था फॉर्म
सुभाष प्रकाश ने RO/ARO पेपर का फॉर्म खुद भी भरा था। विशाल और सुभाष ने अपने मोबाइल से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल को भेजा था। सुभाष के आईफोन से वॉट्सऐप चैट इसके सबूत मिले हैं। ये वही प्रश्नपत्र हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।

जेल में बंद राजीव नयन ने पेपर गैंग के सदस्यों- शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अमित सिंह, अरुण कुमार सिंह, कामेश्वर, रवि अत्री और पुष्कर और अन्य एजेंटों को भेजकर पढ़ावाया, जो वायरल हो गया। राजीव की एक परिचित शिवानी भी इस गैंग में शामिल है।

कौन है मास्टरमाइंड राजीव नयन?

यह फोटो RO-ARO पेपर लीक करवाने वाले मास्टरमाइंड राजीव नयन की है।

यह फोटो RO-ARO पेपर लीक करवाने वाले मास्टरमाइंड राजीव नयन की है।

राजीव नयन मूल रूप से प्रयागराज के थाना मेजा के अमोरा गांव का रहने वाला है। राजीव ने भोपाल से इंजीनियरिंग की है। फिर उसने नौकरी नहीं की। भोपाल में ही करियर एंड प्लेसमेंट कंसल्टेंसी का ऑफिस खोल लिया।

उसने ज्यादा पैसा कमाने के लिए परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले कुछ लोगों से हाथ मिलाया। बाद में वह खुद गिरोह का सरगना बन गया। वह पहले NHM और UP TET पेपर लीक में शामिल हुआ और खूब पैसा कमाया।

इन दोनों मामलों में राजीव नयन जेल गया। वहीं उसकी दोस्ती रवि अत्री से हुई। फिर दोनों ने मिलकर RO-ARO और पुलिस भर्ती के पेपर लीक कांड को अंजाम दिया। फिलहाल, राजीव नयन को भी एक महीने पहले मेरठ से गिरफ्तार किया गया और अब वह जेल में है।

प्रयागराज के कॉलेज से भी लीक हुआ था पेपर
RO/ARO का पेपर प्रयागराज के विशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज से भी लीक हुआ था। इसे सेंटर बनाया गया था। परीक्षा देखने वाले विनीत यशवंत ने पेपर सॉल्वर गैंग को दिया था। विनीत से पूछताछ के आधार पर STF भोपाल प्रिंटिंग प्रेस तक पहुंची।

STF प्रयागराज के राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल, अभिषेक शुक्ला, लखनऊ के सौरभ शुक्ला, डॉक्टर शरद सिंह पटेल, प्रतापगढ़ के अरुण कुमार सिंह, गोंडा के अमित सिंह, प्रयागराज के अर्पित विनीत यशवंत, गौतमबुद्धनगर के रवि अत्री, हरियाणा के विक्रम पहल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।