पाकिस्तान-चीन सीमा पर 3000 मिसाइलें तैनात होंगी: देश में बनेंगी, कंधे पर रखे लॉन्चर से दाग सकेंगे; 6800 करोड़ का प्रोजेक्ट

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नई दिल्ली17 मिनट पहले

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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, VSHORAD मिसाइलें यूक्रेन-रूस युद्ध में अपनी काबिलियत साबित कर चुकी हैं। - Dainik Bhaskar

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, VSHORAD मिसाइलें यूक्रेन-रूस युद्ध में अपनी काबिलियत साबित कर चुकी हैं।

भारत, चीन-पाकिस्तान सीमा को और चाक-चौबंद करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत दोनों देशों की सीमाओं पर 3000 मिसाइलें तैनात किए जाने की योजना है। इस मिसाइलों को कंधे पर रखने वाले लॉन्चर (shoulder-fired missile launcher) से दागा जा सकेगा।

6800 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में ये मिसाइलें देश में ही बनेंगी। इस प्रोजेक्ट को बहुत कम दूरी तक मार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम (Very Short Range Air Defence Systems, VSHORAD) नाम दिया गया है।

चीन-पाकिस्तान सीमा पर जिन मिसाइलों को तैनात किया जाएगा, उन्हें कंधे पर रखने वाले लॉन्चर से दागा जा सकेगा।

चीन-पाकिस्तान सीमा पर जिन मिसाइलों को तैनात किया जाएगा, उन्हें कंधे पर रखने वाले लॉन्चर से दागा जा सकेगा।

अभी दो कंपनियां VSHORAD बना रहीं
योजना के मुताबिक, आर्मी 500 लॉन्चर और करीब 3000 मिसाइल खरीदने की योजना बना रही है। इन्हें देश में बनाया जाएगा। यही नहीं, सेना अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ पुराने टेंडर को रद्द करने की संभावना पर विचार कर रही है। इसमें पुरानी Igla-1M मिसाइलों के रिप्लेसमेंट में देरी को देखते हुए रूसी Igla-S का चयन किया गया था।

रक्षा मंत्रालय के अफसर के मुताबिक, आर्मी और एयरफोर्स में मौजूदा VSHORAD मिसाइलों में इन्फ्रारेड (lR) होमिंग गाइडेंस सिस्टम है। Igla-1M VSHORAD मिसाइल प्रणाली को 1989 में शामिल किया गया था। 2013 में इसे बाहर करने (डी-इंडक्शन) की योजना बनाई गई थी।

अफसरों ने ये भी बताया कि वर्तमान में हैदराबाद की पब्लिक सेक्टर कंपनी और पुणे की प्राइवेट सेक्टर कंपनी लेजर बीम वाली VSHORAD बना रही हैं। इन्हें बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा, जिससे दुश्मन के ड्रोन, फाइटर एयरक्राफ्ट और चॉपर को खत्म किया जा सके।

रक्षा मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि VSHORAD मिसाइलें यूक्रेन-रूस युद्ध में अपनी काबिलियत साबित कर चुकी हैं।

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