पहली बार पुलिस-डकैतों के मुठभेड़ की LIVE रिपोर्टिंग: चंबल में डकैत, किनारे पर पुलिस, 9 घंटे में 42 राउंड गोलियां, मौके पर भास्कर टीम

धौलपुर/जयपुर20 घंटे पहलेलेखक: समीर शर्मा और मनीष व्यास

तारीख : 20 नवंबर

समय : दोपहर 1 से रात 10 बजे तक

लोकेशन : धौलपुर के चिलीपुरा गांव में चंबल नदी

रविवार को 9 घंटे में यहां जो कुछ हुआ, वो किसी को भी डरा सकता था।

  • नदी में डकैत…
  • किनारे पर डकैतों को घेरने के लिए तैयार पुलिस…
  • पुलिस टीम पर पत्थर फेंकते गांववाले…
  • पुलिस और डकैतों के बीच एनकाउंटर…
  • 42 राउंड गोलियों की आवाज
  • …और इन सबको कैमरे में कैद करती दैनिक भास्कर की टीम

राजस्थान में पत्रकारिता के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी मीडिया ने पुलिस और डकैतों की मुठभेड़ का LIVE कवरेज किया है।

सबसे पहले जानिए, भास्कर टीम कैसे पहुंची चंबल
हाल में सवा लाख के इनामी डकैत केशव गुर्जर ने एक प्रॉपर्टी डीलर को जान से मारने की धमकी दी थी। अगली रात उसकी पुलिस से मुठभेड़ हुई। पुलिस पर 40 राउंड फायर कर वो अपने साथियों के साथ फरार हो गया।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि एनकाउंटर पर डकैत बचकर भाग निकले। पहले भी कई बार AK-47 जैसे हथियारों के बावजूद पुलिस डकैतों को दबोचने में नाकाम रही है।

आखिर चंबल में ऐसा क्या है कि डकैत पुलिस से बचकर हर बार फरार हो जाते हैं?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। यहां हमारा सामना हुआ पुलिस और डकैतों की मुठभेड़ से।

बीहड़ों में गायब हो गया डकैत भोंटा
राजधानी जयपुर से 270 किलोमीटर दूर धौलपुर जिला मुख्यालय। सुबह-सुबह हमें पता चला कि बसई डांग थाना क्षेत्र में पुलिस ने चिलीपुरा गांव में डकैतों की गैंग पर दबिश दी थी। पुलिस पहुंचती, उससे पहले ही डकैत भागते हुए चंबल नदी में कूद गए और तैरते हुए उस पार MP के बीहड़ों में गायब हो गए। डकैतों में कुख्यात इनामी रामगोपाल उर्फ भोंटा गुर्जर भी था।

भोंटा गुर्जर कुख्यात डकैत है। उसके इलाके के गांववालों का भी सपोर्ट है। यही वजह है कि कई बार वो पुलिस के हत्थे चढ़ने से बच गया।

भोंटा गुर्जर कुख्यात डकैत है। उसके इलाके के गांववालों का भी सपोर्ट है। यही वजह है कि कई बार वो पुलिस के हत्थे चढ़ने से बच गया।

भोंटा ने मुखबिर को पकड़ने के लिए बुलाई पंचायत
अगले दिन भास्कर टीम को अपने सोर्स से सूचना मिली कि एक दिन पहले हुए एनकाउंटर को लेकर भोंटा गुर्जर और उसकी गैंग ने नगर गांव में पंचायत बुलाई है। भोंटा को शक था कि गांव में कोई पुलिस का मुखबिर है। भोंटा खुद पंचायत में मौजूद रहेगा। ये पता चलने के बाद भास्कर टीम बाइक पर धौलपुर से 25 किमी दूर नगर गांव के लिए रवाना हो गई।

थाने के बाहर AK-47 लिए खड़ा था पुलिसकर्मी
नगर गांव के रास्ते में बसई डांग थाना है। हम वहां से गुजर रहे थे तो थाने के बाद एक पुलिसकर्मी AK-47 लिए खड़ा था। हमने उससे नगर गांव जाने का रास्ता पूछा तो चौंक गया। उसने SHO को बुलाया और हमारा परिचय पूछा। बातचीत चल ही रही थी कि अचानक SHO उठ कर पुलिसकर्मी की बाइक पर बैठकर रवाना हो गए। बोले- जरूरी काम है तुरंत जाना पडे़गा। हमें अंदाजा हो गया था कि ये नगर की तरफ ही जा रहे हैं। ऐसे में हम उनके पीछे-पीछे निकल गए।

जैसे ही गांव वालों को पता चला कि चंबल नदी के पास पुलिस और डकैतों के बीच मुठभेड़ हो सकती है, मौके पर लोग जुटने लगे।

जैसे ही गांव वालों को पता चला कि चंबल नदी के पास पुलिस और डकैतों के बीच मुठभेड़ हो सकती है, मौके पर लोग जुटने लगे।

कच्चे-पक्के रास्तों और बीहड़ों के बीच से पहुंचे चंबल किनारे
हमने अपनी बाइक बसई डांग SHO मोहन सिंह की बाइक के पीछे लगा रखी थी। हर दो किलोमीटर बाद रास्ते की मिट्टी अपना रंग बदल रही थी। कभी बाइक फिसल रही थी तो कभी रेत में धंस रही थी। पुलिस के पीछे जाना बेहद मुश्किल हो रहा था। हमारे लिए ये पहला मौका था, जब इस तरह हम इस तरह की रिपोर्टिंग कर रहे थे।

एक जगह तो SHO मोहन सिंह ने हमें हिदायत भी दी कि यहां से लौट जाओ, डकैत आपकी पकड़ (किडनेप) भी बना सकते हैं। जब बाइक को आगे बढ़ाना बिल्कुल संभव नहीं था तो हमने बाइक वहीं छोड़ी और पैदल चलने लगे।

…और मुठभेड़ की लोकेशन पर पहुंची भास्कर टीम
खेतों में होते-होते हम चंबल किनारे पहुंच गए। यहां पहले से ही AK47 से लैस करीब 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घाट के किनारे पर पोजिशन लिए खड़े थे। वहीं, नदी के बीच में एक ट्यूब के सहारे हथियारों को लहराते तीन डकैत तैर रहे थे।

डकैत पुलिस को धमका रहे थे और ग्रामीणों को मदद के लिए बुला रहे थे। वहीं, नदी के दूसरी तरफ के किनारे पर भी 5-6 पुलिसकर्मी उन्हें घेरे हुए थे। घाट के दोनों साइड में गांव वालों की भीड़ थी, जिनमें महिला-पुरुष और बच्चे सभी शामिल थे। ये भीड़ पुलिस का विरोध जताते हुए डकैतों के समर्थन में चिल्ला रही थी। पुलिस कर्मी बेहद हौसले और हिम्मत के साथ खड़े थे। कुछ पुलिसकर्मियों ने हमें समझाया और कुछ टिप्स दिए, ताकि फायरिंग के बीच हम अपना बचाव कर सकें।

डकैत चंबल नदी में एक ट्यूब के सहारे आगे बढ़ रहे थे और बीच-बीच में गोली चलाकर पुलिस को पीछे हटाने की कोशिश कर रहे थे।

डकैत चंबल नदी में एक ट्यूब के सहारे आगे बढ़ रहे थे और बीच-बीच में गोली चलाकर पुलिस को पीछे हटाने की कोशिश कर रहे थे।

सरेंडर नहीं किया तो दो सिपाही नदी में कूदे, फायर भी हुए
पुलिस लगातार बहादुरी दिखाते हुए डकैतों को एनकाउंटर की चेतावनी देते हुए सरेंडर के लिए कह रही थी। डकैत सरेंडर के बजाय पुलिस को धमका रहे थे। ऐसे में धौलपुर DST टीम के दो कॉन्स्टेबल अवनीश और राजेंद्र पिस्टल लेकर नदी में कूद गए।

अवनीश ने ट्यूब पहन रखी थी तो राजेंद्र तैर रहा था। दोनों नजदीक पहुंचने ही वाले थे, तभी डकैतों ने डराने के लिए फायर किया। अवनीश ने भी जवाबी फायर किया, जिससे डकैत घबराकर चिल्लाने लगे।

नदी में मौजूद डकैतों को घेरने के लिए चंबल के दोनों किनारों पर पुलिस तैनात कर दी गई। घंटों तक डकैत नदी में इधर से उधर चक्कर लगाते रहे।

नदी में मौजूद डकैतों को घेरने के लिए चंबल के दोनों किनारों पर पुलिस तैनात कर दी गई। घंटों तक डकैत नदी में इधर से उधर चक्कर लगाते रहे।

पकड़ा गया डकैत भोंटा
डकैत भोंटा गुर्जर तैरते हुए भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन नदी में कूदे पुलिसकर्मी अवनीश और हल्के राम ने उसे पकड़ लिया। पुलिसकर्मी उसे नदी में तैरते हुए ही अगले घाट की तरफ ले गए, जहां से उसे गाड़ी में डालकर दूसरी जगह भेज दिया गया। वहीं भोंटा की गिरफ्तारी से गुस्साए डकैत रामराज व अन्य एक ने दोबारा से फायर किए।

कई घंटों के बाद भी जब डकैत पुलिस के हाथ नहीं आए तो मौके पर मौजूद अधिकारियों ने फोन करके एक्स्ट्रा फोर्स बुलवाई।

कई घंटों के बाद भी जब डकैत पुलिस के हाथ नहीं आए तो मौके पर मौजूद अधिकारियों ने फोन करके एक्स्ट्रा फोर्स बुलवाई।

मगरमच्छों का खतरा था तो सिपाहियों को वापस बुलाया
बार-बार हो रही फायरिंग और मगरमच्छों के खतरे को देखते हुए DST प्रभारी योगेश तिवारी ने दोनों कॉन्स्टेबल अवनीश और राजेंद्र पर जोर से चीखते हुए कहा- पुलिस वालों की जान कीमती है, तुम बाहर आ जाओ। इसके बाद अवनीश और राजेंद्र नदी से बाहर आ गए।

इस बीच पुलिस टीम ने डकैतों को लगातार नदी में दोनों साइड से घेरे रखा। शाम ढलने लगी थी, लेकिन डकैत सरेंडर को तैयार नहीं थे। तब तक बाड़ी CO मनीष कुमार भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने धौलपुर SP धर्मेंद्र सिंह को पूरे हालात बताए। SP सिंह ने मौके पर एक स्टीमर और बैकअप सपोर्ट के लिए पुलिस अमला रवाना कर दिया और MP पुलिस से भी सहयोग के लिए को-ऑर्डिनेशन शुरू कर दिया।

मौके पर काफी भीड़ थी। इसमें बुजुर्ग, पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी शामिल थे। गांव वाले डकैतों का साथ दे रहे थे।

मौके पर काफी भीड़ थी। इसमें बुजुर्ग, पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी शामिल थे। गांव वाले डकैतों का साथ दे रहे थे।

बुजुर्ग ने पुलिस की मदद करने से किया इनकार
मुठभेड़ के दौरान पुलिस टीम ने वहां बैठे एक बुजुर्ग से दोनों डकैतों को समझाने और सरेंडर के लिए मनाने को कहा। बोले- इन्हें मना लो नहीं तो मारे जाएंगे। इस पर बुजुर्ग भड़क गया और उल्टा जवाब देते हुए बोला कि के इतो रामराज थोड़ी आ गयो? मोको भी म्हारे मोड़ा मोड़ी और जान की फ़िक्र है भाई। मैं तो कछु न कहूंगो।

पुलिस जब डकैतों को पकड़ने लगी तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए। कई ग्रामीण लाठियां लेकर पुलिस के पीछे भी दौड़े।

पुलिस जब डकैतों को पकड़ने लगी तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए। कई ग्रामीण लाठियां लेकर पुलिस के पीछे भी दौड़े।

ग्रामीणों ने डकैतों को भगाने के लिए नदी में भैंसें उतारीं
डकैत पुलिस से बचने के लिए बार-बार चंबल नदी के बीच में दाएं से बाएं और बाएं से दाएं जाते रहे। पुलिस भी उनके पीछे-पीछे दाएं-बाएं होती रही। इस बीच डकैतों ने गांव वालों से उन्हें बचाने के लिए मंदिरों में ज्योत जलाने और घंटे बजाने को कहा।

थोड़ी ही देर बाद वहां घंटों की गूंज सुनाई देने लग गई। इसके बाद अचानक MP की तरफ के चंबल के किनारे से कुछ ग्रामीणों ने नदी में भैंसें उतार दीं। डकैतों ने भैंसों की ओट लेने की कोशिश की। पुलिस डकैतों की चाल समझ गई। 2-3 पुलिसकर्मी दोबारा नदी में कूदे और डकैतों को गन पॉइंट पर लिया। इसके बाद डकैत आगे नहीं बढ़ पाए।

पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पथराव भी किया। समझाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने तो पुलिस ने हवाई फायर कर भीड़ को खदेड़ा।

पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पथराव भी किया। समझाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने तो पुलिस ने हवाई फायर कर भीड़ को खदेड़ा।

गांव वालों ने पुलिस पर फेंके पत्थर
ग्रामीणों को लगा डकैत पकड़े जाएंगे तो उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। कुछ ग्रामीण लाठियां लेकर पुलिस की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने समझाने की कोशिश की, लेकिन जब ग्रामीण नहीं माने तो पत्थर का जवाब पत्थर से ही दिया। ग्रामीणों को भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने एक-दो हवाई फायर भी किए।

पुलिस और डकैतों के बीच दोपहर 1 से रात 10 बजे तक करीब 9 घंटे मुठभेड़ चली। कभी डकैतों तक पहुंचने के लिए तो कभी ग्रामीणों को खदेड़ने के लिए पुलिस भागदौड़ करती नजर आई।

पुलिस और डकैतों के बीच दोपहर 1 से रात 10 बजे तक करीब 9 घंटे मुठभेड़ चली। कभी डकैतों तक पहुंचने के लिए तो कभी ग्रामीणों को खदेड़ने के लिए पुलिस भागदौड़ करती नजर आई।

​​​​​​नदी में फंस गई पुलिस की स्टीमर
अंधेरा गहराने पर पुलिस ड्रैगन लाइट और टॉर्च से नदी में तैर रहे डकैतों पर नजर रख रही थी। SP धर्मेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए। तभी पता चला कि धौलपुर से आ रही स्टीमर बीच नदी में पत्थरों के बीच कहीं फंस गई है। ये पुलिस टीम के लिए झटका था।

डकैतों पर नजर रख रही ड्रैगन लाइट की बैटरी धीरे-धीरे खत्म हो रही थी। अचानक डकैत नदी में दिखना बंद हो गए। शायद डकैतों ने अपने शर्ट खोलकर खुद को नदी के पानी में छिपा लिया था।

अचानक बीहड़ों में 4-5 हवाई फायर हुए, ग्रामीणों ने लगाए जयकारे
काफी देर बाद अचानक सामने वाले घाट के ऊपर बने बीहड़ों में 4-5 हवाई फायर की गूंज सुनाई दी। इसके बाद ग्रामीणों ने भी जोर जोर से जयकारे लगाने शुरू कर दिए। ये इशारा था कि दोनों डकैत सकुशल बचकर बीहड़ों में पहुंच गए हैं। थोड़ी देर बाद SP धर्मेंद्र सिंह ने ऑपरेशन को बंद करने के आदेश दिए और सभी पुलिस टीम वहां से रवाना हो गई। हम भी पुलिस टीम के साथ ही वहां से रवाना हो गए।

एनकाउंटर में 42 राउंड फायरिंग हुई
एनकाउंटर को लेकर अगले दिन सुबह धौलपुर SP धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि DST टीम को सूचना मिली थी कि डकैत रामगोपाल उर्फ भोंटा गुर्जर गैंग के साथियों के साथ अपने गांव में आया हुआ है। ऐसे में DST टीम के साथ आस-पास के थानों की टीम और सर्किल टीमों को मौके पर भेजा गया। आमने-सामने के एनकाउंटर में दोनों तरफ से करीब 42 राउंड फायरिंग हुई। 22 राउंड पुलिस ने और 20 राउंड डकैतों ने फायर किए।

डकैत भोंटा गुर्जर को हमने पकड़ लिया, लेकिन उसके साथी बचकर निकल गए। उसके कब्जे से 315 बोर का देशी कट्टा और 9 जिंदा कारतूस के साथ 3 मिस हुए 315 बोर के कारतूस बरामद किए हैं।

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