अभिमन्यु सिंह, डिंडौरी2 घंटे पहले
मध्य पढ़िए टीचर के अजब प्रेम की गजब कहानी…
डिंडौरी के वार्ड – 14 में बिरसा मुंडा स्टेडियम के सामने का मकान। इसी घर में ओमकार दास मोगरे रहते हैं। वे प्राथमिक स्कूल इमलई में टीचर हैं। 25 साल पहले उनकी शादी रुक्मिणी से हुई थी। उनकी कोई संतान नहीं है। ओमकार के लिए रुक्मिणी ही सब कुछ थी। मंगलवार सुबह पत्नी की मौत हो गई। वह सिकलसेल की बीमारी से पीड़ित थी। बीमारी के चलते उसे थकान, कमजोरी और एनीमिया (खून की कमी) की शिकायत थी। पत्नी दुनिया छोड़कर चली गई, लेकिन ओमकार का मन इसे मानने को तैयार नहीं हुआ। उन्होंने पत्नी को घर में ही दफना दिया।
टीचर ने विरोध करते हुए घर में खुदाई कर रही टीम को शटर बंद कर भीतर कर दिया।
पड़ोसियों ने पुलिस और प्रशासन का दरवाजा खटखटाया
मंगलवार रात जब यह बात पड़ोसियों को पता चली तो वे दहशत में आ गए। महिलाएं और बच्चे डर गए। सभी पड़ोसी थाने पहुंच गए। पुलिस ने कार्रवाई से इनकार कर दिया। बुधवार को पड़ोसी कलेक्टोरेट पहुंच गए। यहां एसडीएम बलवीर रमण के निर्देश पर नायब तहसीलदार ने कार्रवाई का भरोसा दिया। तहसीलदार गोविंदराम सलामे पुलिस टीम के साथ बुधवार शाम वहां पहुंचे। घर की खुदाई करवाकर रुक्मिणी का शव बाहर निकलवाया। शव को देर रात समाज की रीति के मुताबिक नर्मदा किनारे दफना दिया गया।
पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में कमरे में खुदाई कर शव को बाहर निकाला गया।
मामी को घर में दफनाने की जिद पर अड़े: जयपाल
टीचर के भांजे जयपाल दास पारस ने बताया कि मामी के गुजर जाने से मामा को गहरा सदमा लगा। वो मामी को घर में ही दफनाने की जिद पर अड़ गए थे। कहते रहे कि मैं अकेले इस घर में नहीं रह सकता। सभी रिश्तेदार समझाकर थक गए। आखिरकार मंगलवार शाम को ही शव को घर में ही दफना दिया। वे 25 साल से नि:संतान हैं। इस बात का दु:ख उन्हें हमेशा रहा। पत्नी के निधन से वे पूरी तरह टूट गए हैं।
पड़ोसियों के विरोध के बाद कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई की गई।