पंजाब में नशे से 7 साल में 544 की मौत: 272 की जान 19 माह में गई, मरने वालों में सबसे ज्यादा नौजवान, फिरोजपुर में 56 मरे

पंजाब14 घंटे पहले

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नशा पंजाब का सबसे बड़ा दर्द है। यहां औसतन हर दूसरे दिन नशे से एक मौत हो रही है। 9 लाख लोग नशा मुक्ति केन्द्रों में रजिस्टर्ड हैं और 25 लाख से अधिक नशा कर रहे हैं। चिंता यह कि इनमें स्कूल की उम्र के बच्चों से लेकर शादी की उम्र के युवा सबसे ज्यादा हैं। बॉर्डर से होकर आ रहे नशे की गांव-शहरों में होम डिलीवरी हो रही है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2017 से 2021 यानी 4 साल में पंजाब में 272 मौतें नशे से हुईं। 2020 में कोरोना के कारण जीरो मौतें दिखाई गईं। फिर 2022 से अब तक 19 महीने में भी मौतों का आंकड़ा 272 हो चुका है। 19 माह के ये आंकड़े तो सिर्फ अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक हैं, इनमें वही मौतें शामिल हैं जो अस्पतालों में हुईं या सार्वजनिक की गईं।

दैनिक भास्कर ने शुरू की खास मुहिम
पंजाब को नशे के इस दलदल से निकालने की जिम्मेदारी अब खुद पंजाब को उठानी होगी। जिस तरह हरियाणा से शुरू हुआ बेटी बचाओ अभियान पूरे देश में असरदार रहा, वैसे ही बच्चों को नशे से बचाने के लिए पंजाब को सामूहिक जिम्मेदारी उठाते हुए अब बेटा बचाओ अभियान चलाने की जरूरत है।

इसलिए दैनिक भास्कर पंजाब के साथ मानवीय मुहिम- बेटा बचाओ शुरू कर रहा है। आज ही के दिन 8 अगस्त 1942 को गांधी जी ने अंग्रेजो भारत छोड़ो अभियान चलाया था, इस अभियान में पंजाब की बड़ी भूमिका रही थी। नतीजा- अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागना पड़ा। अब उसी सोच-संकल्प के साथ पंजाब से नशे को भगाना है।

272 में से 222 मौतें सिर्फ मालवा में
नशे का सबसे ज्यादा प्रभाव मालवा में रहा है। जहां पर पिछले 19 माह में 222 लोगों की नशे से मौत हुई है। अकेले फिरोजपुर में 56 लोगों ने नशे से जान गंवा दी। दूसरे स्थान पर मोगा जिला है। जहां 47 मौतें हुई हैं। बठिंडा में 32 लोग 2 साल में नशे से जान गंवा चुके हैं। 23 जिलों में से पठानकोट और फतेहगढ़ साहिब में अब तक कोई मौत सामने नहीं आई है।

सबसे ज्यादा 18 से 30 साल तक के युवाओं की मौत
2017-2021 के दौरान पंजाब में 272 मौतें नशे से हुईं। 2017 में 71, 2018 में 78, 2019 में 45 व 2021 में 78 की जान गई। 2020 में मौतें जीरो बताई हैं। 2017 से 2019 तक मरने वालों में 18 से 30 आयु के 122 युवा, 59 की आयु 30-45 साल थी। 45 से 60 के बीच 8 व 60 से ऊपर आयु के 2 की मौत हुई। मृतकों में 14 से 18 साल के 3 युवा शामिल थे। {सोर्स- एनसीआरबी

अब बजट हेल्थ में मर्ज कर दिया
नशा रोकने के लिए मौजूदा सरकार ने बजट अलग से नहीं रखा। 2 सालों में नशे के खिलाफ अभियान के बजट को हेल्थ बजट में जोड़ा गया। 2022-23 में कुल हेल्थ बजट 4,331 करोड़ रुपए था और 2023-24 में कुल हेल्थ बजट 4,781 करोड़ रुपए रखा गया। (सोर्स- पुलिस व वित्त विभाग)

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