पंजाब के नए AG की नियुक्ति लटकी: एडवोकेट विनोद घई के नाम का नोटिफिकेशन नहीं हुआ; बेअदबी केस में राम रहीम के वकील रहे

चंडीगढ़3 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

पंजाब में नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति लटकती नजर आ रही है। सीनियर एडवोकेट विनोद घई के नाम की घोषणा हो चुकी है। CM भगवंत मान ने इसकी घोषणा की। इसके बावजूद नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। असल में एडवोकेट घई के नाम को लेकर विवाद हो रहा है।

वह श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ केस में डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम के वकील रह चुके हैं। ऐसे में विरोधी दलों के अलावा सिख धार्मिक संगठन और बहबल कलां इंसाफ मोर्चा उनकी नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। वहीं सरकार के करीबियों का दावा है कि गवर्नर के शहर से बाहर होने की वजह से देरी हो रही है।

पूर्व कांग्रेस सरकार में एडवोकेट एपीएस देओल की नियुक्ति का भी इसी वजह से विरोध हुआ था।

पूर्व कांग्रेस सरकार में एडवोकेट एपीएस देओल की नियुक्ति का भी इसी वजह से विरोध हुआ था।

इसी विवाद के चलते एपीएस देओल हटाए गए
पंजाब में CM चरणजीत चन्नी की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार ने सीनियर एडवोकेट एपीएस देओल को एडवोकेट जनरल नियुक्त किया था। वह बेअदबी से जुड़े गोलीकांड केस में पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी समेत आरोपी पुलिस अफसरों के वकील रहे। उन्होंने सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलाई। उनकी नियुक्ति का भी विरोध हुआ। जिसके बाद चन्नी सरकार को उन्हें हटाकर एडवोकेट डीएस पटवालिया को AG लगाना पड़ा था। खुद आम आदमी पार्टी उस वक्त उनकी नियुक्ति का विरोध कर रही थी।

एडवोकेट सिद्धू के इस्तीफे के बाद खाली हुई कुर्सी
आप सरकार ने कुर्सी संभालते ही सीनियर एडवोकेट अनमोल रतन सिद्धू को AG लगाया था। करीब 4 महीने में उन्होंने सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में लॉरेंस को पंजाब लाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि अचानक उन्होंने 19 जुलाई को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने वजह व्यक्तिगत बताई लेकिन चर्चाएं लॉ अफसरों की नियुक्ति में सुनवाई न होने, बंदी सिख प्रो. भुल्लर की रिहाई के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराने जैसी कई हो रही हैं।

खबरें और भी हैं…