धनखड़ बोले- देश राम राज्य की तरफ बढ़ रहा: नरेंद्र नाम ने सब कुछ संभव किया; भारत दुनिया का मुख्य केंद्र बना

नई दिल्ली20 मिनट पहले

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दीव के घोघला में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) फ्लैट्स के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया। - Dainik Bhaskar

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दीव के घोघला में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) फ्लैट्स के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दीव के घोघला में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) फ्लैट्स का उद्घाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय नेतृत्व में भारत राम राज्य की तरफ बढ़ रहा है। नर और इंद्र यानी नरेंद्र नाम ने सब कुछ संभव बना दिया है।

धनखड़ ने कहा कि पिछले 10 सालों में भारत ने जो बड़ी प्रगति की है और जिस बड़ी सोच के साथ काम किया है, उससे भारत दुनिया का एक मुख्य केंद्र बन गया है। आज देश में एक खासियत है। जो सैंक्शन होता है वो मुमकिन होता है। मुमकिन करने वाला व्यक्ति देश का नेतृत्व कर रहा है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘अब पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण उनको मिलते हैं, जो असली हकदार हैं। यही बदलाव भारत रत्न के साथ भी हुआ है। मतलब यह है कि देश बदल रहा है। देश भर में लोग अब कहते हैं कि ये अवार्ड्स अब सही लोगों को दिए जा रहे हैं।’

धनखड़ ने कहा था- राहुल की मानसिकता संविधान विरोधी

राहुल के अमेरिका में भारत में आरक्षण को लेकर दिए बयान पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 15 सितंबर को निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के बारे में जागरूकता की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि कुछ लोग इसकी आत्मा को भूल गए हैं। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की ऐसी टिप्पणी संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाती है।

दरअसल, राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि अभी आरक्षण खत्म करने का सही समय नहीं है। भारत में जातिगत जनगणना होना जरूरी है। भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं।

इस पर धनखड़ ने कहा किआरक्षण योग्यता के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देश और संविधान की आत्मा है। यह सकारात्मक सोच है, नकारात्मक नहीं। यह किसी को अवसर से वंचित नहीं कर रही, बल्कि मजबूत स्तंभ के रूप में समाज को सहारा दे रही है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये विदेश यात्रा संविधान के सार्वजनिक रूप से अनादर व्यक्त करने के लिए आयोजित की गई थी। इसलिए नहीं कि भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा हो सके। संविधान को किताब की तरह नहीं दिखाया जाना चाहिए। इसका सम्मान किया जाना चाहिए, इसे पढ़ा जाना चाहिए और समझा जाना चाहिए।

धनखड़ ने कहा- बाबा साहेब अंबेडकर का सपना चकनाचूर हुआ

उपराष्ट्रपति ने ये भी कहा कि इमरजेंसी में हजारों लोगों को जेल में डाला गया, कानून को दरकिनार किया गया। वह दौर तानाशाही को दर्शाता है। संविधान लिखने वाले डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का सपना इमरजेंसी के कारण चकनाचूर हो गया।

मौजूदा सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मान्यता दी है, ताकि यह तय किया जा सके कि मौजूदा पीढ़ी उस दिल दहला देने वाले समय के दौरान झेली गई कठिनाइयों को न भूले, जब संवैधानिक प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई थी। संविधान पर इस तरह के हमले से सबक सीखा जा सकता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी गई थी, लेकिन दस साल तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। देश ने उसी अवधि में दो प्रधानमंत्री देखे, इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी। दोनों ने आरक्षण बारे में कुछ नहीं किया।

उन्होंने कहा कि जब 31 मार्च 1990 को बाबा साहब अंबेडकर को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, तब मैं लोकसभा सांसद था। पहले की सरकारें डॉ. अंबेडकर के महत्व को भूल गई थीं। बाबा साहब को भारत रत्न बहुत देर से मिला, जिसके वे हकदार थे।

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अमेरिका दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने मंगलवार को आरक्षण पर बयान दिया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।” दरअसल, वॉशिंगटन डीसी के जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में राहुल से पूछा गया था कि भारत में आरक्षण कब तक चलेगा? इसके जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं। पूरी खबर पढ़ें…

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