दो साल की बच्ची की फ्लाइट में सांस रुकी: प्लेन में दिल्ली एम्स के 5 डॉक्टर थे, 45 मिनट इलाज कर जान बचाई

दिल्ली23 मिनट पहले

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दिल्ली AIIMS ने प्लेन में बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टरों की फोटोज शेयर की हैं। उन्होंने लिखा कि कम साधनों के साथ, टीम ने अच्छा मैनेजमेंट किया। - Dainik Bhaskar

दिल्ली AIIMS ने प्लेन में बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टरों की फोटोज शेयर की हैं। उन्होंने लिखा कि कम साधनों के साथ, टीम ने अच्छा मैनेजमेंट किया।

बेंगलुरु से दिल्ली जा रही विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट में दो साल की बच्ची की सांस रुक गई थी। इसी फ्लाइट में दिल्ली AIIMS के पांच डॉक्टर्स भी यात्रा कर रहे थे। इन्होंने बच्ची का 45 मिनट इलाज किया और जान बचा ली।

घटना 27 अगस्त शाम की है। विस्तारा एयरलाइन की फ्लाइट यूके-814 में पांचों डॉक्टर्स इंडियन सोसाइटी फॉर वैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (आईएसवीआईआर) बेंगलुरु से दिल्ली जा रहे थे।

AIIMS दिल्ली ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
इस बात की जानकारी AIIMS दिल्ली ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर दी। उन्होंने बच्ची और डॉक्टर्स की फोटो भी शेयर की।

दिल्ली AIIMS ने ट्वीट से जानकारी दी।

दिल्ली AIIMS ने ट्वीट से जानकारी दी।

AIIMS ने X पर ये भी बताया- यह दो साल की बच्ची सायनोटिक हार्ट डिसीज से पीड़ित थी और प्लेन में बेहोश हो गई थी। सायनोटिक हार्ट डिसीज जन्म से ही होती है। इसमें ब्लड में ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो जाता है।

बच्ची की सांसें बंद होते ही फ्लाइट को नागपुर डाइवर्ट करने से पहले डिस्ट्रेस कॉल की घोषणा की गई। कॉल के तुरंत बाद डॉक्टर्स ने बच्ची का चैकअप किया। बच्ची के हाथ- पैर ठंडे हो गए थे। उसके होंठ और उंगलियां पीले पड़ गई थीं।

बच्ची का फ्लाइट के अंदर ही इलाज किया गया। फ्लाइट में एम्स दिल्ली के 5 डॉक्टर मौजूद थे।

बच्ची का फ्लाइट के अंदर ही इलाज किया गया। फ्लाइट में एम्स दिल्ली के 5 डॉक्टर मौजूद थे।

प्लेन में 45 मिनट इलाज किया, नागपुर में चाइल्ड स्पेशलिस्ट को सौंपा
एम्स के डॉक्टर्स के पास जितने साधन थे, उतने में ही उन्होंने बच्ची को CPR (सांस लौटाने के लिए छाती को दबाना) दिया। इमरजेंसी में ही IV कैनुला लगाया और जरूरी इलाज किया गया। प्लेन में 45 मिनट तक बच्ची का इलाज हुआ। फ्लाइट के नागपुर पहुंचते ही बच्ची को ठीक स्थिति में चाइल्ड स्पेशलिस्ट को सौंप दिया।

जिन डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज किया, उनमें डॉ. नवदीप कौर (एनेस्थीसिया), डॉ.दमनदीप सिंह (कार्डियक रेडियोलॉजी), डॉ. ऋषभ जैन (एम्स रेडियोलॉजी), डॉ. ओइशिका (ओबीजी) और डॉ. अविचला टैक्सक (कार्डिएक रेडियोलॉजी) हैं। खबरें और भी हैं…

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