देश के 1309 रेलवे स्टेशनों का रीडेवलपमेंट होगा: PM मोदी अमृत भारत योजना के तहत पहले चरण में आज 508 स्टेशनों की आधारशिला रखेंगे

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नई दिल्ली3 घंटे पहले

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इस योजना के तहत सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 156 स्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा। - Dainik Bhaskar

इस योजना के तहत सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 156 स्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा।

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देशभर में 1309 स्टेशनों का री-डेवलपमेंट किया जाएगा। पहले चरण में 508 स्टेशनों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे वर्चुअली इन स्टेशनों की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान वे जनता को संबोधित भी करेंगे।

नॉर्थ रेलवे के जनरल मैनेजर शोभन चौधरी ने बताया कि अगले 30 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर स्टेशनों के री-डेवलेपमेंट का काम किया जाना है। इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनों को सिटी सेंटर के रूप में डेवलप किया जाएगा। इस पर 24,470 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

इस योजना के तहत अभी मध्य प्रदेश में रानी कमलापति, गुजरात में गांधीनगर और कर्नाटक में सरएम विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन को अपग्रेड किया जा चुका है।

इस योजना के तहत अभी मध्य प्रदेश में रानी कमलापति को अपग्रेड किया जा चुका है। यह अपग्रेड के बाद की तस्वीर है।

इस योजना के तहत अभी मध्य प्रदेश में रानी कमलापति को अपग्रेड किया जा चुका है। यह अपग्रेड के बाद की तस्वीर है।

उत्तर रेलवे के 144 स्टेशनों का री-डेवलपमेंट होगा
इस योजना के अंतर्गत उत्तर रेलवे के 144 स्टेशनों का री-डेवलपमेंट किया जाना है। पहले चरण में 71 स्टेशनों को शामिल किया गया है। दिल्ली मंडल के कुल 33 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाना है, जिनमें 14 स्टेशन पहले चरण के लिए चुने गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे ज्यादा लुधियाना स्टेशन पर 460 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 436 करोड़ रुपए से चंडीगढ़ और 371 करोड़ से दिल्ली कैंट स्टेशन का डेवलपमेंट होगा।

गाजियाबाद स्टेशन के लिए 337 करोड़ और फरीदाबाद के लिए 262 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इसी तरह जम्मू कश्मीर में 259 करोड़ व जालंधर कैंट 99 करोड़ खर्च होंगे।

योजना में उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 156 स्टेशन शामिल
अमृत भारत स्टेशन योजना में मध्य प्रदेश के 80, हरियाणा के 40, आंध्र प्रदेश के 72, अरुणाचल प्रदेश का एक, असम के 50, बिहार के 92, छत्तीसगढ़ के 32, दिल्ली के 13, गोवा के तीन, गुजरात के 87, हिमाचल प्रदेश से चार, झारखंड के 57 स्टेशन शामिल किए गए हैं।

इसके अलावा कर्नाटक के 56, केरल के 35, महाराष्ट्र के 126, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नगालैंड के एक-एक, ओडिशा के 57, पंजाब के 30, राजस्थान के 83, तमिलनाडु के 75, तेलंगाना के 40, त्रिपुरा के चार, चंडीगढ़ का एक, जम्मू-कश्मीर के 4, पुड्डुचैरी के तीन, उत्तराखंड के 11 और बंगाल से 98 स्टेशन शामिल हैं।

वहीं, सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 156 स्टेशनों को शामिल किया गया है।

इमारतों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति से प्रेरित होगा
इन स्टेशन की बिल्डिंग का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और आर्किटेक्चर से प्रेरित होगा। दिव्यांगों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। योजना में जिला मुख्यालय के उन छोटे स्टेशनों को भी शामिल किया गया है, जहां यात्रियों की संख्या ज्यादा है, लेकिन वे डेवलपमेंट में पिछड़ गए हैं।

जिन एजेंसियों को काम दिया जाएगा उन्हें 6 से 8 महीने में काम पूरा करना होगा।

स्टेशनों पर ये सुविधाएं दी जाएंगी…

  • स्टेशन के दोनों तरफ से प्लेटफार्म पर यात्रियों की एंट्री और एग्जिट की सुविधा होगी।
  • स्टेशन की बिल्डिंग में सुधार किया जाएगा।
  • स्टेशन पर स्वचालित सीढियां बनाई जाएंगी।
  • बेहतर लाइट की व्यवस्था की जाएगी।
  • पार्किंग की सुविधा में सुधार किया जाएगा।
  • स्टेशन पर ग्रीन और रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल होगा।
  • रूफ प्लाजा की व्यवस्था की जाएगी, जिससे यात्रियों को ट्रेन के इंतजार करने में परेशानी न हो।
  • बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए रेलवे स्टेशनों को मेट्रो और बस स्टैंड से जोड़ा जाएगा।

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