दिल्ली में एक और किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का खुलासा: 8 गिरफ्तार; ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर 5 राज्यों में चला रहा था गैंग, अब तक 34 ऑपरेशन करवाए

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नई दिल्ली2 मिनट पहले

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पुलिस ने बताया कि ​​​​​​​नोएडा निवासी संदीप आर्य रैकेट का सरगना है। वह अस्पतालों में  ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर का काम करता है। - Dainik Bhaskar

पुलिस ने बताया कि ​​​​​​​नोएडा निवासी संदीप आर्य रैकेट का सरगना है। वह अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर का काम करता है।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक और किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश किया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें गैंग का सरगना संदीप आर्य और उसका साला देवेंद्र झा भी शामिल हैं। संदीप आर्य ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर है।

पुलिस के मुताबिक, ये लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देश के 5 राज्यों- दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश और गुजरात में स्थित अस्पतालों में अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट चला रहे थे। संदीप ने 5 राज्यों के करीब 11 प्राइवेट अस्पतालों में 34 किडनी ट्रांसप्लांट करवाए हैं।

इन 11 अस्पतालों से किडनी ट्रांसप्लांट का पूरा ब्योरा मांगा जा रहा है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान संदीप आर्य , विजय कुमार कश्यप उर्फ सुमित, देवेंद्र झा, पुनीत कुमार, मोहम्मद हनीफ शेख, चीका प्रशांत, तेज प्रकाश और रोहित खन्ना उर्फ नरेंद्र के रूप में हुई है।

इनके पास से 34 फर्जी टिकट, 17 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 9 सिम, 1 मर्सिडीज कार, 1.5 लाख रुपए और मरीजों या फिर किडनी लेने वालों के जाली दस्तावेज और फाइलें बरामद की गई हैं।

दिल्ली क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर अमित गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी दी।

दिल्ली क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर अमित गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी दी।

एक किडनी ट्रांसप्लांट के 40 लाख लेता था सरगना
​​​​​​​नोएडा निवासी संदीप आर्य किडनी रैकेट का सरगना है। उसने पब्लिक हेल्थ में MBA कर रखा है। उसने फरीदाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम, इंदौर और वडोदरा के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया है।

वह उन अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था करता था, जहां उसे ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के रूप में तैनात किया गया था। वह प्रत्येक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लगभग 35 से 40 लाख लेता था। वह हर किडनी ट्रांसप्लांट से 7 से 8 लाख बचाता था। उत्तराखंड निवासी देवेंद्र झा के खाते में रुपए जमा होते थे, जो संदीप का साला है।

अपनी किडनी देने के बाद संदीप से जुड़ गए डोनर
मुंबई निवासी मोहम्मद हनीफ शेख पेशे से दर्जी है। उसकी संदीप से फेसबुक के जरिए जान-पहचान हुई। उसने संदीप को अपनी किडनी बेच दी और उससे जुड़ गया। उसका काम संदीप को मरीज या डोनर मुहैया कराना था। बदले में उसे हर केस के लिए 1 लाख रुपए तक मिलते थे।

हैदराबाद निवासी चीका प्रशांत ने भी संदीप को अपनी किडनी बेची और उससे जुड़ गया। तेज प्रकाश ने संदीप के जरिए मोहाली के एक अस्पताल से अपनी पत्नी के लिए किडनी ट्रांसप्लांट करवाया और बाद में संदीप को मरीज भी मुहैया कराया।

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