दिल्ली जल संकट- सुप्रीम कोर्ट की AAP सरकार को फटकार: कहा- टैंकर माफिया को लेकर अगर एक्शन नहीं लिया है तो हम पुलिस से कहेंगे

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नई दिल्ली4 घंटे पहले

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तस्वीर दिल्ली के चाणक्यपुरी की है। तेज गर्मी के कारण लोगों को यहां पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। - Dainik Bhaskar

तस्वीर दिल्ली के चाणक्यपुरी की है। तेज गर्मी के कारण लोगों को यहां पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (12 जून) को दिल्ली जल संकट को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली की AAP सरकार को पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को न रोकने को लेकर फटकार लगाई।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि जल संकट गहराते जा रहा है। आपने अब तक टैंकर माफिया को लेकर क्या एक्शन लिया है। अगर आप एक्शन नहीं ले सकते तो हम दिल्ली पुलिस से कहेंगे कि वो कार्रवाई करे।

जस्टिस पीके मिश्रा और पीबी वराले की बेंच ने दिल्ली सरकार से पूछा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। इसका जवाब आज या कल में दीजिए। मामले की सुनवाई 13 जून को होगी।

दरअसल, दिल्ली सरकार ने जल सकंट पर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

हिमाचल प्रदेश एक्स्ट्रा पानी देने के लिए तैयार था। कोर्ट ने हिमाचल को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश 6 जून को दिया था। हालांकि, दिल्ली सरकार ने कहा कि यह पानी दिल्ली तक अभी नहीं पहुंचा है।

दिल्ली के कई इलाकों में गर्मी के सीजन में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।

दिल्ली के कई इलाकों में गर्मी के सीजन में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।

कोर्ट ने हिमाचल सरकार के अधिकारी को भी फटकार लगाई
कोर्ट ने कहा- हिमाचल को दिल्ली के लिए एक्स्ट्रा पानी छोड़ने के लिए कहा गया था। हिमाचल सरकार ने लिखित जवाब दिया कि उन्होंने पानी छोड़ दिया है, लेकिन यहां मौजूद हिमाचल सरकार के वकील कहते हैं कि वे पानी छोड़ने के लिए तैयार हैं। इसका मतलब अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया है। यह तो कंटेम्पट का मामला है। कोर्ट ने हिमाचल के अधिकारियों को कल पेश होने के लिए कहा है।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा- हमें हल्के में न लें
दिल्ली सरकार की याचिका में गलतियां और खामियों को दूर न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 10 जून को भी फटकार लगाई थी। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की वेकेशन बेंच ने दिल्ली सरकार को कहा- आपने अभी तक याचिका की खामियां ठीक क्यों नहीं की। आप कोर्ट को हल्के में न लें।

कोर्ट ने कहा कि एक तरफ आप कहते हो की आप पानी की समस्या से जूझ रहे हो। दूसरी तरफ आप ही अपनी याचिका को ठीक नहीं करते हो। आप जल्दी सुनवाई चाहते हो और खुद इत्मीनान से बैठे हो। सब कुछ रिकॉर्ड पर आने दीजिए। हम मामले की सुनवाई अब 12 जून को करेंगे।

दिल्ली में जल संकट क्यों हुआ
दिल्ली में जल संकट के दो कारण हैं- गर्मी और पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता। दिल्ली के पास अपना कोई जल स्रोत नहीं है। पानी के लिए यह पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक इस साल दिल्ली जरूरत हर दिन 32.1 करोड़ गैलन प्रति दिन पानी की कमी से जूझ रहा है।

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक राज्य को रोजाना 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है। लेकिन गर्मियों में केवल 96.9 करोड़ गैलन प्रति दिन ही मांग पूरी हो पा रही है। यानी दिल्ली की 2.30 करोड़ आबादी को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी चाहिए, लेकिन उसे सिर्फ 96.9 करोड़ गैलन पानी ही मिल रहा है।

दिल्ली को पानी इन राज्यों से मिलता है
दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल से मिले पानी से पूरी करती है। 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल से रावी-व्यास नदी से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था।

इसके अलावा कुंए, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता था। यानी दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था। 2024 के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन हो गया है।

जेल जाने से पहले केजरीवाल ने भी अपील की थी
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सरेंडर करने से पहले पानी की कमी से जूझ रही दिल्ली की जनता के लिए भारतीय जनता पार्टी से अपील की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि BJP हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपनी सरकारों से दिल्ली को एक महीने के लिए पानी देने के लिए कहे।

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