ट्रेनों में रिश्वत देकर लीजिए सीट…कैमरे पर देखिए वसूली: टीटीई और RPF जवान बोला- पैसे दे दो वर्ना जेल जाओगे, भास्कर स्टिंग… – Lucknow News

आज ट्रेन में DRM और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन जा रहे हैं। तुम्हारा दिन खराब है, जेल जाओगे। तुम्हें कोई नहीं बचा सकता। बचना है तो 5400 रुपए दे दो, एक आदमी को फ्री में ले चलेंगे।

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यह धमकी है मुंबई-दिल्ली राजधानी ट्रेन के टीटीई और RPF जवान की। देश की कई ट्रेनों में धमकी और फिर वसूली का यह धंधा चल रहा है। इसका खुलासा करने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने स्टिंग किया। रुपए देकर टीम को सीट मिल गई।

चूंकि गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं, ज्यादातर ट्रेनों में कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। इसलिए वसूली का यह धंधा लोकल या एक्सप्रेस ही नहीं, देश की प्रीमियम राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी हो रहा। दैनिक भास्कर की टीम ने 442 किमी से ज्यादा यात्रा करके ट्रेनों में स्टिंग किया। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से यात्रा शुरू की और आगरा, दिल्ली तक गए।

पहले, हावड़ा-जोधपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस

टीटीई ने 1 हजार रुपए मांगे, 900 रुपए में 2 सीटें दीं

भास्कर टीम के 2 रिपोर्टर ने हावड़ा-जोधपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस से सफर शुरू किया। ट्रेन कानपुर सेंट्रल के प्लेटफार्म नंबर-1 पर दोपहर 3.10 बजे आई। रिपोर्टर ट्रेन के गेट के पास अंदर की तरफ खड़े हो गए। सबसे पहले हमें ट्रेन का अटेंडेंट मिला। उसने पूछा कहां तक जाना है? हमने कहा- आगरा तक, लेकिन टिकट नहीं है। अटेंडेंट ने कहा- 400 रुपए दे दीजिए और स्लीपर में चले जाइए। AC में जाना है तो पैसे ज्यादा लगेंगे।

हमने नाम पूछा तो कहा- हम बी-1 कोच के अटेंडेंट हैं। टीटीई से मिलने के लिए कहा, तो अटेंडेंट बोला- वो आ रहे होंगे।

ट्रेन कानपुर सेंट्रल से चल दी। भास्कर की टीम B-5 कोच में यात्रा कर रही थी। तभी एक टीटीई कोच में पहुंचा।

भास्कर टीम और टीटीई के बीच ऐसे हुई बातचीत

टीटीई: टिकट दिखाओ?

रिपोर्टर: हमारे पास नहीं है, हम काम से आगरा जा रहे हैं। बताइए कितने पैसे देने हैं?

टीटीई: टिकट बनेगा?

रिपोर्टर: कितने पैसे देने हैं?

टीटीई: 1000 रुपए दे दीजिए, दो सीट दे देंगे, आराम से सोते हुए जाना।

रिपोर्टर: कुछ कम ले लीजिए, एक सीट दे देना…उसी पर बैठकर चले जाएंगे।

टीटीई: सीटें तीन नहीं चार ले लो…

रिपोर्टर: 1000 नहीं है, 800 ले लो।

टीटीई: अपने साथी से 200 ले लो, इतने तो होंगे ही।

रिपोर्टर: अच्छा 900 ले लो।

टीटीई: जाओ…13-14 नंबर सीट पर बैठ जाओ।

रिपोर्टर: आप अपना नाम और मोबाइल नंबर बता दीजिए। अगर कोई चेक करने के लिए आ जाए, तो हम आपके बारे में बता सकें।

टीटीई: हम ही प्रयागराज से जोधपुर तक जाते हैं। कल वापसी में भी इसी ट्रेन से आएंगे। कोई दिक्कत नहीं है, तुम जाकर लेट जाओ।

रिपोर्टर: हम अक्सर ऐसे ही चलते हैं। अपना मोबाइल नंबर बता दीजिए, आपसे बात करने के बाद साथ चला करेंगे।

टीटीई: हां ठीक है, मैं थोड़ा काम कर लूं, वापस आकर मिलता हूं।

रिपोर्टर: ठीक है…मिल जरूर लेना आप।

हालांकि, भास्कर की टीम टिकट लेकर ट्रेन से यात्रा कर रही थी। इन्वेस्टिगेशन में भास्कर टीम ने छात्रों के रूप में यात्रा की। टीम ने टीटीई को 900 रुपए देकर B-4 कोच में सीट नंबर- 13 और 14 पर आगरा फोर्ट तक यात्रा की। टीटीई को एक पांच सौ का नोट (2AB019868) और चार सौ-सौ के नोट (3CC759550, 2GT197522, 6KC655824, 4BA077120) दिए।

मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस

RPF जवान ने जेल भेजने की धमकी दी; 5 हजार मांगे, 2 हजार में माने

हमारी टीम सुबह 7.40 बजे आगरा कैंट के प्लेटफार्म नंबर-3 पर खड़ी मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में चढ़ी। टीम कोच B-12 में पहुंची। गेट पर ट्रेन के अटेंडेंट ने पूछा कहां जाना है…ये राजधानी ट्रेन है। इस गाड़ी का टीटीई आज सही नहीं है, रसीद बनाएगा। बढ़िया ये रहेगा, तुम लोग दूसरी गाड़ी से चले जाओ। हमने इसी ट्रेन से दिल्ली तक जाने की बात कही।

ट्रेन चलने के बाद आरपीएफ (रेलवे पुलिस बल) के एक कॉन्स्टेबल सोमराज मीणा मिले। उन्होंने टिकट के बारे में पूछा तो हमने टीटीई से मिलने की इच्छा जताई। कॉन्स्टेबल हमारी टीम को टीटीई के पास ले जा रहा था। इस बीच कोच B-12 में टीटीई रोशन कुमार आ गए।

टीटीई : एक व्यक्ति का 5430 रुपए जुर्माना देना होगा।

रिपोर्टर: हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं।

टीटीई : अपना आईडी प्रूफ दो।

हमने एक आईडी प्रूफ (वोटर कार्ड) दे दिया।

टीटीई : कॉन्स्टेबल के साथ ट्रेन में आखिरी कोच की तरफ चले जाओ।

रिपोर्टर: हम 1000 रुपए दे सकते हैं। जुर्माना नहीं दे पाएंगे।

कॉन्स्टेबल सोमराज मीणा के साथ हम लोग ट्रेन के आखिरी कोच की तरफ चलने लगे। वह बार-बार हमें जेल भेजने की बात कहने लगा। हम कॉन्स्टेबल सोमराज मीणा के साथ पैंट्री कार में पहुंचे। वहां पहले से 6 से अधिक RPF के जवान और इतने ही टीटीई मौजूद थे।

पैंट्री कार में नाश्ता कर रहा एक सिपाही धमकाते हुए बोला- ये मुंबई-दिल्ली राजधानी है। आज तुम्हारा दिन खराब है। इस ट्रेन में आज DRM और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मौजूद हैं। आज तुमको कोई बचाने वाला नहीं। तुम लोग जेल जाओगे। रेलवे और पुलिस स्टाफ अलग-अलग तरीके से धमकाने में लगे रहे। इस दौरान लाइफ खराब करने की धमकी तक दी गई। तभी एक टीटीई से बात होने लगी।

टीटीई : दिल्ली क्यों जा रहे हो?

रिपोर्टर: हम लोग गुड़गांव में एक कंपनी में इंटरव्यू देने जा रहे हैं।

दूसरा टीटीई : कितने पैसे हैं?

रिपोर्टर: हम लोग 2000 रुपए तक दे सकते हैं।

तीसरा टीटीई : फोन करके पैसे मंगवा लो, तुम लोग तभी बच सकते हो। नहीं तो तुम लोगों का जेल जाना तय है।

2500 रुपए लेने के बाद 500 रुपए किए वापस
कुछ समय बाद टीटीई रोशन कुमार उसी पैंट्री कार में आ गए। अब हमसे वही बात करने लगे।

टीटीई : बताओ कितने पैसे हैं?

रिपोर्टर: ये 2500 रुपए ले लीजिए।

हमने 500 के चार नोट, दो-दो सौ के दो और एक सौ का नोट दिया। टीटीई रोशन कुमार और उनके अन्य सहयोगियों ने 2500 में से 500 रुपए वापस करते हुए कहा…जाओ B-17 में 49, 51, 53 नंबर सीट पर बैठ जाओ और इधर-उधर मत घूमना।

अवैध तरीके से चढ़ने वालों के कारण होती है चोरी
ट्रेनों में चोरी करने वाले बिना टिकट यात्रा करते हैं। रेलवे कर्मचारियों की इसी अवैध वसूली का फायदा उठाकर यात्रियों के सामान चोरी कर ले जाते हैं। देश की कई ट्रेनों में चोरी हो चुकी है।

देश की 4 वीआईपी ट्रेनों में हुई चोरी की बड़ी घटनाओं के बारे में…

तेजस राजधानी एक्सप्रेस: 12 दिसंबर 2023 को दिल्ली-मुंबई तेजस राजधानी एक्सप्रेस में कोटा के पास एक यात्री के करीब 69 लाख रुपए चोरी हो गए।

अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस: 16 अगस्त 2023 को रतलाम के पास दिल्ली-मुंबई अगस्त क्रांति एक्सप्रेस में चोरों ने 7 बोगियों से 25 लोगों के करीब 15 लाख रुपए और आभूषण चोरी कर लिए।

नई दिल्ली-बिलासपुर राजधानी: 24 सितंबर 2017 को नई दिल्ली-बिलासपुर राजधानी में दो महिला यात्रियों के नकदी और आभूषण चुरा लिए थे।

सेलम-चेन्नई एक्सप्रेस: 8 अगस्त 2016 को देश में ट्रेन की सबसे बड़ी डकैती को अंजाम दिया गया। सेलम से चेन्नई जाने वाली इस एक्सप्रेस ट्रेन में आरबीआई का करीब 342 करोड़ रुपए कैश जा रहा था बोगी की छत से नीचे पहुंचे बदमाशों ने 5.75 करोड़ रुपए पर हाथ साफ कर दिया था।

सीपीआरओ बोले-जांच करा कर कार्रवाई होगी

उत्तर मध्य रेलवे डिविजन के सीपीआरओ हिमांशु शेखर ने इस संबंध में कहा कि हम लोगों के यहां विजिलेंस, विभागीय जांच समय-समय पर की जाती रहती हैं। ऐसा कुछ संज्ञान में आता है तो कार्रवाई भी की जाती है। इस पूरे मामले में भी जांच करवा करके कार्रवाई की जाएगी।