जोशीमठ के बाद नैनीताल भी दरक रहा: 3 किमी में धंस रहे पहाड़, घरों में दरारें, हादसे के डर से घर छोड़कर जा रहे लोग

नैनीताल40 मिनट पहलेलेखक: मनमीत

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नैनीताल की चार्टन लॉज भी जोशीमठ की तरह लैंडस्लाइड के खतरे में आ गई है। - Dainik Bhaskar

नैनीताल की चार्टन लॉज भी जोशीमठ की तरह लैंडस्लाइड के खतरे में आ गई है।

उत्तराखंड के नैनीताल से 8 किमी दूर स्थित खूपी गांव। पहाड़ी की तलहटी पर चीड़ के सुंदर पेड़ों से घिरे इस गांव के सीढ़ीदार खेत और सुंदर नजारे पर्यटकों को दूर सड़क से ही आकर्षित करता हैं, लेकिन जब गांव के नजदीक आने पर यहां का दर्द सामने आ जाता है।

यह पूरा गांव भी जोशीमठ की तरह भू-धंसाव की जद में आ चुका है। गांव के प्रदीप त्यागी बताते हैं कि गांव में 2012 के बाद से भू-धंसाव होने लगा था। यहां करीब 3 किमी के हिस्से में पहाड़ धंस रहे हैं। कई लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है।

खूपी गांव के पास से गुजरने वाला बरसाती नाला हर साल गांव की ओर का हिस्सा काट रहा है। छह घर तो पूरी तरह टूटने की कगार पर हैं। गांव के रहने वाले बच्ची राम का घर की पूरी छत गिरने को थी, इसलिए वह अपने परिवार के साथ घर छोड़कर चले गए हैं।

गांव के 19 घरों में हर साल दरारें आ रही हैं। भूस्खलन के खतरे को देखते हुए बीते मंगलवार को प्रशासन की टीम ने खूपी का निरीक्षण किया था। प्रशासन ने गांव के लिए 15 करोड़ की ट्रीटमेंट योजना बनाई है।

नैनीताल के चार्टन लॉज पर भी खतरा
चार्टन लॉज क्षेत्र में एक बार फिर से भूस्खलन हो रहा है। जिससे अब 18 परिवारों सहित आस-पास के दर्जनों घरों पर खतरा मंडराने लगा है। अब तक तीन परिवारों ने घर छोड़ दिया है। बाकी परिवारों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। राज्य लोक निर्माण विभाग ने भूस्खलन को रोकने के लिए यहां जियो बैग का इस्तेमाल किया है। पिछले साल इस पहाड़ी पर हुए भूस्खलन में दो मकान ध्वस्त हो गए थे।

खूपी गांव के कई मकानों में ऐसी दरारें आ गई है।

खूपी गांव के कई मकानों में ऐसी दरारें आ गई है।

खूपी गांव के नीचे मिलती हैं दो रेंज, खतरे में पूरा नैनीताल भास्कर एक्सपर्ट पर्यावरणविद और इतिहासकार प्रो.अजय रावत ने कहा कि नैनीताल भी जोशीमठ बनने की दिशा में है। खूपी गांव से होकर मेन बाउंड्री थ्रस्ट (एमबीटी) होकर गुजरती है। जो लघु हिमालय और बाह्या हिमालय (शिवालिक) रेंज को जोड़ती है। ये हिमालय बाउंड्री हिमालय को कंप्रेस करती है, जिस वजह से जमीन उठने लगती हैं और दरारें, भूस्खलन हो रहे हैं।

खूपी ही नहीं बल्कि पूरा नैनीताल शहर ही खतरे में हैं। दो दिन पहले ही नैनीताल के सबसे बड़े पयर्टन स्थलों में एक टिफिन टॉप भूस्खलन से गिर गया है। नैना पीक पहाड़ भी टूट रहा है। दो साल से हम देख रहे हैं कि चार्टन लॉज और इसके ऊपर का पूरा पहाड़ भूस्खलन की जद में है।

SDM नैनीताल प्रमोद कुमार ने कहा – हमने खूपी गांव का निरीक्षण किया है कई घरों में दरारें आ रही हैं। फिल्हाल सिंचाई विभाग को सुरक्षा के लिए तात्कालिक व दीर्घकालिक योजना बनाने के निर्देश दिए। नैनीताल के चार्टन लॉज क्षेत्र में भी भूस्खलन पर नजर रखी जा रही है। यहां भी ट्रीटमेंट की योजना पर काम हो रहा है।

जोशीमठ में दरक गए थे मकान
उत्तराखंड के जोशीमठ में 2 जनवरी 2023 में आपदा आई जिससे शहर के करीब 900 मकानों में दरार देखने को मिली वहीं कई जमीन के कई हिस्सों धंस गए। वहीं अन्य घरों की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी।

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