जुबैर केस में UP सरकार को सुप्रीमकोर्ट की फटकार: कहा – गिरफ्तारी के लिए टूल की तरह इस्तेमाल न करें जस्टिस सिस्टम

नई दिल्ली11 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर केस में UP सरकार पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी के लिए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ है। इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का लगातार गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। कोर्ट ने कथित हेट स्पीच के लिए जुबैर के खिलाफ दर्ज FIR के संबंध में अंतरिम जमानत देते हुए यह टिप्पणी की।

कोर्ट ने गिरफ्तारी पर उठाए सवाल
20 जुलाई को हुई सुनवाई में फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को दर्ज सभी मामलों में अंतरिम जमानत दे दी गई थी। कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश पर भी सवाल उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि गिरफ्तारी के पॉवर का इस्तेमाल जल्दबाजी में नहीं किया जाना चाहिए था।

जुबैर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 27 जून को अरेस्ट किया था।

जुबैर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 27 जून को अरेस्ट किया था।

ट्वीट करने से रोकने पर कोर्ट ने की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को जमानत पर रहने के दौरान ट्वीट करने से रोकने की UP सरकार की दलील को मानने से इनकार कर दिया। कहा कि बोलने पर रोक लगाने का आदेश फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन को कम करता है। सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को 20 जुलाई को अंतरिम जमानत दी थी और डिटेल ऑर्डर सोमवार शाम वेबसाइट पर अपलोड किया गया था।

जुबैर पर कुल 7 FIR, इनमें से 6 UP में
जुबैर पर कुल 7 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से 6 उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं। वो दिल्ली, सीतापुर, हाथरस और लखीमपुर में दर्ज केस में कस्टडी में हैं। ​​​​​​जुबैर 2018 के ट्वीट केस में बेल के लिए दिल्ली की अदालत पहुंचे थे, लेकिन धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में उत्तर प्रदेश की हाथरस कोर्ट ने 14 जुलाई को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके मुताबिक जुबैर को 27 जुलाई तक जेल में ही रहना था।

इस पोस्ट ने खड़ा किया था विवाद
जुबैर ने फिल्म निर्माता ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म किसी से ना कहना का एक क्लिप शेयर किया था। इसमें एक होटल के बाहर बोर्ड नजर आ रहा है, जिस पर हिंदी में हनुमान होटल लिखा हुआ था। हालांकि उस बोर्ड पर पेंट के निशान से पता चलता है कि इसे पहले हनीमून होटल कहा जाता था और फिर हनीमून को बदलकर हनुमान कर दिया गया। जुबैर ने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा था बिफोर 2014 हनीमून होटल, आफ्टर 2014 हनुमान होटल। इस पोस्ट के जरिए जुबैर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने समेत षड्यंत्र करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर को 27 जून को अरेस्ट किया था।

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