जिम कार्बेट नेशनल पार्क में काटे 6 हजार पेड़: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- क्यों न मामले की CBI जांच कराई जाए

देहरादून5 मिनट पहले

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जिम कॉर्बेट भारत का सबसे पुराना नेशनल पार्क है, इसे 1936 में बंगाल टाइगर को बचाने के लिए हैली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। - Dainik Bhaskar

जिम कॉर्बेट भारत का सबसे पुराना नेशनल पार्क है, इसे 1936 में बंगाल टाइगर को बचाने के लिए हैली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था।

विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट पार्क में 6 हजार पेड़ों की कटाई और अवैध निर्माण के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच क्यों नहीं कराई जाए।

सोमवार को चीफ जस्टिस जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस आलोक वर्मा की बेंच ने मामले की गंभीरता और अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए यह टिप्पणी की। मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।

टूरिज्म स्पॉट बनाने के लिए काटे गए थे पेड़
2017 से 2022 के बीच जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी और दूसरी टूरिज्म सर्विस स्पॉट बनाने के लिए पेड़ों को काटा गया था। राष्ट्रीय उद्यान में चारदीवारी और इमारतों को भी बनाया गया। उस समय हरक सिंह रावत राज्य के वन मंत्री थे। देहरादून की रहने वाली अनु पंत ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते बेंच ने इस पर सरकार से सवाल किया।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कॉर्बेट में 6,000 पेड़ों की कटाई से जुड़ी कई रिपोर्ट्स कोर्ट के सामने रखी गईं। ये सभी रिपोर्ट याचिकाकर्ता के वकील अभिजय नेगी ने कोर्ट को विस्तार से दिखाईं।

कोर्ट ने कहा- तत्कालीन वनमंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई

हरक सिंह रावत हरिद्वार से कांग्रेस की सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

हरक सिंह रावत हरिद्वार से कांग्रेस की सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

इस पर कोर्ट ने सरकार की तरफ से पेश हुए वकील से पूछा कि तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत और बाकी टॉप फॉरेस्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जिनके नाम रिपोर्ट्स में सामने आए हैं। केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत का नाम हैं।

यह रिपोर्ट कोर्ट में भी पेश की जा चुकी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंपी गई रिपोर्ट में पूर्व वन मंत्री का भी नाम शामिल है।

कांग्रेस में शामिल हो गए हरक सिंह रावत
भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इन दिनों हरक सिंह रावत हरिद्वार से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। इससे पहले 2016/17 में हुए पूर्व CM हरीश रावत-विधायक मदन बिष्ट के स्टिंग ऑपरेशन केस में भी वे CBI जांच का सामना कर रहे हैं।

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CVC की रिपोर्ट- CBI के 6841 केस कोर्ट में पेंडिंग

केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने 2022 की एनुअल रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के जिन मामलों की जांच पूरी कर ली है, उनमें से 6841 मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं। इन पर अभी तक कोई फैसला नहीं आ सका है। पढ़ें पूरी खबर…

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