जयशंकर बोले- आशा है भारत UN का स्थायी सदस्य बनेगा: इसके लिए हमें मेहनत करनी पड़ेगी, दुनिया का रुख भारत के पक्ष में

राजकोट16 मिनट पहले

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विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यूएन में 193 देश हैं, लेकिन पांचों स्थायी सदस्य बाकी देशों को कमतर समझते हैं। - Dainik Bhaskar

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यूएन में 193 देश हैं, लेकिन पांचों स्थायी सदस्य बाकी देशों को कमतर समझते हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार 2 अप्रैल को उम्मीद जताई कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्य (Permanent Member) बन सकता है। इसके लिए हमें मेहनत करनी पड़ेगी। पूरी दुनिया का रुख इस वक्त भारत के पक्ष में है। जयशंकर ने ये बातें राजकोट में इंटेलेक्चुअल्स के बीच कहीं।

अभी UNSC में अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूके स्थायी सदस्य हैं। जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (UN) की स्थापना करीब 80 साल पहले (1945) में हुई थी। इन पांचों देशों ने ही आपस में तय कर लिया कि UNSC में कौन स्थायी सदस्य होगा। आज UN में 193 देश हैं, लेकिन पांचों स्थायी सदस्य बाकियों को कमतर समझते हैं।

विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि इन पांच देशों ने ही सारा कंट्रोल अपने पास रखा है। आश्चर्य ये है कि आपको इनसे ही किसी बदलाव के लिए पूछना पड़ता है। कुछ सहमत होते है, कुछ ईमानदारी से अपना पक्ष बता देते हैं, जबकि कुछ पर्दे के पीछे से खेलते हैं।

UN कमजोर हो रहा है- जयशंकर
जयशंकर ने कहा- दुनियाभर में लोगों का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र (UN) कमजोर हो रहा है। UN में यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर डेडलॉक बना हुआ है। गाजा को लेकर भी कोई सहमति नहीं बन पाई। अब इन्हीं सब परिस्थितियों में भारत को स्थायी सदस्यता मिलने के मौके बढ़ेंगे।

विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि भारत ने बीते 10 साल में सिद्ध कर दिया है कि लोकतंत्र में चीजें डिलीवर हो सकती हैं। दुनिया इस बात को लेकर चकित है भारत 7% की विकास दर से बढ़ रहा है। कोविड के दौरान में भी ये कम नहीं हुई।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कच्चाथीवू मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये ऐसा मुद्दा नहीं है, जो आज अचानक उठा है। ये मसला संसद और तमिलनाडु में लगातार उठता रहा है, इस पर बहस हुई है। इस मसले पर मैंने मौजूदा मुख्यमंत्री को 21 बार जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मई 1961 में तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था, ‘मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और मुझे इस पर अपना दावा छोड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी।’ पूरी खबर पढ़ें…

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