जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 24 सीटों पर वोटिंग आज: फर्स्ट फेज में महबूबा की बेटी इल्तिजा समेत 219 कैंडिडेट्स, 110 करोड़पति, 36 पर क्रिमिनल केस

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श्रीनगर19 मिनट पहले

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मतदान दल आज की वोटिंग करवाने के लिए बूथों के लिए रवाना हो रहे हैं। शांति बनाए रखने के लिए जगह-जगह सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। - Dainik Bhaskar

मतदान दल आज की वोटिंग करवाने के लिए बूथों के लिए रवाना हो रहे हैं। शांति बनाए रखने के लिए जगह-जगह सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में आज 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें 23.27 लाख वोटर्स शामिल होंगे।

अलग-अलग राज्यों में रह रहे 35 हजार से ज्यादा विस्थापित कश्मीरी पंडित भी वोट डाल सकेंगे। उनके लिए दिल्ली में 24 स्पेशल बूथ बनाए गए हैं।

फर्स्ट फेज की 24 में से 8 सीटें जम्मू डिवीजन और 16 सीटें कश्मीर घाटी में है। सबसे ज्यादा 7 सीटें अनंतनाग और सबसे कम 2-2 सीटें शोपियां और रामबन जिले की हैं।

चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले फेज में 219 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें 9 महिलाएं और 92 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। 110 कैंडिडेट्स करोड़पति हैं जबकि 36 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

इस फेज में मुफ्ती परिवार का गढ़ रही बिजबेहरा सीट भी है। यहां PDP चीफ महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। महबूबा और उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद CM रह चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में वोटिंग होगी। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2014 चुनाव में PDP ने सबसे ज्यादा 28 और भाजपा ने 25 सीटें जीती थी। दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई थी।

अनंतनाग की सबसे ज्यादा 7 सीटों पर वोटिंग

पहले फेज में अनंतनाग की 7, पुलवामा की 4, कुलगाम, किश्तवाड़ और डोडा की 3-3, शोपियां और रामबन की 2-2 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। डोडा, रामबान और किश्तवाड़ जिले जम्मू डिवीजन जबकि अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां कश्मीर डिवीजन में आते हैं। पुलवामा की पंपोर सीट पर सबसे ज्यादा 14 कैंडिडेट हैं। वहीं अनंतनाग की बिजबेहरा सीट पर केवल 3 उम्मीदवारों के बीच में चुनावी लड़ाई है।

PDP के सबसे ज्यादा 18 कैंडिडेट्स करोड़पति एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के फेज 1 के 219 उम्मीदवारों के हलफनामे के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की। ADR की रिपोर्ट के अनुसार, फेज-1 के 219 कैंडिडेट्स की एवरेज संपत्ति 3 करोड़ रुपए है।

219 में से 50% यानी 110 कैंडिडेट करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के 21 में 18 कैंडिडेट करोड़पति हैं।

36 कैंडिडेट्स पर क्रिमिनल केस दर्ज, 5 रेड अलर्ट सीटें ADR की रिपोर्ट के अनुसार, 219 में से 16% यानी 36 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। वहीं 11% यानी 25 कैंडिडेट्स ऐसे हैं जिन पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। 4 उम्मीदवारों पर हत्या की कोशिश के मामले हैं। 2 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें से एक कैंडिडेट के ऊपर रेप का मामला भी दर्ज है।

पहले फेज की 24 में से 5 रेड अलर्ट सीटें हैं। रेड अलर्ट सीट उन्हें कहा जाता है जहां 3 या उससे अधिक कैंडिडेट पर क्रिमिनल केस दर्ज हो। 5 सीटों में कोकेरनाग (ST), डोडा, पुलवामा, दूरू, भदरवाह शामिल हैं।

2014 से कितना अलग 2024 जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव

  • 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाया गया। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होगा।
  • आखिरी बार 2014 में 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ था, जिसमें 4 सीटें लद्दाख की थीं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद 7 विधानसभा सीटें बढ़ीं। इसलिए इस बार 90 सीटों पर चुनाव होगा।
  • जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में से 74 जनरल, 7 एससी और 9 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं।
  • आर्टिकल 370 हटने के पहले विशेष राज्य होने के कारण जम्मू-कश्मीर सरकार का कार्यकाल 6 साल का होता था, लेकिन अब यह 5 साल का ही होगा।

फर्स्ट फेज की हॉट सीट…

1. बिजबेहरा

अनंतनाग की बिजबेहरा सीट महबूबा मुफ्ती परिवार का गढ़ रही है। यहां 1967 से लेकर अब तक 9 बार विधानसभा चुनाव और उपचुनाव हुए। इनमें से 6 चुनाव में मुफ्ती परिवार या PDP कैंडिडेट की जीत हुई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस अब तक सिर्फ तीन बार 1977, 1983 और 1987 में ही यहां से चुनाव जीत सकी है। 1996 से अब तक इस सीट पर मुफ्ती परिवार या PDP का कब्जा है।

1996 में महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद 3 चुनाव और एक उपचुनाव PDP के अब्दुल रहमान भट्ट ने जीता। हालांकि, 2014 का चुनाव अब्दुल रहमान 2,868 वोटों से ही जीत सके थे। इस बार PDP ने इल्तिजा मुफ्ती को टिकट दिया है। उनके सामने नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद शाह और भाजपा के सोफी यूसुफ की चुनौती है। PDP चीफ महबूबा मुफ्ती 2024 का लोकसभा चुनाव अनंतनाग से हार गईं थीं।

2. कुलगाम

कश्मीर घाटी में आतंकवाद की शुरुआत से ही कुलगाम सबसे प्रभावित रहा है। इस सीट की खास बात ये है कि पिछले 28 साल से जब भी विधानसभा चुनाव हुए, हर बार CPI (M) के यूसुफ तारिगामी ही जीते। तारिगामी जम्मू-कश्मीर में कम्युनिस्ट पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं।

यूसुफ का मुकाबला पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नजिर अहमद लावे और सयार अहमद रेशी से है। सयार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी का समर्थन हासिल है।

3. अनंतनाग

दक्षिण कश्मीर की प्रमुख अनंतनाग विधानसभा सीट पर इस बार तीन उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है। चुनाव मैदान में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के पीरजादा मोहम्मद सईद, PDP के डॉ. महबूब बेग और अपनी पार्टी के हिलाल अहमद शाह हैं। पीरजादा मंसूर हुसैन निर्दलीय कैंडिडेट हैं जो पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (PC) से जुड़े रहे हैं। इनके अलावा डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के मीर अल्ताफ हुसैन और भाजपा के सैयद पीरजादा वजाहत हुसैन भी चुनाव लड़ रहे हैं।

4. पुलवामा

पुलवामा सीट पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच सीधा मुकाबला है। PDP ने वहीद उर रहमान पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मोहम्मद खलील बंद को मैदान में उतारा है। मोहम्मद खलील 2002, 2008 और 2014 में PDP की ओर से पुलवामा सीट से चुनाव जीते थे। 2018 में उन्होंने पार्टी छोड़ नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए। वहीं PDP ने पार्टी के युवा नेता मोहम्मद खलील बंद को मौका दिया है।

जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में वोटिंग, 8 अक्टूबर को रिजल्ट आएगा इलेक्शन कमीशन ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। राज्य में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में वोटिंग होगी। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा। राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 87 लाख वोटर्स और 11 हजार से ज्यादा बूथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में 87 लाख 9 हजार वोटर्स हैं। विधानसभा चुनाव के लिए 11838 मतदान केंद्र होंगे। हर बूथ पर औसतन 735 वोटर्स वोट डालेंगे। महिलाओं और दिव्यांग के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। वहीं 360 मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें हैं, जिनमें 74 सामान्य सीटें, अनुसूचित जाति (SC) के लिए 7 और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 9 सीटें हैं।

अगले फेज में 25 सितंबर को 26 सीटों पर वोटिंग होगी

2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर की 90 सीटें, परिसीमन में 7 जुड़ीं जम्मू-कश्मीर में 2014 के विधानसभा चुनाव में 87 सीटें थीं। जिनमें से 4 लद्दाख की थीं। लद्दाख के अलग होने पर 83 सीटें बचीं थीं। बाद में परिसीमन के बाद 7 नई सीटें जोड़ी गईं। उनमें 6 जम्मू और 1 कश्मीर में है। अब कुल 90 सीटों पर चुनाव होगा। इनमें 43 जम्मू, 47 कश्मीर संभाग में हैं। 7 सीटें SC (अनुसूचित जाति) और 9 सीटें ST (अनुसूचित जनजाति) के लिए रिजर्व हैं।

जम्मू-कश्मीर लोकसभा चुनाव का परिणाम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की पांच सीटें हैं। 2024 चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा ने 2-2 सीटों पर जीत मिली थी जबकि एक सीट से निर्दलीय इंजीनियर राशिद को जीत मिली थी।

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