जमानत मिलने के बाद मनीष सिसोदिया का पहला इंटरव्यू: बोले- केजरीवाल को भी न्याय मिलेगा, मुसीबत में पार्टी ने एकता दिखाई

  • Hindi News
  • National
  • Manish Sisodia ANI Interview Update; Arvind Kejriwal | Delhi Liquor Policy Scam

नई दिल्ली2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार सुबह 10 से 11 बजे के बीच CBI और ED दफ्तर में पेश होना होगा। - Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार सुबह 10 से 11 बजे के बीच CBI और ED दफ्तर में पेश होना होगा।

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शराब नीति मामलें में सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद सोमवार (12 अगस्त) को पहला इंटरव्यू दिया। इस दौरान मनीष ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है कि मेरी तरह ही वह सीएम अरविंद केजरीवाल को भी न्याय देगा।

न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सिसोदिया ने बताया- सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुझे हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच CBI और ED दफ्तर में पेश होना होगा। कोई निराशा नहीं है। मुसीबत में लोग और मजबूती से एकता दिखाते हैं। पार्टी में कोई टूट नहीं हुई।

विधानसभा चुनाव में भाजपा की जमानत जब्त कराएंगे

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा- पार्टी सबसे कठिन दौर से गुजरी है, लेकिन कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता ने एकता दिखाई। यही हमारी ताकत है। इससे पहले 11 अगस्त को मनीष सिसोदिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र के पटपड़गंज के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा- हमारे सभी कार्यकर्ताओं ने विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत नहीं हारी।

हम जल्द ही इस मुसीबत से बाहर निकल आएंगे। दिल्ली की जनता के साथ मिलकर हम एक बार फिर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में भारी बहुमत से सरकार बनाएंगे और भाजपा की जमानत जब्त कराएंगे।

इस बीच, 11 अगस्त को ही सिसोदिया ने अपने आवास पर एक हाई लेवल बैठक भी की। इसमें राज्यसभा सांसद संजय सिंह, दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय, मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज समेत आप के अन्य नेता मौजूद रहे। पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी में है।

17 महीने बाद जेल से बाहर आए मनीष सिसोदिया

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया 9 अगस्त को 17 महीने बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने दोपहर में​​​ उन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े CBI और ED के केस में जमानत दी थी।

जेल से बाहर आने के बाद सिसोदिया ने AAP कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहा, ‘संविधान और लोकतंत्र की ताकत से जमानत मिली है। सुप्रीम कोर्ट का दिल से धन्यवाद है। यही ताकत हमारे नेता अरविंद केजरीवाल को भी जेल से रिहा कराएगी।’

सिसोदिया तिहाड़ से सीधे अरविंद केजरीवाल के आवास पहुंचे। वहां उन्होंने केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और परिवार के लोगों से मुलाकात की। सिसोदिया को CBI ने भ्रष्टाचार केस में 26 फरवरी 2023 को और ED ने 9 मार्च 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। तब से वे जेल में थे। इसके बाद सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।

सिसोदिया ने तिहाड़ से बाहर समर्थकों को संबोधित किया।

सिसोदिया ने तिहाड़ से बाहर समर्थकों को संबोधित किया।

SC ने जमानत दी, कहा- ‘केस खत्म होने की संभावना नहीं’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘बार-बार देखा गया है कि किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले लंबे समय तक की जेल को मुकदमे के बिना सजा बनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’

बेंच ने कहा, ‘सिसोदिया के मामले में CBI और ED के दर्ज मामलों में कुल 493 गवाहों के नाम दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि इन मामलों में हजारों पेज के कागजी दस्तावेज और एक लाख से ज्यादा पेज के डिजिटल दस्तावेज शामिल हैं।

कोर्ट ने कहा कि यह साफ है कि इस मुकदमे के जल्द समाप्त होने की दूर-दूर तक उम्मीद नहीं है। इसलिए अपीलकर्ता (सिसोदिया) को लंबे समय के लिए कैद नहीं रखा जा सकता है। ऐसा किया गया तो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता के उनके मौलिक अधिकार से वंचित किया जाएगा।’​​​​​​

सुप्रीम कोर्ट ने ASG की अपील नहीं मानी
ED-CBI का पक्ष रख रहे ए़डिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (ASG) ने कोर्ट में सिसोदिया पर जमानत के दौरान कुछ पाबंदी लगाने की मांग की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि सिसोदिया पर अरविंद केजरीवाल केस की तरह शर्तें लगाई जाएं।

ASG ने सिसोदिया को मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में एंट्री पर रोक लगाने की भी मांग की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे रिजेक्ट कर दिया। बेंच ने कहा कि स्वतंत्रता का मामला हर दिन मायने रखता है, इसलिए हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते।

सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच ने सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुनाया है। बेंच ने तीन दिन पहले 6 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 4 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया था। सिसोदिया ने जमानत पर दोबारा विचार करने की याचिका लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाने से पहले जमानत को लेकर अब तक की गई कार्यवाही के बारे में बताया। कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया को वापस ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट भेजना सांप-सीढ़ी के खेल में डालने जैसा होगा। एक नागरिक को इधर-उधर भटकने के लिए नहीं मजबूर किया जा सकता है।

बेंच ने कहा, “मामले की तुरंत सुनवाई लोगों का अधिकार है। यह कहकर जमानत का विरोध नहीं किया जा सकता कि अपराध गंभीर है। स्वतंत्रता के लिहाज से हर दिन मायने रखता है। CBI मामले में 13 और ED मामले में 14 अर्जियां दाखिल की गई थीं। ये सभी अर्जियां निचली अदालत ने मंजूर की थी।

निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था की मनीष की अर्जियों की वजह से ट्रायल शुरू होने में देरी हुई, वो सही नहीं है। हम नहीं मानते कि अर्जियों की वजह से ट्रायल में देरी हुई। इस मामले में ED ने भी 8 चार्जशीट दाखिल किए। ऐसे में जब जुलाई में जांच पूरी हो चुकी है तो ट्रायल क्यों नहीं शुरू हुआ। हाईकोर्ट और निचली अदालत ने इन तथ्यों को अनदेखा किया।”

मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने की खुशी में मंत्री आतिशी के निवास के बाहर जश्न मनाते हुए AAP कार्यकर्ता।

मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने की खुशी में मंत्री आतिशी के निवास के बाहर जश्न मनाते हुए AAP कार्यकर्ता।

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे सिसोदिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 मई, 2024 को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया था। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा था कि 2023 अक्टूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है।

दिल्ली हाईकोर्ट से पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को उन्हें जमानत नहीं दी थी। ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका इससे पहले भी कई बार खारिज हो चुकी थीं।

कब-कब खारिज हुईं सिसोदिया की जमानत याचिका

  • 28 अप्रैल 2023: ED केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की।
  • 31 मार्च 2023: CBI केस में जमानत याचिका को खारिज की।
  • 3 जुलाई 2023: दिल्ली हाईकोर्ट ने ED केस में जमानत याचिका खारिज की।
  • 30 मई 2023: CBI केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज की।
  • 30 अक्टूबर 2023: ED केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।

शराब नीति घोटाला और सिसोदिया का कनेक्शन, 5 पॉइंट्स

1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

खबरें और भी हैं…