चांद पर 10 दिन में 100 मीटर चला प्रज्ञान रोवर: इसरो ने फोटो शेयर की, लिखा- प्रज्ञान 100 नॉटआउट

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5 मिनट पहले

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ये फोटो इसरो ने शेयर किया है, जिसमें लैंडिंग पॉइंट 'शिवशक्ति' से प्रज्ञान रोवर की तय की गई दूरी दिखाई गई है। - Dainik Bhaskar

ये फोटो इसरो ने शेयर किया है, जिसमें लैंडिंग पॉइंट ‘शिवशक्ति’ से प्रज्ञान रोवर की तय की गई दूरी दिखाई गई है।

चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने शिवशक्ति लैंडिंग पॉइंट से 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। इसरो ने शनिवार (2 सितंबर) को लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के बीच की दूरी का ग्राफ शेयर किया है। इसमें दिखाया गया है कि प्रज्ञान पहले लैंडर से पश्चिम की तरफ जा रहा था। बाद में इसने दिशा बदलकर उत्तर की तरफ चलना शुरू किया।

इसरो ने 50×50 स्केल के आधार पर ग्राफ बनाया है। जिसमें बताया है कि 101.4 मीटर दूरी चल चुका है। विक्रम लैंडर 23 सितंबर को चंद्रमा पर उतरा था। रोवर को यह दूरी तय करने में 10 दिन लगे।

इसरो ने जो ग्राफ शेयर किया है, उसके मुताबिक प्रज्ञान लैंडर विक्रम से 101.4 मीटर दूर उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है।

इसरो ने जो ग्राफ शेयर किया है, उसके मुताबिक प्रज्ञान लैंडर विक्रम से 101.4 मीटर दूर उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है।

1 सेमी प्रति सेकेंड की गति से चलता है रोवर
छह पहियों वाले प्रज्ञान रोवर का वजन 26 किलो है। लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह ISRO ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की थी। लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा था। ये 1 सेमी प्रति सेकेंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल करता है।

14 दिन का है चंद्रयान-3 मिशन
चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का है। 2 सितंबर को इसका 11वां दिन है। यानी प्रज्ञान के पास साउथ पोल रिसर्च के लिए 3 दिन और बाकी हैं। दरअसल, चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। जब यहां रात होती है तो तापमान -100 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो जाता है।

चंद्रयान के लैंडर और रोवर अपने सोलर पैनल्स से पावर जनरेशन कर रहे हैं। इसलिए वो 14 दिन तो पावर जनरेट कर लेंगे, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे।

चंद्रयान-3 से अब तक आए अपडेट्स

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चांद की सतह पर रोवर विक्रम के रोटेशन का वीडियो लैंडर विक्रम के कैमरे से खींचा गया है। इसरो ने इसे 31 अगस्त को शेयर किया था।

चांद की सतह पर रोवर विक्रम के रोटेशन का वीडियो लैंडर विक्रम के कैमरे से खींचा गया है। इसरो ने इसे 31 अगस्त को शेयर किया था।

​​​​​​​चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग 4 फेज में हुई ISRO ने 23 अगस्त को 30 किमी की ऊंचाई से शाम 5 बजकर 44 मिनट पर ऑटोमैटिक लैंडिंग प्रोसेस शुरू की और अगले 20 मिनट में सफर पूरा कर लिया। चंद्रयान-3 ने 40 दिन में 21 बार पृथ्वी और 120 बार चंद्रमा की परिक्रमा की। चंद्रयान ने चांद तक 3.84 लाख किमी दूरी तय करने के लिए 55 लाख किमी की यात्रा की।

चांद पर भारत का यह तीसरा मिशन था, पहले मिशन में पानी खोजा था
2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिसमें चांद पर पानी के बारे में पता चला। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया।

23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 चांद पर लैंड कर गया। चांद पर सकुशल पहुंचने का संदेश भी चंद्रयान-3 ने भेजा। कहा- ‘मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं।’

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