चरण की धूल लेने टूट पड़ी भीड़…मच गई भगदड़: हाथरस में वॉलंटियर्स ने पानी की बौछार की, लोग भागते हुए एक-दूसरे को रौंदने लगे – Uttar Pradesh News

लोडर से घायलों और मृतकों को पहले सीएचसी लाया गया, यहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 122 लोगों की मौत हुई है। भगदड़ मचने की मुख्य वजह सामने आ रही हैं। भोले बाबा जब निकले, तो चरण रज लेने के लिए महिलाएं टूट पड़ीं। भीड़ हटाने के लिए वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन का उपयोग किया। बचने के लिए भी

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एडीजी जोन आगरा अनुपम ने भी चरण रज वाली बात कही है। उन्होंने कहा- महिलाओं से बातचीत में यह बात सामने आई है। मगर, मैं कहना चाहूंगी कि ये पूरी चीज जांच का विषय है।

हाथरस के फुलरई गांव में भोलेनाथ बाबा का एक दिन का सत्संग था। सत्संग सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक था। इसमें एक लाख से ज्यादा की भीड़ जुटी थी।

सत्संग स्थल के आसपास पानी भरा था। इस वजह से लोग भाग नहीं पाए।

सत्संग स्थल के आसपास पानी भरा था। इस वजह से लोग भाग नहीं पाए।

सत्संग स्थल पर एक शख्स ने दैनिक भास्कर को बताया- सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा निकले। उनके चरणों की धूल लेने के लिए सैकड़ों की भीड़ बाहर की ओर दौड़ी। जैसे ही लोग झुककर धूल उठाने लगे, भगदड़ मच गई। इसके बाद एक के ऊपर एक चढ़कर लोग बाबा के चरणों की धूल उठाने लगे। इसी चक्कर में इतना बड़ा हादसा हो गया।

सड़क पर आए तो मची भगदड़
प्रत्यक्षदर्शी हीरालाल सिंह बताते हैं- जैसे ही सत्संग समाप्त हुआ, हम वहां से अच्छी तरह से निकलकर बाहर रोड तक आ गए। कोई दिक्कत नहीं थी। सही-सलामत चल रहे थे। फिर अचानक भीड़ का रेला इकट्‌ठा हो गया। उसमें कुछ मोटरसाइकिलें भी थीं। इसमें मैं और बच्चे संभल नहीं पाए। मेरी बच्ची सड़क पर गिरी और फिर वो उठ नहीं पाई।

ये पूछने पर कि अंदर क्या हुआ था? हीरालाल कहते हैं- अंदर कुछ नहीं हुआ। ये रोड पर हुआ हादसा है। हम अंदर से अच्छी तरह निकलकर बाहर आ गए। कोई दिक्कत नहीं हुई। बाहर सड़क पर भीड़ का रेला कहां से आया, कुछ पता नहीं लगा।

प्रशासन ने पूरी व्यवस्था वॉलंटियर्स पर छोड़ी
सत्संग में एक लाख से ज्यादा की भीड़ थी, लेकिन प्रशासन ने पूरी व्यवस्था बाबा के वॉलंटियर्स पर छोड़ दी। वॉलंटियर्स इतनी बड़ी भीड़ नहीं संभाल पाए। लोगों के मुताबिक, खेत में सत्संग था। हाईवे के किनारे नीचे गड्‌ढे थे। खेत जुता था। पानी की वजह से कीचड़ फैल गया। इस वजह से लोग वहां से भाग नहीं पाए।

हादसे के बाद 5 बड़े सवाल…

1-डेढ़ लाख लोग जुटे, पुलिस और प्रशासन कहां था? 2- इजाजत देते वक्त लोगों की संख्या का ध्यान क्यों नहीं रखा गया? 3- हाईवे के किनारे कार्यक्रम की इजाजत क्यों दी गई? 4- पुलिस ने बाबा के प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों के सहारे व्यवस्था क्यों छोड़ दी? 5- लोकल इंटेलिजेंस भीड़ का अंदाजा लगाने में क्यों फेल रहा?

भगदड़ का घटनाक्रम

  1. मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे बाबा का काफिला आयोजन स्थल से मैनपुरी के लिए निकला।
  2. इसके लिए मंच के बगल से हाईवे तक रास्ता बनाया गया था।
  3. आयोजकों ने प्रवेश द्वार के पास ही भीड़ को रोक दिया।
  4. हजारों श्रद्धालु हाईवे के दूसरी तरफ बाबा के दर्शन करने के लिए खड़े हो गए।
  5. जैसे ही काफिला हाईवे पर प्रवेश द्वार से निकला, भीड़ दर्शन को दौड़ी।
  6. बाबा का काफिला आगे बढ़ गया और हाईवे किनारे खड़े लोगों पर सामने से आए श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ गया।
  7. इससे सैकड़ों श्रद्धालु गिरते हुए खेतों की तरफ भागे।
  8. इसके बाद एक के ऊपर एक लोग गिरते गए और चीख-पुकार मच गई।
  9. बाबा के सेवादारों ने दबे लोगों को निकाला, लेकिन तब तक कई लोगों की सांसें थम चुकी थीं।