चंद्रयान-3 मिशन की सक्सेस के पीछे 5 साइंटिस्ट: कोई रेलकर्मी का बेटा, किसी ने बचपन में ISRO में नौकरी करने का सपना देखा

नई दिल्ली24 मिनट पहले

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चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट की सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। - Dainik Bhaskar

चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट की सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद पर पहुंच गया। इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट की सफल लैंडिंग के पीछे 5 साइंटिस्ट की भूमिका अहम रही। आइए आपको इनके बारे में बताते हैं…

1. एस.सोमनाथ

ISRO चीफ एस सोमनाथ ने पूरे चंद्रयान-3 मिशन को लीड किया है। इनका पूरा नाम श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ है। 57 साल के एस सोमनाथ को एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से जुड़े मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है।

जनवरी 2022 में एस सोमनाथ को ISRO का चेयरमैन बनाया गया। इससे पहले वे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में निदेशक के पद पर रह चुके हैं।

सोमनाथ का जन्म 1963 में केरल में एक मलयाली परिवार में हुआ। उन्होंने बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से मास्टर की पढ़ाई की है।

2. पी वीरमुथुवेल

​​​पी वीरमुथुवेल साल 2014 में ISRO में शामिल हुए थे। सितबंर 2019 में चंद्रयान-2 मिशन फेल होने के बाद ​​​पी वीरमुथुवेल को चंद्रयान-3 मिशन का प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया। वीरमुथुवेल ​​​​​​मूलरूप से तमिलनाडु के विल्लुपुरम के रहने वाले हैं। उनके पिता रेल कर्मचारी थे।

वीरमुथुवेल ने 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 के लॉन्च पर कहा था कि चंद्रमा पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए हमारी यात्रा शुरू हो गई है। हम ISTRAC बेंगलुरु से चंद्रयान पर बारीकी से नजर रखेंगे।

3. कल्पना कालाहस्ती

चंद्रयान-3 मिशन की ​एसोसिएट डायरेक्टर कल्पना कालाहस्ती आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की रहने वाली हैं। ISRO में नौकरी करना कल्पना के बचपन का सपना था। उनके पिता मद्रास हाईकोर्ट के कर्मचारी हैं।

चेन्नई से बीटेक की पढ़ाई के बाद कल्पना ने 2000 में एक वैज्ञानिक के रूप में ISRO जॉइन किया। श्रीहरिकोटा में पांच साल तक काम करने के बाद 2005 में उनका ट्रांसफर बेंगलुरु के एक सैटेलाइट सेंटर में हो गया। कल्पना चंद्रयान-2 मिशन प्रोजेक्ट का भी हिस्सा रही हैं।

4. एस मोहना कुमार
चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट मिशन के ऑपरेशन डायरेक्टर एस मोहना कुमार वो शख्स हैं, जिन्होंने 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा में इसके सफल लॉन्च की सबसे पहले आधिकारिक घोषणा की थी।

एस मोहना कुमार विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में सीनियर साइंटिस्ट हैं। स्पेस इंडस्ट्री में 25 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं। वे वनवेब इंडिया-2 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

5. एम संकरन

चंद्रयान-3 को डिजाइन करने में एम संकरन का मुख्य योगदान रहा है। संकरन यू आर राव स्पेस सेंटर के डायरेक्टर हैं। इनके पास URSC और ISRO में 35 वर्षों से काम करने का अनुभव है।

एम संकरन​​​​​​​​​​​​​​ ने 1986 में तिरुचिरापल्ली के भारतीदासन यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद इसरो सैटेलाइट सेंटर (ISAC) में शामिल हो गए, जिसे अब URSC के नाम से जाना जाता है।

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चंद्रयान-3 कामयाब, मोदी बोले- यह भारत के जयघोष का क्षण​​​​​​​

चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जोहान्सबर्ग से लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए जुड़े। उन्होंने वहीं से देश को संबोधित किया। PM मोदी ने कहा, ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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