चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से लैंडिंग तक 10 मोमेंट्स: साउथ पोल पर यान पहुंचते ही साइंटिस्ट बोले- इंडिया ऑन द मून

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एक मिनट पहले

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चंद्रयान की लैंडिंग के बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने वंदे मातरम के नारे लगाए और कहा- वी डिड इट यानी हमने कर दिखाया। - Dainik Bhaskar

चंद्रयान की लैंडिंग के बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने वंदे मातरम के नारे लगाए और कहा- वी डिड इट यानी हमने कर दिखाया।

चंद्रयान-3 ने लॉन्च होने के 41वें दिन चंद्रमा पर लैंडिंग की। इसी के साथ भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन गया। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 की साउथ पोल पर लैंडिंग के बाद कहा- PM सर नमस्कार। हमने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है। इंडिया इज ऑन द मून।

चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। 22 दिन बाद 5 अगस्त को यह चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचा था।

मून मिशन के 41 दिन के सफर के मोमेंट्स पर एक नजर…

23 अगस्त, इसरो साइंटिस्ट ने वंदे मातरम के नारे लगाए, US में इंडियन एंबेसी में मिठाइयां बटीं
चंद्रयान-3 ने बुधवार 6:04 बजे चांद पर लैंडिंग की। इस दौरान भारत समेत दुनियाभर में उत्साह देखने को मिला। अमेरिका में वॉशिंगटन स्थित इंडियन एंबेसी में भारतीय समुदाय के लोगों ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर मिठाइयां बांटी।

फुटेज US के वॉशिंगटन स्थित इंडियन एंबेसी की है। यहां भारतीय समुदाय के लोग एक-दूसरे को मिठाइयां खिला रहे हैं।

फुटेज US के वॉशिंगटन स्थित इंडियन एंबेसी की है। यहां भारतीय समुदाय के लोग एक-दूसरे को मिठाइयां खिला रहे हैं।

फुटेज इसरो के वैज्ञानिकों की है। चंद्रयान की सफल लैंडिग के बाद सभी ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर की।

फुटेज इसरो के वैज्ञानिकों की है। चंद्रयान की सफल लैंडिग के बाद सभी ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर की।

इसरो के पूर्व चीफ के सिवन चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग देखने के लिए बेंगलुरु के मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स पहुंचे।

इसरो के पूर्व चीफ के सिवन चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग देखने के लिए बेंगलुरु के मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स पहुंचे।

22 अगस्त को मिशन की सफलता के लिए जगह-जगह पर हवन हुए
चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देश ही नही बल्कि विदेश में जगह-जगह पर पूजा-पाठ और हवन कराए गए। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार सुबह चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए खास भस्म आरती की गई।

अमेरिका के न्यू जर्सी के मॉनरो में बुधवार को ओम श्री साईं बालाजी मंदिर में भारतीय समुदाय के लोगों ने पूजा की।

अमेरिका के न्यू जर्सी के मॉनरो में बुधवार को ओम श्री साईं बालाजी मंदिर में भारतीय समुदाय के लोगों ने पूजा की।

21 अगस्त को चंद्रयान-2 ने कहा था- वेलकम बडी
21 अगस्त को इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने बताया कि उसने चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच संपर्क स्थापित कर दिया। टु-वे कम्युनिकेशन के स्थापित होने के बाद ऑर्बिटर ने लैंडर से कहा था- वेलकम बडी यानी स्वागत है दोस्त।

इसरो ने ट्वीट कर चंद्रयान-3 के लैंडर और चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर के कम्यूनिकेशन सेटअप की जानकारी दी थी।

इसरो ने ट्वीट कर चंद्रयान-3 के लैंडर और चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर के कम्यूनिकेशन सेटअप की जानकारी दी थी।

17 अगस्त को लैंडर ने प्रोपल्शन मॉड्यूल से कहा था- थैक्स फॉर द राइड मेट
चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। 17 अगस्त को दोपहर 1:15 बजे चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया। अब प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा जबकि लैंडर-रोवर 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे।

इसरो ने बताया कि सेपरेशन के बाद विक्रम लैंडर ने प्रोपल्शन मॉड्यूल से कहा- थैक्स फॉर द राइड मेट।

इसरो ने 17 अगस्त को दोपहर 1:15 बजे चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया था।

इसरो ने 17 अगस्त को दोपहर 1:15 बजे चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया था।

17 अगस्त को लैंडर और प्रोपल्शन के अलग होने के बाद लैंडर पर लगे कैमरे ने प्रोपल्शन मॉड्यूल की फोटो के साथ चंद्रमा की भी तस्वीरें खींचीं थी। इसरो ने ये तस्वीरें जारी की थीं।

17 अगस्त को लैंडर और प्रोपल्शन के अलग होने के बाद लैंडर पर लगे कैमरे ने प्रोपल्शन मॉड्यूल की फोटो के साथ चंद्रमा की भी तस्वीरें खींचीं थी। इसरो ने ये तस्वीरें जारी की थीं।

5 अगस्त को यान ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचकर मैसेज भेजा, कहा- मैं चंद्रयान-3 हूं
22 दिन के सफर के बाद चंद्रयान 5 अगस्त को शाम करीब 7:15 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके, इसके लिए उसकी स्पीड कम की गई थी। मिशन की जानकारी देते हुए इसरो ने X पोस्ट में चंद्रयान के भेजे मैसेज को लिखा था- मैं चंद्रयान-3 हूं… मुझे चांद की ग्रैविटी महसूस हो रही है।

5 अगस्त को यानी लॉन्चिंग के 22 दिन बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचा था। ये तस्वीर इसरो ने जारी की थी।

5 अगस्त को यानी लॉन्चिंग के 22 दिन बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचा था। ये तस्वीर इसरो ने जारी की थी।

5 अगस्त को चंद्रयान-3 जब चांद की कक्षा में प्रवेश कर रहा था तो ऑनबोर्ड कैमरे ने चांद की पहली तस्वीर कैप्चर की थी। इस तस्वीर में चंद्रमा के क्रेटर्स साफ-साफ दिख रहे हैं। इसरो ने इसका एक वीडियो बनाकर भी शेयर किया था।

5 अगस्त को चंद्रयान-3 जब चांद की कक्षा में प्रवेश कर रहा था तो ऑनबोर्ड कैमरे ने चांद की पहली तस्वीर कैप्चर की थी। इस तस्वीर में चंद्रमा के क्रेटर्स साफ-साफ दिख रहे हैं। इसरो ने इसका एक वीडियो बनाकर भी शेयर किया था।

14 जुलाई को लॉन्चिंग के साथ चंद्रमा की ओर सफर शुरू हुआ
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने 14 जुलाई 2023 क दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान को स्पेस में भेजा गया।

14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को स्पेस में भेजा गया था।

14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को स्पेस में भेजा गया था।

इसरो चीफ को मोमेंटो दिया गया
लॉन्चिंग के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो चीफ एस सोमनाथ को चंद्रयान का मोमेंटो दिया था। लॉन्चिंग देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इसरो गैलरी में मौजूद थे। वहीं, चंद्रयान-3 की सक्सेसफुल लॉन्चिंग के बाद मिशन कंट्रोल रूम में तालियां बजाई गई थीं।

लॉन्चिंग के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (दाएं) ने चंद्रयान का मोमेंटो इसरो चीफ एस सोमनाथ (बाएं) को दिया था।

लॉन्चिंग के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (दाएं) ने चंद्रयान का मोमेंटो इसरो चीफ एस सोमनाथ (बाएं) को दिया था।

14 जुलाई को लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद रॉकेट ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया था।

14 जुलाई को लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद रॉकेट ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया था।

13 जुलाई, लॉन्चिंग से एक दिन पहले ISRO साइंटिस्ट्स ने तिरुपति में पूजा की
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से एक दिन पहले 13 जुलाई को मिशन की सफलता के लिए ISRO के वैज्ञानिक तिरुपति वेंकटचलापति मंदिर पहुंचे थे। यहां पूजा के लिए वैज्ञानिक चंद्रयान-3 का मिनिएचर मॉडल भी अपने साथ ले गए थे।

आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए जाते ISRO वैज्ञानिक।

आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए जाते ISRO वैज्ञानिक।

लॉन्चिंग पर विदेशी मीडिया ने बधाई दी
चंद्रयान-3 के सफल लॉन्च की तारीफ दुनियाभर में हुई। अमेरिका, जापान, ब्रिटेन और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने मिशन के लिए इसरो को बधाई दी। चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी चंद्रयान-3 के लॉन्च का वीडियो शेयर कर भारत की तारीफ की थी। पाकिस्तान की PTI पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने भी भारत और इसरो को बधाई दी थी। फवाद पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रह चुके हैं।

ये तस्वीर चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की है। चीन ने ट्वीट कर कहा- बधाई! भारत ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में लॉन्च कर दिया है।

ये तस्वीर चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की है। चीन ने ट्वीट कर कहा- बधाई! भारत ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में लॉन्च कर दिया है।

आखिरी 73 दिन 80 वैज्ञानिक घर ही नहीं गए, तब लॉन्च हुआ चंद्रयान
इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने भास्कर को बताया था कि आखिरी 73 दिन में मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिक दिन-रात चंद्रयान-3 के अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर ढांचा बनाने में जुटे रहे। घर जाने का मौका इक्का दुक्का को ही मिला। यह सफल लांचिग इन्हीं के समर्पण, बुद्धिमानी और मेहनत का नतीजा है।

टीम में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरामुत्थुवल के अलावा 29 एसोसिएट और डिप्टी डायरेक्टर थे। 55 प्रोजेक्ट मैनेजर थे। एसोसिएट डायरेक्टर कल्पना की अहम भूमिका रही। इसीलिए चंद्रयान की सफल लॉन्चिंग के बाद वीरामुत्थुवल ने कल्पना को मंच पर ही बुला लिया, ताकि चंद्रयान-3 में अहम भूमिका निभाने वाली महिला वैज्ञानिक को सब पहचान सकें।

ग्राफिक्स के जरिए समझिए चांद तक कैसे पहुंचा चंद्रयान-3…

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