चंद्रबाबू की जमानत याचिका पर आज SC में सुनवाई: फाइबरनेट घोटाला केस में आरोपी, CID कर रही मामले की जांच

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नई दिल्ली28 मिनट पहले

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फाइबरनेट घोटाला केस में आंध्र प्रदेश के पूर्व CM चंद्रबाबू नायडू की अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। CID इस केस में नायडू के खिलाफ FIR दर्ज कर चुका है। इसे रद्द करने के लिए नायडू ने HC में याचिका दायर की थी, जो खारिज हो चुकी है।

CID ने नायडू पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने फायदे वाली कंपनी को इस योजना में 330 करोड़ रुपए का ठेका दिया जिससे राज्य को भारी नुकसान हुआ है। काम पूरा होने तक भी कंपनी के कामों में अनियमितताएं मिली हैं।

नायडू के खिलाफ पांच केस में हो रही जांच, सबसे बड़ा है स्किल डेवलेपमेंट घोटाला
क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ पांच मामलों की जांच कर रही है। इसमें गैरकानूनी शराब दुकानों को लाइसेंस देने वाला शराब घोटाला शामिल है। जिसमें 31 अक्टूबर को एजेंसी ने नायडू के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके अलावा नायडू के खिलाफ स्किल डेवलेपमेंट घोटाला, अंगालू केस, फाइबर नेट स्कीम केस और अमरावती रिंग रोड मामले में जांच चल रही है।

अब सिलसिलेवार पढ़िए नायडू के खिलाफ 5 केस के बारे में…

1. स्किल डेवलेपमेंट घोटाला
स्किल डेवलेपमेंट घोटाले में नायडू को CID ने 9 सितंबर को गिरफ्तार किया था। 73 वर्षीय नायडू पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने साल 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के फंड का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया था, जिससे के कारण राज्य के खजाने को 371 करोड़ का नुकसान हुआ था। इस मामले में नायडू को एक नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में थे मगर बाद में 31 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने उन्हें 28 दिन की अंतरिम जमानत दे दी।

2. शराब लाइसेंस घोटाला
चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ ताजा मामला शराब लाइसेंस घोटाले का है। CID ने केस दर्ज करते हुए सोमवार को औपचारिक रूप से एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोर्ट में याचिका दायर की और अदालत ने CID की नायडू के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दे दी है। नायडू राजमुंद्री सेंट्रल जेल से वर्चुअली इस सुनवाई में जुड़े।

3. अंगालू हिंसा केस
अंगालू हिंसा केस में भी CID नायडू के खिलाफ जांच कर रही है। हालांकि इस केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए नायडू आंध्र हाईकोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने 12 अक्टूबर को मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को इस केस में कोर्ट ने नायडू को अंतरिम जमानत दे दी थी। अंगालू हिंसा मामला इसी साल अगस्त तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) की एक रैली से जुड़ा है। रैली के दौरान ही पथराव हुआ, जिसमें कई पुलिसवाले, टीडीपी और सत्ताधारी वाईएसआरसीपी समर्थक घायल हो गए थे। इसके बाद अन्नामय्या और चित्तूर जिलों में दंगे भड़क गए थे।

4. अमरावती इनर रिंग रोड केस
अमरावती इनर रिंग रोड केस भी हाईकोर्ट में पेंडिंग है। नायडू ने इस मामले में अंतरिम जमानत की याचिका लगाई है। कोर्ट इस मामले पर 7 नवंबर को सुनवाई करेगा। अमरावती इनर रिंग रोड घोटाला 2014-2019 के दौरान का है, जब नायडू की सरकार थी। आरोप है कि सरकार में उच्च अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त रहे और इस दौरान अमरावती के मास्टर प्लान की डिजाइनिंग और रिंग रोड और अन्य सड़कों को जोड़ने की योजना में धांधली की गई।

5. फाइबर नेट स्कीम केस
फाइबर नेट स्कीम के पहले चरण के तहत कामों के ठेके देने में हुई अनियमितताओं के खिलाफ CID जांच कर रही है। CID ने नायडू पर आरोप लगाया है कि अपने फायदे वाली कंपनी को इस योजना में 330 करोड़ रुपए के कामों का ठेका देने से राज्य को भारी नुकसान हुआ है। काम पूरा होने तक भी कंपनी के कामों में अनियमितताएं मिली हैं। इस मामले में CID ने नायडू के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसे रद्द करने के लिए नायडू ने HC में याचिका दायर की थी, जो कि खारिज हो चुकी है।

नायडू की गिरफ्तारी के खिलाफ राज्य में कई जगहों पर प्रदर्शन किए गए थे।

नायडू की गिरफ्तारी के खिलाफ राज्य में कई जगहों पर प्रदर्शन किए गए थे।

स्किल डेवलेपमेंट घोटाले में चंद्रबाबू नायडू कि गिरफ्तारी के बाद अब तक की टाइमलाइन…

9 सितंबर: पूर्व CM नायडू को CID ने 371 करोड़ रुपए के स्किल डेवलपमेंट स्कैम में गिरफ्तार किया।

10 सितंबर: चंद्रबाबू नायडू को विजयवाड़ा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अदालत में पेश किया। फिर अदालत ने उन्हें 23 सितंबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

11 सितंबर: TDP कार्यकर्ताओं ने CM चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत के खिलाफ चित्तूर में विरोध प्रदर्शन किया। इसी दिन पुलिस ने चित्तूर जिले में TDP एमएलसी कंचेरला श्रीकांत सहित कई पार्टी नेताओं को हिरासत में लेने की भी कोशिश की।

12 सितंबर: TDP ने पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है। आंध्र प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी है।

13 सितंबर: चंद्रबाबू के वकीलों ने आंध्र हाईकोर्ट में दो याचिकाएं लगाईं। जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ACB कोर्ट की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। नायडू को 18 सितंबर तक हिरासत में न लेने का आदेश दिया। नायडू की FIR रद्द करने की याचिका की सुनवाई को 19 सितंबर तक स्थगित कर दिया था।

15 सितंबर: नायडू की लीगल टीम ने जमानत के लिए अंतरिम और एक रेगुलर जमानत याचिका दायर की। इसकी सुनवाई उस दिन नहीं हो सकी।

22 सितंबर: HC ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आपराधिक मामले की जांच के शुरुआती चरण में FIR रद्द नहीं कर सकते।

23 सितंबर: नायडू ने HC के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

3 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट में चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई शुरु की।

13 अक्टूबर: SC की सुनवाई में CID ने दलील दी कि नायडू के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां भी कर रही हैं।

16 अक्टूबर: राज्य पुलिस ने फाइबर नेट मामले में नायडू को समन जारी किया।

17 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने नायडू की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

20 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने स्किल डेवलपमेंट मामले में फैसला आने तक अन्य मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाई।

31 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कंडिशन पर नायडू को 4 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी।

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