नई दिल्ली29 मिनट पहले
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![सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने दोषी पुलिसवालों की याचिका को स्वीकार किया और अगले आदेश तक सजा पर रोक लगा दी। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/23/23169346723916947060421700483213170324032717058538_1706000474.gif)
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने दोषी पुलिसवालों की याचिका को स्वीकार किया और अगले आदेश तक सजा पर रोक लगा दी।
गुजरात के खेड़ा जिले में 3 अक्टूबर 2022 को 4 पुलिसवालों ने मुस्लिम लड़कों को खंभे से बांधकर पीटा था। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने पुलिसवालाें से पूछा- आपको खंभे से बांधकर पीटने का अधिकार किसने दिया।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा- गुजरात हाईकोर्ट ने आपको 14 दिन की सजा सुनाई है, आप उसका आनंद लें। हालांकि कोर्ट ने अगली सुनवाई तक सजा पर रोक लगा दी है। फिलहाल अगली सुनवाई की तारीख नहीं बताई गई है।
बेंच ने मामले की सुनवाई से पहले इनकार कर दिया था। दोषियों की ओर से पेश हुए वकील ने जब कहा कि इनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पहले से चल रही है, तो बेंच सुनवाई के लिए तैयार हो गई।
पुलिस ने आरोपियों को उसी गरबास्थल पर ले जाकर मारा, जहां उन्होंने पथराव किया था।
क्या है मामला
गुजरात के खेड़ा जिले में मुस्लिमों की भीड़ ने 3 अक्टूबर 2022 में एक मंदिर में गरबा कर रहे लोगों पर हमला कर दिया था। इस घटना में 7 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद पुलिसवाले 10 आरोपियों को गांव में लेकर आए और एक-एक कर बिजली के खंभे से बांधकर ग्रामीणों के सामने डंडों से पीटने लगे। इस दौरान गांव वाले भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते रहे।
पुलिस ने क्या कहा
पुलिस ने बताया था कि गांव के मंदिर परिसर में गरबा कर रहे लोगों पर करीब 150 मुस्लिमों ने पथराव किया था। हमला करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं। इनके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी। पिटाई के दौरान आरोपी पुलिस के सामने गिड़गिड़ा रहे थे। पुलिस ने उन्हें जनता से माफी मांगने को कहा। इस पर आरोपियों ने वहां मौजूद लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगी।
आरोपियों को मारने के बाद उनसे कहा गया कि वे गांव के लोगों से माफी भी मांगें।
आरोपियों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका लगाई
मामले को लेकर आरोपियों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 19 अक्टूबर 2023 को हाईकोर्ट ने पुलिसवालों को दोषी ठहराते हुए 14 दिन की जेल और 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। इसके बाद दोषियों ने सजा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने क्या कहा था
19 अक्टूबर 2023 को सजा सुनाते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने कहा था कि यह घटना मानवता के खिलाफ है। हाईकोर्ट ने दोषी पुलिसवालों की माफी को भी स्वीकार नहीं किया था। कोर्ट ने कहा था कि पुलिसवालों ने जो किया उससे कानून व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
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