गहलोत बोले- राजस्थान में जातिगत जनगणना होगी: OBC आरक्षण 27% होगा, मूल OBC को अलग से 6% कोटा मिलेगा

बांसवाड़ा/जयपुरएक घंटा पहले

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गहलोत ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में विश्व ​आदिवासी दिवस पर हुई सभा में कहा- जाति के आधार पर जिसका जितना हक है, उसे मिलेगा। - Dainik Bhaskar

गहलोत ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में विश्व ​आदिवासी दिवस पर हुई सभा में कहा- जाति के आधार पर जिसका जितना हक है, उसे मिलेगा।

चुनावी साल में सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाने की घोषणा की है। साथ ही, OBC आरक्षण 21% से बढ़ाकर 27% करने और मूल OBC के लिए अलग से 6% आरक्षण करने की घोषणा की है। गहलोत बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में विश्व ​आदिवासी दिवस पर हुई सभा में बोल रहे थे।

गहलोत ने सभा में कहा- राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए तो पूरे देश में एक मैसेज चला गया। हम चाहेंगे आपकी भावना के हिसाब से राजस्थान में जातिगत जनगणना शुरू होगी। जाति के आधार पर जिसका जितना हक है, उसे मिलेगा। इस प्रकार की सोच को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं।

राजस्थान में हो जाएगा 70% आरक्षण
प्रदेश में अभी SC को 16%, ST को 12%, OBC को 21%, EWS को 10% और MBC को 5% आरक्षण है। OBC का आरक्षण बढ़ाकर 27% करने के बाद राजस्थान में 70% आरक्षण हो जाएगा।

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में विश्व आदिवासी दिवस पर हुई सभा में राहुल गांधी से सीएम अशोक गहलोत कुछ इस अंदाज में मिले।

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में विश्व आदिवासी दिवस पर हुई सभा में राहुल गांधी से सीएम अशोक गहलोत कुछ इस अंदाज में मिले।

OBC वोटर्स को साधने के लिए बड़ा सियासी दांव
गहलोत ने OBC वोटर्स को पक्ष में करने के लिए चुनावी साल में बड़ा ऐलान किया है। OBC आरक्षण को बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। हरीश चौधरी सहित कांग्रेस के कई नेता OBC आरक्षण को बढ़ाकर 27% करने की मांग उठा रहे थे। OBC आरक्षण के वर्गीकरण की मांग भी लंबे समय से उठाई जा रही थी। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले OBC आरक्षण बढ़ाने और मूल OBC को अलग से आरक्षण देने का ऐलान करके गहलोत ने बड़ा सियासी दांव खेला है।

जातिगत जनगणना पर विधानसभा में संकल्प पारित कर चुकी है सरकार
विधानसभा में पिछले दिनों सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर संकल्प पारित करके केंद्र सरकार को भिजवाया था। इस संकल्प में केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना करवाने और पुराने आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग की थी।

आगे खबर पढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लीजिए..

बिहार में जारी है जातिगत जनगणना
बिहार सरकार जातिगत जनगणना करवा रही है। पटना हाई कोर्ट ने जातिगत जनगणना पर रोक लगाई थी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक हटा दी है। जातिगत जनगणना शुरू से ही विवादों में रहा है। बीजेपी इसका विरोध करती रही है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इसका समर्थन करते रहे हैं।

यूपीए सरकार ने 2011 में सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना करवाई थी। सरकार ने आर्थिक सामाजिक जनगणना के आंकड़े तो जारी कर दिए थे, लेकिन जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए थे।

जातिगत जनगणना समय पर पूरी होने में संशय
सीएम अशोक गहलोत ने जातिगत जनगणना करवाने की घोषणा ऐसे समय में की है, जब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने में तीन महीने से भी कम समय बचा है। इतने कम समय में जातिगत जनगणना पूरी करना संभव नहीं है। चुनाव की घोषणा होते ही इसके अटकने के आसार हैं।

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में राहुल गांधी की सभा में माहौल कुछ ऐसा था। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान किया।

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में राहुल गांधी की सभा में माहौल कुछ ऐसा था। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान किया।

जातिगत जनगणना के लिए साल भर का समय चाहिए
जातिगत जनगणना कराने की सीएम ने घोषणा जरूर कर दी, लेकिन इसे पूरा करने में बहुत वक्त लगेगा। जातिगत जनगणना के लिए घर-घर जाकर सर्वे करना होता है। इसके लिए पूरी प्रशासनिक मशीनरी को जनगणना की तर्ज पर फील्ड में उतारना होगा। तीन महीने बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में आचार संहिता लगना लगभग तय है। इससे पहले तैयारी में भी वक्त लगेगा। चुनाव आने के कारण भी इसका काम प्रभावित होगा। मोटे अनुमान के अनुसार, इस काम के लिए सालभर का वक्त चाहिए।

ओबीसी की अति पिछड़ी जातियों का सर्वे होगा : गहलोत
ओबीसी आरक्षण बढ़ाने और 6 फीसदी आरक्षण मूल ओबीसी की जातियों के लिए अलग से देने की घोषणा के बाद गहलोत ने ट्वीट कर उसे और स्पष्ट किया। गहलोत ने लिखा है- वर्तमान में जारी अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए 21% आरक्षण के साथ 6% अतिरिक्त आरक्षण दिया जाएगा, जो OBC वर्ग की अति पिछड़ी जातियों के लिए रिजर्व होगा। OBC वर्ग में अति पिछड़ी जातियों की पहचान के लिए OBC आयोग सर्वे करेगा और इसकी रिपोर्ट देगा। इससे अति पिछड़ी जातियों को शिक्षा और सरकारी क्षेत्र में सेवा के अधिक मौके मिल सकेंगे। SC-ST के विभिन्न संगठन भी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग लगातार कर रहे हैं। सरकार इस मांग का भी परीक्षण करवा रही है। EWS वर्ग के 10% आरक्षण में राजस्थान सरकार ने अचल संपत्ति की शर्त को हटाया था, जिससे इस वर्ग को भी आरक्षण का लाभ पूरी तरह मिलना सुनिश्चित हो सका था।

राजस्थान में OBC में अभी 82 जातियां
राजस्थान में अभी ओबीसी में 82 जातियां हैं। ओबीसी की राज्य सूची में शामिल जातियों में यादव, बड़वा-राव बागरिया, बंजारा, जांगिड़-सुथार, भड़भुजा, छीपा-नामा-रंगरेज, देसांतरी, दमामी-राण, रावणा राजपूत, दर्जी, धाकड़, कहार-कीर-मल्लाह-निषाद, गड़रिया-गाडरी-गायरी, गाड़िया लोहार, घांची-तेली, गिरी-गुसाईं, गुर्जर, जावा, सिरवी, जुलाहा, जोगी-नाथ-सिद्ध, कच्छावा, कलाल-टाक, कंडेरा, कलवी पटेल-पाटीदार-आंजना, डांगी, प्रजापत-कुमावत, लखेरा, लोधी, लोधा, पांचाल, फकीर, माली-सैनी-बागवान, मेरात-काठात मिरासी, ढोली, लंगा मांगणियार, मोगिय, नाई-सैन, ओड, पटवा, रायका रेबारी, रावत, स्वामी-साध, सा​टिया, सिंधी सिकलीगर, स्वर्णकार-सोनी, ठठेरा, तमोली, जाट, राय सिख, हलाली कसाई, डांगी, लोधी, सोंधिया, बिश्नोई, फारुकी भटियारा, सिलावट, धोबी, कुंजड़ा, सपेरा, मदारी, बाजीगर, नट, गदी नागोरी, सिंधी मुसलमान, मुल्तानी, मोची, देशवाली, कोतवाल-चौकीदार और अनाथ बच्चे।

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