खतरनाक नस्लों के कुत्तों के बैन पर फैसला ले केंद्र: दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 महीने का समय दिया, देसी कुत्ते पालने की सलाह दी

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नई दिल्ली30 मिनट पहले

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कोर्ट ने लोगों को देसी नस्ल के कुत्तों को पालने की सलाह दी। अदालत ने कहा कि देसी नस्ल के कुत्ते मजबूत होते हैं, वे विदेशी नस्ल के कुत्तों के मुकाबले कम बीमार पड़ते हैं। - Dainik Bhaskar

कोर्ट ने लोगों को देसी नस्ल के कुत्तों को पालने की सलाह दी। अदालत ने कहा कि देसी नस्ल के कुत्ते मजबूत होते हैं, वे विदेशी नस्ल के कुत्तों के मुकाबले कम बीमार पड़ते हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार खतरनाक नस्ल के कुत्ते रखने के लाइसेंस पर बैन लगाने पर 3 महीने में फैसला लें। दरअसल, एक याचिकाकर्ता ने अक्टूबर महीने में कोर्ट में प्रतिवेदन (जांच-पड़ताल के बाद तैयार किया गया डॉफ्ट) दाखिल किया था। जिसमें, पिटबुल, टेरियर्स, अमेरिकन बुलडॉग और रॉटवेलर जैसी नस्ल के कुत्तों को खतरनाक माना गया था।

याचिकाकर्ता ने ऐसे कई मामलों का जिक्र किया, जिसमें इन नस्ल के कुत्तों ने अपने मालिकों पर हमला किया। उसने कोर्ट से अपील की थी कि इन कुत्तों को पालने के लाइसेंस पर बैन लगा दिया जाए।

कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्र को फैसला लेने दें, क्योंकि वही कानूनों और नियमों का मसौदा तैयार करते हैं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लोगों को देसी नस्ल के कुत्तों को पालने की सलाह दी। अदालत ने कहा कि देसी नस्ल के कुत्ते मजबूत होते हैं, वे विदेशी नस्ल के कुत्तों के मुकाबले कम बीमार पड़ते हैं।

केंद्र ने कहा- चर्चा के बाद फैसला लेंगे
कोर्ट में केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि प्रतिवेदन पहले ही संबंधित विभाग को भेजा जा चुका है। सलाह-मशवरा के बाद इस विषय पर फैसला लिया जाएगा।

पहले कोर्ट ने मामले को सुनने से मना किया था
इससे पहले 5 अक्टूबर को तत्कालीन चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया था। बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा था – अपनी शिकायत लेकर सरकारी अधिकारियों के पास जाइए।

गुरुग्राम नगर निगम में 11 विदेशी नस्ल के कुत्तों पर बैन लगाया था
नवंबर 2022 में गुरुग्राम म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को विदेशी नस्ल के 11 कुत्तों पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। डॉग बाइट के केस बढ़ने के बाद यह फैसला लिया गया था। नियमों के उल्लंघन पर 20 हजार से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना और 3 महीने से 2 साल तक की जेल होने की बात कही गई।

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वाघबकरी के मालिक पराग देसाई की मौत; बढ़ रही आवारा कुत्तों की समस्या
चाय कंपनी वाघबकरी के मालिक और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई। पराग 15 अक्टूबर को इवनिंग वॉक पर निकले थे। तभी कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए वह दौड़े और गिर गए। इसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर उनकी मौत हो गई। पढ़ें पूरी खबर…

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