काशी विश्वनाथ धाम में दुकानों पर लिखना होगा असली नाम: 40 दुकानदारों को नोटिस, हिंदू संगठन ने कहा- भगवा झंडा लगाएं, आधार कार्ड भी रखें – Varanasi News

काशी विश्वनाथ धाम के बाहर पूजन सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को असली नाम लिखने का नोटिस दिया गया।

वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के आसपास दुकानदारों को बोर्ड पर अपना नाम लिखना होगा। गोदौलिया में शनिवार को पुलिस ने दुकानदारों से बात की और उन्हें अपना नाम लिखने के लिए कहा। काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में करीब 500 दुकानें हैं, इनमें 15% दुकानें मुस्लिमो

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पुलिस दुकानों का सत्यापन कर रही है। अब तक की जांच में सामने आया कि 40 दुकानों पर नाम किसी और का था, जबकि उसे कोई दूसरा शख्स चला रहा था। ऐसे दुकानदारों को नोटिस जारी हो रहे हैं।

राष्ट्रीय हिंदू दल के पदाधिकारियों ने भी दुकानों पर पहुंचकर भगवा झंडा और आधार कार्ड रखने के लिए कहा। उधर, यूपी सरकार के राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने मंदिर के बाहर दुकानदारों को नाम लिखने की अपील की।

दुकानों पर लिखे नामों का सत्यापन कराया जा रहा है। जिन दुकानों पर नाम किसी का, मालिक बदले हुए मिले रहे हैं, उन्हें नोटिस दिया जा रहा है।

दुकानों पर लिखे नामों का सत्यापन कराया जा रहा है। जिन दुकानों पर नाम किसी का, मालिक बदले हुए मिले रहे हैं, उन्हें नोटिस दिया जा रहा है।

देवी-देवताओं के नाम पर दुकान चलाते मिले गैर समुदाय के लोग
सावन 22 जुलाई, सोमवार से शुरू हो रहा है। देशभर से कांवड़िए काशी पहुंचते हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में जलाभिषेक करते हैं। अनुमान है कि इस बार 1 करोड़ कांवड़िए पहुंचेंगे। सावन से पहले शनिवार को दुकानों पर पुलिस के जवान पहुंच रहे हैं।

पुलिस ने दुकानदारों से बोर्ड पर अपना नाम, क्या बेचते हैं, कितने लोग काम करते हैं, उनके नाम क्या हैं, इसका विवरण लिखना होगा।

प्रशासन के मुताबिक, मंदिर के बाहर गुमराह करके दुकानदार पूजा सामग्री की बिक्री नहीं कर पाएंगे। दुकान मालिक का नाम लिखकर किराएदार दुकान संचालित नहीं कर सकेंगे। उन्हें बाहर अपना असली नाम-पता लिखना होगा।

मंदिर के सामने देवी-देवताओं के नाम लिखकर गैर धर्म के दुकानदार व्यवसाय करते मिले। उन्हें चौक पुलिस ने नोटिस थमाया है। उन सभी दुकानदारों को अपना नाम लिखने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।

40 दुकानों पर नाम ही नहीं मिला
काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में लगभग 500 से अधिक फूल-माला और पूजन सामग्री की दुकानें हैं। इसमें 40 दुकानें काशी विश्वनाथ धाम के सामने हैं। इन सभी पर उनके वर्तमान संचालकों के नाम नहीं लिखे होने की बात सामने आई। उनसे भी नाम लिखने के लिए कहा गया है।

राष्ट्रीय हिंदू दल के पदाधिकारियों ने दुकानों पर पहुंचकर भगवा झंडा और आधार कार्ड रखने के लिए कहा।

राष्ट्रीय हिंदू दल के पदाधिकारियों ने दुकानों पर पहुंचकर भगवा झंडा और आधार कार्ड रखने के लिए कहा।

हिंदू संगठन ने आभार यात्रा निकालकर अपील की
इस मामले में हिंदू संगठन भी एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने वाराणसी में दुकानों पर नेम प्लेट के साथ ही भगवा झंडा और आधार कार्ड रखने की अपील की। शनिवार को आभार यात्रा भी निकाली गई। गोदौलिया से बाबा विश्वनाथ धाम तक जाने वाले रोड के किनारे मौजूद फल, फूल, ठेला, पटरी वाले दुकानों से नेम प्लेट के साथ आधार कार्ड रखने की बात कही गई।

कांवड़ियों को नहीं होगा कन्फ्यूजन राष्ट्रीय हिंदू दल के पदाधिकारियों ने योगी सरकार के आदेश का स्वागत किया है। एक दिन पहले सरकार ने दुकानों के बोर्ड पर दुकानदार का नाम लिखने का आदेश दिया है। इससे उस रास्ते से गुजरने वाले कांवड़ियों को कन्फ्यूजन नहीं होगा। राष्ट्रीय हिंदू दल के लोगों ने कहा- आधार कार्ड रखने में क्या बुराई है ? कोई दुकानदार अपनी पहचान छिपाकर क्यों बिजनेस करना चाहता है।

उन्होंने कहा- श्रद्धालुओं की सुविधा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए असली पहचान जरूरी है। हिंदू समाज अब नाम, तिलक, कलावा के छलावे में नहीं आएगा। अब असली पहचान दिखानी होगी।

रवींद्र जायसवाल यूपी सरकार में मंत्री हैं, उन्होंने कहा- इसमें गलत क्या है कि दुकानदार अपनी पहचान उजागर कर दें।

रवींद्र जायसवाल यूपी सरकार में मंत्री हैं, उन्होंने कहा- इसमें गलत क्या है कि दुकानदार अपनी पहचान उजागर कर दें।

ये सरकार का आदेश नहीं, पुलिस विभाग पहचान कर रही
यूपी सरकार में मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा- पहली बात तो यह आदेश सरकार के नहीं हैं। पुलिस विभाग ने दुकानदारों की पहचान के लिए सख्ती की है। विपक्ष वाले जो नाटक कर रहे हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि इसमें गलत क्या है? मांसाहारी और शाकाहारी, सभी अपनी पसंद के अनुसार खाना खाते हैं। सावन में हिंदू समुदाय के लोग चाहते हैं कि धार्मिक आस्था के साथ माला-प्रसाद खरीदें।

उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर अक्सर ये दिखता है कि एक वर्ग के लोग मांस भी खा रहे हैं और शाकाहारी खाने का सामान भी बेच रहे हैं। कुछ बिना हाथ धोए हुए सामान बेच दे रहे हैं। ऐसे में एक वर्ग, जो सामान खरीद रहा है, उसकी आस्था को चोट पहुंचती है। ऐसे भी वीडियो देखने में आए हैं कि एक खास वर्ग के लोग खाने पर पहले थूकते हैं, फिर बेच रहे हैं। ऐसे में लोगों को जानने का हक है कि वो किस दुकान से क्या खरीद रहे हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है।