कानून मंत्री बोले- कांग्रेस ने ​​​​​​​लेटरल एंट्री शुरू की: मनमोहन फाइनेंस सेक्रेटरी तो सोनिया NAC चीफ बनीं; चिराग बोले- सरकारी नियुक्ति में आरक्षण जरूरी

नई दिल्ली8 मिनट पहले

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UPSC ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री भर्ती के लिए 𝟒𝟓 पोस्ट पर वैकेंसी निकाली। इसका विरोध करते हुए राहुल गांधी ने कहा था- लेटरल एंट्री के जरिए खुलेआम SC-ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है। मोदी सरकार RSS वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है।

राहुल गांधी को जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही 1976 में फाइनेंस सेक्रेटरी, मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) चीफ बनाया गया।

कांग्रेस ने लेटरल एंट्री की शुरुआत की थी। अब पीएम मोदी ने UPSC को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री सिस्टम को व्यवस्थित बनाया है। पहले की सरकारों में लेटरल एंट्री फॉर्मल सिस्टम नहीं था।

मेघवाल बोले- नेहरू ने आरक्षण का विरोध किया था
अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में और राजीव गांधी ने विपक्ष का नेता रहते हुए लोकसभा में OBC आरक्षण का विरोध किया था। लेटरल एंट्री सभी के लिए खुली है। सभी वर्ग के लोग अप्लाई करते हैं। उनका दावा है कि हम आरक्षण खत्म कर रहे हैं। जब आप भर्ती कर रहे थे तो आप क्या कर रहे थे।

कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि अचानक राहुल गांधी का OBC के प्रति प्रेम सामने आ गया है। वे SC, ST और OBC छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। साथ ही UPSC जैसी संस्थाओं की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे है।

चिराग पासवान ने कहा- सरकारी नियुक्ति में आरक्षण होना चाहिए
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी लेटरल एंट्री भर्ती पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा- सरकारी नियुक्ति में आरक्षण होना चाहिए, इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं हो। निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं है। सरकारी पदों पर इसे लागू नहीं करते हैं, तो चिंता की बात है।

साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री आरक्षण के समर्थन में है। लेटरल एंट्री के जरिए कुछ पदों पर सीधी भर्ती हो रही है, जिसमें आरक्षण को ध्यान में नहीं रखा गया है। उससे मैं और मेरी पार्टी सहमत नहीं है। हम इसके पूरी तरह से खिलाफ हैं।

राहुल ने कहा था- SC-ST और OBC का हक छीना
UPSC में भर्तियों के नोटिफिकेशन के बाद 18 अगस्त को राहुल गांधी ने X पर लिखा था- नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है।

लेटरल एंट्री क्या है
लेटरल एंट्री का मतलब बिना एग्जाम के सीधी भर्ती से है। लेटरल एंट्री के जरिए केंद्र सरकार UPSC के बड़े पदों पर प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती करती है। इसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं।

सरकार के मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर्स और डिप्टी सेक्रेटरी की पोस्ट पर भर्ती लेटरल एंट्री से की जाती है। UPSC में लेटरल एंट्री की शुरुआत साल 2018 में हुई थी। इसमें जॉइंट सेक्रेटरी लेवल की पोस्ट के लिए 6077 एप्लीकेशन आए। UPSC की सिलेक्शन प्रोसेस के बाद 2019 में अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में 9 नियुक्ति हुई।

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मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री के जरिए सीधे सीनियर IAS लेवल की 45 वैकेंसी निकाली है। इनमें जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर जैसे बड़े सरकारी पद शामिल हैं। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि लेटरल एंट्री के जरिए सरकार खुलेआम SC, ST और OBC समुदाय का हक छीन रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पलटवार करते हुए कहा है कि UPSC में लेटरल एंट्री का कॉन्सेप्ट कांग्रेस सरकार का है। पूरी खबर पढ़ें…

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