एसिड अटैक सर्वाइवर की KYC कैसे हो: बोलीं- आंखें खराब, पलक नहीं झपका सकतीं, अन्य विकल्प सुझाएं; सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-RBI से जवाब मांगा

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नई दिल्ली21 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (17 मई) को एसिड अटैक सर्वाइवर की अन्य तरीकों से डिजिटल केवाईसी (Digital KYC) किए जाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। साथ ही इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताया है।

एसिड अटैक एक्टिविस्ट प्रज्ञा प्रसून और 9 अन्य एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने याचिका दायर की है। इसमें मांग की गई है कि अटैक में आंख गंवाने वाली सर्वाइवर्स की KYC के लिए दूसरी व्यवस्था की जाए।

एसिड अटैक सर्वाइवर का बैंक अकाउंट नहीं खुल सका था
याचिका में साल 2023 की घटना का जिक्र है। जब एक याचिकाकर्ता ICICI बैंक में अकाउंट ओपन कराने के लिए गई थी। KYC के दौरान उसे पलक झपकाने के लिए कहा गया था। युवती ऐसा नहीं कर सकी थी क्योंकि हमले में उसकी आंखें खराब हो गई थीं।

बैंक ने बताया था कि ग्राहक जीवत है इसकी पुष्टि के लिए RBI की ओर से तय की गई KYC प्रोसेस में आई ब्लिंकिंग (पलक झपकाने) का नियम है। जब मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने लगा था तो बैंक ने इस अपवाद के तौर लेकर मान्यता दे दी थी।

याचिका में यह मांग की गई है
याचिका में कहा गया है कि एसिड अटैक सर्वाइवर को सिम खरीदने, बैंक अकाउंट खोलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उनको दैनिक जीवन की अन्य चीजों के लिए परेशानी होती है। जो उनके सम्मान, स्वतंत्रता, समानता के साथ जीवन जीने के लिए जरूरी है।

याचिका में मांग की गई है कि KYC के लिए लाइव फोटोग्राफ की जरूरत पर केंद्र सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। पलक झपकाने की जगह KYC के लिए फेशियल मूवमेंट और वॉइस रिकग्निशन को विकल्प के तौर पर शामिल करना चाहिए।

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