एशियन गेम्स में रेसलर बजरंग पूनिया हारे: बिना ट्रायल भेजे गए थे, पहलवानों के प्रदर्शन का प्रमुख चेहरा; फैंस बोले- इसीलिए डायरेक्ट एंट्री दी

सोनीपत2 घंटे पहले

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बजरंग पूनिया ईरान के पहलवान से सेमीफाइनल मैच हारे। इसके बाद जापान के पहलवान से एकतरफा मुकाबले में ब्रान्ज का मुकाबला हार गए। - Dainik Bhaskar

बजरंग पूनिया ईरान के पहलवान से सेमीफाइनल मैच हारे। इसके बाद जापान के पहलवान से एकतरफा मुकाबले में ब्रान्ज का मुकाबला हार गए।

हरियाणा में सोनीपत के रहने वाले रेसलर बजरंग पूनिया को चीन में चल रही एशियन गेम्स में बड़ा झटका लगा है। बजरंग पूनिया को भारत से बिना ट्रायल के एशियाड के लिए क्वालिफाई किया गया था। बजरंग पहले सेमीफाइनल में पूर्व वर्ल्ड चैंपियन ईरान के पहलवान अमजद खलीली रहमान से 1-8 से हार गए। इस दौरान बजरंग कहीं भी खेल के लिए तैयार नजर नहीं आए। उनका कोई भी दांव फिट बैठता नजर नहीं आया।

इसके बाद ब्रॉन्ज मेडल मैच में जापान के यामागुची के खिलाफ बजरंग एकतरफा मुकाबले में 10-0 से हार गए। बजरंग की हार इसलिए अहम है क्योंकि वह भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन के बड़े चेहरों में से एक थे। बजरंग 18 दिन से किर्गिस्तान में प्रैक्टिस और ट्रेनिंग ले रहे थे लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं मिला।

वहीं बजरंग की हार पर सोशल मीडिया में भी बहस छिड़ गई है। गोल्ड मेडल की उम्मीद टूटने से भड़के फैंस पूछ रहे हैं कि क्या इसी के लिए बजरंग पूनिया को एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री चाहिए थी?।

यह तस्वीर जंतर-मंतर की है। जहां पूर्व WFI अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन की अगुआई करने वालों में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट के साथ बजरंग पूनिया सबसे आगे थे।

यह तस्वीर जंतर-मंतर की है। जहां पूर्व WFI अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन की अगुआई करने वालों में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट के साथ बजरंग पूनिया सबसे आगे थे।

ट्रायल न देने पर विवादों में घिरे थे बजरंग
बजरंग पूनिया का 65 किलो भार वर्ग में एशियन गेम्स के लिए बिना ट्रायल चयन हुआ था। इसको लेकर काफी विरोध हुआ। हिसार के रेसलर विशाल कालीरमन ने इसका विरोध किया था। कालीरमन ने इसका ट्रायल जीता था। बजरंग को डायरेक्ट एंट्री के बाद विशाल को स्टैंडबाय पर रखा गया था। कालीरमन की मांग थी कि बजरंग पूनिया का भी ट्रायल होना चाहिए। जो जीते, उसे एशियन गेम्स में जाने का मौका मिलना चाहिए। इसको लेकर दोनों के बीच काफी जुबानी जंग भी चली। इसके अलावा पंचायतें तक हुई।

पहलवानों के आंदोलन का बड़ा चेहरा
WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगा था। इसको लेकर कुछ पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इनमें 4 पहलवान अहम थे। जिनमें विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और संगीता फोगाट के साथ बजरंग पूनिया सबसे बड़ा चेहरा थे। इन्होंने ही इस पूरे आंदोलन की अगुआई की थी।

गेम्स को लेकर विनेश फोगाट और अंतिम पंघाल के बीच विवाद हुआ था। आखिरी समय में विनेश ने चोट का हवाला देकर नाम वापस ले लिया था।

गेम्स को लेकर विनेश फोगाट और अंतिम पंघाल के बीच विवाद हुआ था। आखिरी समय में विनेश ने चोट का हवाला देकर नाम वापस ले लिया था।

विनेश की जगह खेली अंतिम ने ब्रॉन्ज जीता
पहलवानों के आंदोलन का दूसरा बड़ा चेहरा विनेश फोगाट थी। विनेश का भी बिना ट्रायल चयन हुआ था। जिसको लेकर विनेश और हिसार की पहलवान अंतिम पंघाल के बीच खूब जुबानी जंग भी चली। हालांकि आखिरी वक्त पर विनेश फोगाट ने चोट की बात कह नाम वापस ले लिया। उनकी जगह पर अंतिम पंघाल एशियन गेम्स में गई। उन्होंने ब्रान्ज मेडल जीता।

विनेश फोगाट की जगह खेलने वाली अंतिम पंघाल ने एशियन गेम्स में ब्रान्ज मेडल जीता।

विनेश फोगाट की जगह खेलने वाली अंतिम पंघाल ने एशियन गेम्स में ब्रान्ज मेडल जीता।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
बजरंग पूनिया से सबको गोल्ड मेडल की उम्मीद थी लेकिन वह बिना मेडल देश लौटेंगे। ऐसे में अब उनको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कई लोग उनको बिना ट्रायल भेजने पर सवाल उठा रहे हैं। दिलीप द्विवेदी नाम के यूजर ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि बजरंग ने गोल्ड मेडल का नुकसान करवा दिया। इनकी जगह किसी और को भेजना चाहिए था। सत्यम बोरीकर ने लिखा कि ऐसे ही होता है, जब आप प्रैक्टिस की जगह धरने में समय बिताते हो। अमित थडानी ने लिखा कि इसी वजह से बिना नेशनल में पार्टिसिपेट किए बजरंग पूनिया को एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री चाहिए थी। हालांकि कई लोग बजरंग को सपोर्ट करते भी नजर आए।

बृजभूषण ने कहा था- इन्होंने कुश्ती का नुकसान किया
WFI के पूर्व अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण कुछ समय पहले हरियाणा आए थे। रोहतक में उन्होंने कहा था कि बजरंग और बाकी धरने देने वाले पहलवानों ने कुश्ती का नुकसान किया है। बृजभूषण ने कहा था कि चीन के हांगझोउ में चल रहे 19वें एशियन गेम्स में कुश्ती में मेडल की उम्मीद न करें। पहलवानों के धरने की वजह से न तो कोई शिविर लगा और न ही नेशनल कंपीटिशन हुए।

जंतर-मंतर पर धरना देने वालों ने जूनियर्स का करियर चौपट कर दिया। यह बात अलग है कि धरना देते हुए वह जूनियर की भलाई का दावा कर रहे थे। बजरंग पूनिया को बिना ट्रायल एशियन गेम्स में भेजने के सवाल पर बृजभूषण ने कहा कि WFI की एडहॉक कमेटी को कुछ पता नहीं है।

कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा था कि इस बार कुश्ती में मेडल की उम्मीद न करें।

कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा था कि इस बार कुश्ती में मेडल की उम्मीद न करें।

एशियन गेम्स की कुश्ती में छाए हरियाणवी:सोनीपत की सोनम, हिसार की किरण और झज्जर के अमन ने जीता ब्रॉन्ज

हांगझोउ में चल रहे एशियन गेम्स के 13वें दिन हरियाणवी पहलवानों का दबदबा रहा। शुक्रवार को कुश्ती में हरियाणा के 3 पहलवानों ने 3 मेडल डाले हैं। इनमें सोनीपत की सोनम मलिक, हिसार की किरण और झज्जर के अमन सहरावत ने प्रतिद्वंद्वियों को पटकनी देकर ब्रॉन्ज मेडल जीता है। पूरी खबर पढ़ें…

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