इंफाल में तनाव के बीच सन्नाटा, राज्यपाल असम गए: पुलिस की कुकी संगठनों से 10 दिन सीजफायर की अपील; इमा मार्केट में डटे 300 छात्र

इंफाल24 मिनट पहलेलेखक: डी कुमार, सृष्टि मिश्रा

  • कॉपी लिंक
यह तस्वीर 10 सितंबर को स्टूडेंट मार्च के दौरान पुलिस से हुई झड़प की है। - Dainik Bhaskar

यह तस्वीर 10 सितंबर को स्टूडेंट मार्च के दौरान पुलिस से हुई झड़प की है।

स्कूल-कॉलेज स्टूडेंट्स के आक्रोश में झुलसी मणिपुर की राजधानी इंफाल में बुधवार को सन्नाटा पसरा रहा। एक दिन पहले हुई हिंसा के बाद से इंफाल ईस्ट और वेस्ट में कर्फ्यू जारी है। मैतेई बहुल 5 जिलों में इंटरनेट बंद है।

CRPF डीआईजी का कहना है कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं। प्रदर्शनकारी ज्यादातर छात्र अपने घर में हैं। उधर, राज्यपाल एल. आचार्य बुधवार को असम चले गए। दरअसल, उनके पास मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार है।

मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने CRPF और असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात पर समीक्षा बैठक की।

मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने CRPF और असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात पर समीक्षा बैठक की।

इमा मार्केट में 300 से ज्यादा छात्र प्रदर्शन कर रहे एक दिन पहले इंफाल में सुरक्षा बलों के साथ हुई हिंसक झड़प में करीब 100 स्टूडेंट्स घायल हुए थे। इनमें 50 से ज्यादा जख्मी हैं। इस प्रदर्शन में इंफाल घाटी के 100 से ज्यादा स्कूल-कॉलेजों के बच्चे शामिल थे। हालांकि कर्फ्यू के बावजूद करीब 300 छात्र इंफाल वेस्ट की इमा मार्केट में जमे हुए हैं।

भास्कर ने प्रदर्शन को लीड करने वालों में से एक छात्र नेता दीजेन तालेख मायुम से बात की। वे धनामांजुरी यूनिवर्सिटी में छात्र संघ महासचिव हैं। उन्होंने कहा कि हम लंबी लड़ाई की तैयारी में हैं। हमने बांग्लादेश में छात्रों की ताकत देखी है। बीते 16 महीने में राज्य बर्बाद हो चुका है, इसलिए हम राज्यपाल से मांगें मनवाकर ही घर लौटेंगे।

जब भास्कर ने उनसे वजह पूछी तो उन्होंने कहा- कुकी उग्रवादी ड्रोन हमले कर रहे, सरकार सुरक्षा नहीं दे पा रही है। हमारे माता-पिता प्रदर्शन करते-करते थक चुके हैं। कभी कर्फ्यू तो कभी हिंसा के चलते बाजार बंद। स्कूल-कॉलेज खुले हैं, लेकिन वहां पढ़ने कैसे जाएं? ऐसे में अब हम खुद को बचाने नहीं उतरेंगे तो कौन उतरेगा?

कुकी बोले- हमने रॉकेट या ड्रोन से हमले नहीं किए, मैतेई झूठ फैला रहे उधर, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (केएसओ) के गृह सचिव मांग खोंगसाई ने भास्कर से कहा कि मणिपुर पुलिस आईजी और असम राइफल्स के डीजी बुधवार को कुकी बहुल चूराचांदपुर आए थे। उन्होंने हमारे साथ बैठक की। इसमें डीजी ने मुद्दों को सुलझाने और 10 दिन के लिए सीजफायर करने की अपील की है।

इस बीच, बुधवार को भी जिरीबाम में दोनों ओर से फायरिंग हुई। ड्रोन और रॉकेट हमलों के सवाल पर उन्होंने कहा कि 3 मई 2023 के बाद से दोनों जनजातियां सर्विलांस के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रही हैं। लेकिन, ड्रोन से बम गिराने और रॉकेट से मिसाइलें दागने के आरोप गलत हैं। हम अपने इलाकों की रक्षा के लिए पुंपि का इस्तेमाल करते हैं। पुंपि धातु से बनी एक पाइप होती है, जिसमें बारूद और लोहे के टुकड़े भरे होते हैं। इसे हम 1919 के एंग्लो-कुकी वॉर के समय से बना रहे हैं।

खबरें और भी हैं…