आतंकी संगठन सिमी पर एक्शन ले सकेंगी राज्य सरकारें: गृह मंत्रालय ने अधिकार दिया; 7 दिन पहले ही 5 साल के लिए प्रतिबंध बढ़ाया

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नई दिल्ली40 मिनट पहले

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सिमी पर पहली बार 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान बैन लगाया गया था। - Dainik Bhaskar

सिमी पर पहली बार 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान बैन लगाया गया था।

अब देश के सभी राज्य आतंकी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को अपने क्षेत्र में बैन कर सकते हैं। साथ ही उस पर UAPA एक्ट के तहत एक्शन भी ले सकते हैं। गृह मंत्रालय ने सोमवार (5 फरवरी) को अधिसूचना जारी करके राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को ये अधिकार दिया है।

इससे पहले 29 जनवरी 2024 को केंद्र ने सिमी पर लगाए गए बैन को पांच साल के लिए बढ़ाया है। सरकार ने कहा था कि सिमी (SIMI) देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ रहा है।

देश में कुल 44 संगठनों को UAPA 1967 की धारा 35 के तहत बैन किया गया। इनमें शामिल सिमी को पहली बार 27 सितंबर 2001 में गैरकानूनी घोषित किया गया था। उस वक्त अटल बिहार वाजपेयी सरकार थी। तब से इस पर लगा बैन बढ़ाता रहा है।

इन राज्यों ने अपने क्षेत्र में बैन लगाने की मांग की थी
10 राज्य सरकारों ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत सिमी को एक गैरकानूनी संघ घोषित करने की सिफारिश की थी। इनमें आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश शामिल थे। गृह मंत्रालय ने कहा कि सिमी अभी भी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में एक्टिव है। वह अपने फरार सदस्यों को दोबारा संगठित कर रहा है।

पहले इन स्लाइड में देखिए… सिमी क्या है

बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा चुका है सिमी
सिमी की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिसर्विटी में हुई थी। 2023 में केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को दिए एक हलफनामे में कहा गया था कि सिमी के हर नए सदस्य को एक कसम दिलाई जाती है कि वे मानवता की आजादी और देश में इस्लामिक व्यवस्था लागू करने के लिए काम करेंगे।

यह भी कहा जाता है कि सिमी ने अपने मूवमेंट को चलाने के लिए एक नए संगठन का नकाब पहना। इस संगठन का नाम है इंडियन मुजाहिदीन। इंडियन मुजाहिदीन के सभी संगठन स्लीपिंग मॉड्यूल की तरह काम करते हैं।

सिमी पर लगे बैन को हटाने की मांग करते हुए देश की मुस्लिम संस्थाओं के सदस्यों ने 31 जनवरी 2010 को नई दिल्ली में सभा आयोजित की थी।

सिमी पर लगे बैन को हटाने की मांग करते हुए देश की मुस्लिम संस्थाओं के सदस्यों ने 31 जनवरी 2010 को नई दिल्ली में सभा आयोजित की थी।

देश की शांति और सौहार्द्र खत्म कर सकता है सिमी- केंद्र खुद पर लगे बैन के खिलाफ सिमी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट ने सरकार से कारण पूछते हुए जवाब मांगा था। इस पर केंद्र ने कहा था कि सिमी के सदस्य, अपने साथियों और दूसरे देशों में बसे उनके मालिकों के साथ लगातार संपर्क में हैं। उनके एक्शन देश की शांति और सौहार्द्र को खत्म करने करने की क्षमता रखते हैं।

सरकार ने बताया था कि इस संगठन के उद्देश्य हमारे देश के कानूनों के खिलाफ हैं। खासतौर से देश में इस्लामिक सत्ता कायम करने के उनके लक्ष्य को हम किसी भी सूरत में जारी नहीं रहने दे सकते हैं। इसलिए संगठन को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत बैन किया गया है।

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