राम मंदिर, भक्ति पथ, रामपथ और हनुमानगढ़ी के आसपास NSG ने मॉक ड्रिल किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के कमांडो ने शुक्रवार रात अयोध्या में मॉक ड्रिल की। NSG टीम ATS, STF, PAC, पुलिस, सेना की टुकड़ी के साथ सड़क पर उतरी। बख्तरबंद गाड़ियों के काफिले के साथ NSG रामपथ से निकली। टेढ़ी बाजार में थोड़ी देर रुकने के बाद कमांडो आगे
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राम जन्मभूमि परिसर के गेट नंबर 11 से जवान श्रीराम जन्मभूमि परिसर में दाखिल हुए। काफिले में पुलिस के अलावा प्रशासन के अधिकारी, एंबुलेंस और आपात व्यवस्था से जुड़े अन्य वाहन भी शामिल रहे। रूट खाली कराने के लिए आगे ट्रैफिक पुलिस चल रही थी। जवानों ने इमरजेंसी में सुरक्षा संभालने या आतंकियों से निपटने का रिहर्सल भी किया।
NSG के जवान 17 जुलाई को यहां पहुंचे थे। दो दिन की गोपनीय बैठक और सादी वर्दी में प्रमुख जगहों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। तीसरे दिन यानी शुक्रवार रात पूरी मुस्तैदी से सुरक्षा में उतरे। मॉक ड्रिल करते हुए NSG कमांडो हनुमानगढ़ी पहुंचे। इसके बाद दशरथ महल होते हुए भक्ति पथ चले गए। मॉक ड्रिल रात करीब 10 बजे शुरू होकर 11 बजे तक चली।
पहले 3 विजुअल देखिए-
अयोध्या की सड़कों पर शुक्रवार रात 10 बजे NSG कमांडो उतरे।
अयोध्या की गलियों में NSG कमांडो ने आतंकियों से निपटने का मॉक ड्रिल किया।
NSG कमांडो बुलेट प्रूफ गाड़ियों से शहर में निकले।
अभी SSF के हाथों में मंदिर की सुरक्षा
श्रीराम जन्मभूमि परिसर और मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी SSF यानी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के हाथों में हैं। मंदिर की सुरक्षा में 200 जवान तैनात हैं। UP सरकार ने PAC और पुलिस के जवानों को मिलाकर SSF का गठन किया। SSF जवानों के साथ ही अब मंदिर की सुरक्षा में कमांडो भी तैनात रहेंगे।
रोज डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंच रहे राम मंदिर
22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी। तब से हर दिन करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। वीकएंड और पर्व पर यह संख्या दो लाख तक पहुंच जाती है। यही नहीं, देश-दुनिया के वीआईपी भी लगातार मंदिर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
मंदिर पर आतंकी हमले को लेकर धमकियां मिलती रही हैं। ऐसे में मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने अयोध्या में NSG की यूनिट शुरू करने का फैसला लिया है। यह यूनिट अयोध्या में ही रखकर मंदिर की सुरक्षा संभालेंगी।
शहर के चौराहों पर NSG जवानों ने सुरक्षा व्यवस्था देखी।
दरअसल, 22 जुलाई से अयोध्या में सावन में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। सात अगस्त से मणिपर्वत झूला मेले के साथ अयोध्या का 12 दिवसीय सावन झूला मेला शुरू होगा। एक हजार मंदिरों में होने वाले उत्सव में लाखों भक्त रोज आएंगे। राम मंदिर के पास स्थित रंगमहल सहित कुछ मंदिरों में 22 जुलाई से एक माह तक झूला उत्सव होता है।
सावन में लाखों कांवड़ भक्त सरयू का स्नान कर नागेश्वरनाथ भगवान का जल से अभिषेक करते हैं। इन त्योहारों से पहले और पिछले दिनों राम मंदिर को उड़ाने की धमकियों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं।
अयोध्या में NSG हब बनाने की तैयारी
अयोध्या की सुरक्षा को पूरी तरह दुरुस्त करने के लिए यहां NSG का हब बनाने की तैयारी है। सुरक्षा संबंधी सूचनाओं के बेहतर समन्वय के लिए श्रीराम जन्मभूमि परिसर में 11 करोड़ की लागत से इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है। इस भवन में पुलिस, CRPF, SSF और खुफिया संगठनों के बैठने की व्यवस्था होगी।
2005 में अस्थायी राम मंदिर के पास 5 आतंकी मारे गए थे
5 जुलाई साल 2005 को अस्थायी राम मंदिर पर हमला करने लश्कर-ए-तैयबा के 5 आतंकी पहुंचे। आतंकियों ने जैसे रॉकेट लांचर चलाने की कोशिश की, सुरक्षाबलों ने घेर कर पांचों को मार डाला। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक, उस दिन बालक राम टेंट में विराजमान थे। उस दौरान भक्त दर्शन के लिए यहां आते थे। लेकिन, 5 जुलाई 2005 के दिन कुछ आतंकियों ने हमला किया। जैसे ही आतंकियों ने लांचर फेंका, फिर वहां तेज से आवाज हुई।
इसके बाद सभी सुरक्षा में तैनात जवान सतर्क हो गए। सभी ने कहा आतंकवादी आ गए। इसके बाद CRPF के जवान अलर्ट हो गए। आतंकी बैरिकेडिंग तोड़कर सीता रसोई के पीछे आ गए। उन आतंकियों का उद्देश्य था कि प्रभु राम जहां विराजमान हैं, उसको खत्म कर दिया जाए। लेकिन, मौके पर सुरक्षा सुरक्षाबलों ने आतंकियों को ढेर कर दिया।
इसी कार से पांचों आतंकी आए थे। सुरक्षाबलों ने इन्हें मार गिराया। उनकी कार भी जल गई।
हनुमानगढ़ी के सामने और रेलवे स्टेशन पर मिले थे बम
28 मार्च 1999 को अयोध्या रेलवे स्टेशन पर टाइम बम मिला, जो बेहद शक्तिशाली था। सामने आया था कि अगर धमाका होता तो पूरा स्टेशन परिसर उड़ जाता। एक चाय वाले की सतर्कता से हादसा टल गया। उसकी सूचना पर बम डिफ्यूज कर दिया गया। 13 जून 2001 को हनुमानगढ़ी के सामने इमली के पेड़ के नीचे खड़ी जीप में कुकर बम मिला था। इससे पूरे क्षेत्र को दहलाने की साजिश थी। इस घटना के पीछे लश्कर-ए-तैय्यबा का नाम सामने आया था।
लश्कर का एरिया कमांडर अयोध्या में ढेर हुआ था
लश्कर के एरिया कमांडर मोहम्मद इमरान को सितंबर 2001 में अयोध्या के बाईपास पर ही मार गिराया गया था। जबकि मोहम्मद इमरान के दो अन्य सहयोगी भी पकड़े गए थे। इसके अलावा साबरमती बम विस्फोट, फैजाबाद कचहरी ब्लास्ट जैसी घटनाएं भी हुई। हालांकि समय के साथ अब अयोध्या की सुरक्षा पहले के मुकाबले कई गुना बेहतर और सतर्क है।
तस्वीर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय की है। अयोध्या में 4 बुलेट प्रूफ बख्तरबंद गाड़ियां में UP ATS के तकरीबन 100 कमांडो तैनात रहे।
मंदिर को दो बार बम से उड़ाने की मिल चुकी धमकी
14 दिन पहले राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी भी मिली थी। पहले एक आईडी से इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई। फिर 112 पर कॉल आई। राम मंदिर को उड़ाने की धमकी मिलते ही पुलिस में हड़कंप मच गया। साइबर एक्सपर्ट और सर्विलांस टीम को तुरंत एक्टिव किया।
दहशत न फैले इसलिए पुलिस ने अंदरखाने जांच की। जांच में धमकी देने वाले की लोकेशन कुशीनगर की निकली। पुलिस ने धमकी देने वाले पटहेरवा थाना के बलुआ तकिया क्षेत्र के रहने वाले एक 16 साल के किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। शुरुआती जांच में पता चला कि नाबालिग मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं है।
9 महीने पहले बरेली के छात्र ने दी थी धमकी
9 महीने पहले राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी बरेली से दी गई। बरेली से लखनऊ कंट्रोल रूम में 112 नंबर पर कॉल कर यह धमकी दी गई। पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर बरेली के 8वीं के छात्र को हिरासत में लिया। उसकी उम्र 14 साल थी। जांच में सामने आया है कि छात्र ने यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी।
इन दिनों अयोध्या में भगवान रामलला का दर्शन करने रोज डेढ़ लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। (फाइल फोटो)
NSG का गठन 1986 में किया गया
- NSG का गठन 1986 में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड एक्ट के तहत किया गया।
- NSG विशेष रूप से आतंकवाद-विरोधी किसी भी अभियान को रोकने के लिए तैयार बनाया गया है। इनका इस्तेमाल तभी किया जाता है जब बेहद गंभीर आतंकवादी हमला हो।
- देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी NSG के पास ही होती है। इसके अलावा भी कुछ चुनिंदा वीवीआई की सुरक्षा का जिम्मा एनएसजी के पास होता है।
- 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद देश में ऐसे किसी फोर्स की जरूरत महसूस की गई।
- NSG खुद को जीरो एरर फोर्स करता है। यानी इसमें गलती होने की कोई गुंजाइश नहीं होती है।