अनिल विज ने हरियाणा CM की कुर्सी पर दावा ठोका: बोले- मेरी सीनियोरिटी बनती है, BJP ने नायब सैनी को चेहरा बनाया, राव इंद्रजीत भी दावेदार – Ambala News

अंबाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते अनिल विज।

हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री और अंबाला कैंट से भाजपा उम्मीदवार अनिल विज ने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोका है। अंबाला में पत्रकारों से बातचीत में अनिल विज ने कहा, ‘सारे हरियाणा से लोग आ रहे हैं। मैं जहां-जहां गया हूं, लोग कह रहे हैं कि आप सीनियर पोस्ट पर ह

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मैं उन लोगों की मांग पर अपनी सीनियोरिटी के दम पर मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश करूंगा। पार्टी बनाती है या नहीं उनका फैसला है। अगर पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री बना दिया तो मैं हरियाणा की तकदीर बदल दूंगा, हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा।’

पंचकूला में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पदाधिकारियों की मीटिंग ली थी। तब उन्होंने नायब सैनी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी। इसके अलावा, गुरुग्राम से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा ठोक चुके हैं।

2014 में CM कुर्सी के दावेदार थे विज अनिल विज अंबाला कैंट से BJP उम्मीदवार हैं। 2014 में जब भाजपा को 90 में से 47 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत मिला तो अनिल विज, रामबिलास शर्मा और ओमप्रकाश धनखड़ सीएम कुर्सी की दौड़ में थे। जब ये चर्चा सामने आई कि भाजपा किसी जाट को सीएम के बजाय पंजाबी चेहरे को कुर्सी देगी तो विज प्रबल दावेदार बन गए।

हालांकि, अचानक भाजपा ने मनोहर लाल खट्‌टर का नाम आगे कर दिया। जिसके बाद खट्‌टर मुख्यमंत्री बन गए। वह साढ़े 9 साल सीएम रहे।

खट्‌टर हटे तो विज की जगह सैनी आ गए

लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ समय पहले भाजपा ने सबको चौंका दिया। भाजपा ने हरियाणा में साढ़े 9 साल से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर से इस्तीफा दिलवा दिया। उनकी जगह पर अचानक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी को सीएम बनाया। तब चर्चा थी कि विज को कुर्सी मिल सकती है। हालांकि ऐसा नहीं हुआ।

12 मार्च को अनिल विज विधायक दल की मीटिंग बीच में छोड़कर चले गए थे।

12 मार्च को अनिल विज विधायक दल की मीटिंग बीच में छोड़कर चले गए थे।

मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए विज अनिल विज मनोहर लाल खट्‌टर की दूसरे टर्म की सरकार में गृह और स्वास्थ्य मंत्री थे। जब खट्‌टर ने इस्तीफा दिया तो विज भी उनके साथ थे। इसके बाद नए सीएम को चुनने के लिए मीटिंग हुई तो विज अचानक बीच में से बाहर आ गए। तब ये चर्चा रही कि नायब सैनी का नाम सुनने के बाद विज ने मीटिंग बीच में छोड़ दी।

इसके बाद विज का नाम सीएम सैनी के मंत्रिमंडल में भी था। मगर, विज ने मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया। वे शपथग्रहण समारोह में भी नहीं पहुंचे। इसके बाद विज बार-बार यही कहते रहे कि उनकी कोई नाराजगी नहीं है।