अजमेर आतंक का लॉन्च पैड, ब्रेनवॉश के लिए बांटी किताबें: लोगों को भड़काने वाले चिश्ती परिवार का परवेज मुशर्रफ से कनेक्शन

जयपुर4 मिनट पहलेलेखक: विक्रम सिंह सोलंकी/रणवीर चौधरी

पाकिस्तान में बैठे दावत-ए-इस्लाम के आकाओं ने नूपुर शर्मा के बयान के बाद धार्मिक भावनाओं को हथियार बनाकर भारत में दंगे भड़काने का प्लान बनाया था। इसके लिए अजमेर को लॉन्च पैड बनाया गया। श्रीगंगानगर बॉर्डर पर पकड़ा गया रिजवान अशरफ भी अजमेर भी आने वाला था।

लेकिन यह सब अचानक नहीं हुआ। 42 साल से दावत-ए-इस्लाम अजमेर में एक्टिव है। संगठन ने उर्स के बहाने अजमेर में 1980 में एंट्री की थी।

दावत-ए-इस्लाम ने मजहबी कार्यक्रमों के जरिए लोगों को ब्रेन वॉश कर अपने साथ जोड़ा और उनसे ही फंड जुटाया। PFI ने भी इस साजिश में दावत-ए-इस्लाम की मदद की। अजमेर में PFI का सरवर चिश्ती कई बार पाकिस्तान गया। उसकी पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से नजदीकी थी।

सरवर चिश्ती ने ही अजमेर में हिंदुओं के बायकॉट का फतवा जारी किया था। उनके बेटे आदिल ने हिंदू देवी-देवताओं के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए। भतीजे गौहर चिश्ती ने सर तन से जुदा का नारा दिया। उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थकों पर हमले के लिए मीटिंग की और अजमेर में CRPF की जासूसी तक की।

भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि अजमेर आतंक का लॉन्च पैड था, इसी का सबूत है कि कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज और गौस को हत्या के बाद अजमेर पहुंचने के लिए कहा गया था। इसके बाद उन्हें देश से बाहर भेज दिया जाता। इसके अलावा पाकिस्तान से नुपूर शर्मा की हत्या के लिए बॉर्डर पार करके आया रिजवान अशरफ भी अजमेर जाना वाला था।

स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए- कैसे 42 साल से अजमेर को आतंक का लॉन्च पैड बनाने की साजिश रची जा रही है…

1980 में शुरुआत : धार्मिक स्थल के बाहर रखवाए चंदे के बॉक्स
1980 में उर्स के बहाने दावत-ए-इस्लाम से जुड़े कुछ लोग अजमेर दरगाह आए। इन्होंने लोकल लोगों को धर्म के प्रचार के बहाने अपने साथ जोड़ा। मदरसों और गरीब लोगों की मदद का झांसा देकर दरगाह के बाहर दुकानों पर चंदे के लिए बॉक्स भी रखवाए। चंदे के कलेक्शन के लिए दावत-ए-इस्लाम के दो ग्रुप आते थे।

अजमेर में सेटअप खड़ा करने के बाद दावत-ए-इस्लाम ने राजस्थान के दूसरे शहरों में भी लोगों को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया। कई लोगों को स्पेशल ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भी भेजा गया। इसी ग्रुप से जुड़ने के बाद कन्हैयालाल के हत्यारे गौस मोहम्मद और रियाज करीब 30 लोगों के साथ पाकिस्तान गए थे।

ब्रेन वॉश करने के लिए किताबें बंटवाई
एनआईए व एटीएस की जांच में सामने आया कि दावत-ए-इस्लाम ने हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ किताबें भी छपवाई। यह किताबें अजमेर के एक बुक स्टोर से बंटवाई गई थीं। किताबों के जरिए युवाओं को कट्‌टर बनाया जा रहा था, ताकि वे आदेश देने पर किसी पर भी हमला कर दें। गौस और रियाज ने यहीं से किताबें लेकर अपने वॉट्सऐप ग्रुप के सभी साथियों में बंटवाई थीं। एटीएस ने बुक स्टोर के मालिक अनवर से मामले को लेकर पूछताछ भी की। टीम जांच कर रही है कि किताबें कहां से आईं और कहां प्रिंट हुईं।

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सरवर चिश्ती : पाक के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ से नजदीकी
सरवर चिश्ती दरगाह की अंजुमन कमेटी का सचिव और PFI का मेंबर है। उसने अजमेर में कई लोगों को PFI से जोड़ा था। चिश्ती कई बार पाकिस्तान गया था। वह पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का भी नजदीकी है।
सरवर चिश्ती, उसके भतीजे गौहर चिश्ती और बेटे आदिल ने नुपूर शर्मा केे बयान के बाद लोगों को उकसाने के लिए कई मीटिंगें की थी।
कन्हैयालाल की हत्या के बाद अजमेर में हिंदुओं की दुकानों को बायकॉट करने का फतवा जारी किया था। आखिर में अजमेर पुलिस ने सरवर चिश्ती को बयानों के लिए पाबंद किया।

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गौहर चिश्ती : सर तन से जुदा करने का नारा दिया
सरवर चिश्ती का भतीजा गौहर अजमेर और उदयपुर में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले लोगों पर हमला कर दंगे भड़काना चाहता था।
उसने अजमेर में 16 जून को खादिमों की एक मीटिंग ली और लोगों को सोशल मीडिया ग्रुप में जोड़ा, लेकिन उसके इरादे भांप कर कई खादिम उसके ग्रुप से लेफ्ट हो गए। इसके बाद उसने 17 जून को नुपूर शर्मा के विरोध में निकली रैली में करीब 3 हजार लोगों को नुपूर शर्मा और उसका समर्थन करने वालों पर हमले के लिए उकसाया। मंच से सर तन से जुदा करने का नारा दिया।

पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया तो उदयपुर फरार हो गया। उदयपुर में उसने कुछ लोगों के साथ नुपूर शर्मा का समर्थन करने वालों पर हमले के लिए मीटिंग की। इसके कुछ दिन बाद ही उदयपुर में कन्हैयालाल ही हत्या कर दी गई। गौहर इसे पहले अजमेर में CRPF के फोटो लेकर उसकी जासूसी भी करते नजर आया था। यह फोटो उसने पाकिस्तान भेजे या नहीं, पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।

आदिल चिश्ती : बेटे ने हिंदू देवताओं के अस्तित्व पर सवाल खडे़ किए
सरवर चिश्ती का बेटा आदिल विदेश में पढ़ाई करके आया। वह सोशल मीडिया पर धार्मिक प्रवचन भी देता है। उसने नुपूर शर्मा के बयान के बाद हिंदू देवी-देवताओं के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए थे। बयानों का वीडियो सोशल मीडिया पर आने पर आदिल का भी कई लोगों ने विरोध किया। इस पर उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उसके वीडियो को गलत ढंग से पेश करने की सफाई पेश की। आदिल ने भी नुपूर के विरोध में कई वीडियो जारी किए थे।

8 साल पहले पाकिस्तान में दी ट्रेनिंग
NIA और ATS की जांच में सामने आया कि दावत-ए-इस्लाम ने कन्हैयालाल के हत्यारे गौस मोहम्मद और रियाज को 2014-15 में करीब 30 लोगों के साथ पाकिस्तान बुलाया था। उनके साथ उदयपुर और अजमेर के कई लोग थे। वहां उन्हें स्पीपर सेल बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी।

इसके बाद गौस मोहम्मद और रियाज ने उदयपुर सहित कई जिलों के युवाओं को अपने वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा। गौहर चिश्ती भी इसी तरीके से युवाओं की मीटिंग लेकर उन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ रहा था। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में गौहर चिश्ती और कन्हैयालाल के हत्यारों की सीधे मुलाकात और बातचीत नहीं हुई।

बयानों पर पुलिस ने पाबंद किया : डिप्टी एसपी
सरवर चिश्ती कोअभी पाबंद किया गया है। फिर से भड़काऊ बयान देने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौहर चिश्ती ने सर तन से जुदा करने का बयान दिया था, इस कारण उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
विकास सांगवान, डिप्टी एसपी, अजमेर

मेरे बयान देशहित में आते हैं : सरवर चिश्ती
विवाद तो मीडिया ने खड़ा कर रखा है, मौजूदा पार्टी ने खड़ा कर रखा है। मेरे बयान तो देशहित में होते हैं, समाज हित में आते हैं। हम किसी धर्म के देवी-देवताओं के खिलाफ नहीं बोलते हैं, लेकिन हम संविधान और कानून के दायरे में प्रोफेट मोहम्मद के खिलाफ बयान और नारेबाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सरवर चिश्ती, अंजुमन कमेटी का सचिव

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