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देवेंद्र हेटा, शिमला10 मिनट पहले
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तबाही का ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा
हिमाचल प्रदेश में क़ुदरत ने इस बार सदी की सबसे भीषण तबाही मचाई है। मानसून के दौरान संपत्ति के साथ-साथ जानी नुकसान भी रिकॉर्ड हुआ है। पहाड़ों पर 24 जून से 27 सितंबर तक 481 लोगों की मौत हो गई है। मौत का यह आंकड़ा मानसून सीजन का आज तक का सर्वाधिक है।
इसी तरह संपत्ति को भी रिकॉर्ड क्षति पहुंची है। प्रदेश में बीते पांच सालों में संपत्ति को जितना नुकसान नहीं हुआ, उससे भी कहीं ज्यादा संपत्ति इस बार मानसून के दो महीनों में बरसात की भेंट चढ़ी। साल 2018 से 2022 तक पांच सालों में कुल मिलाकर 6816.88 करोड़ रुपए की संपत्ति मानसून के दौरान तबाह हुई, जबकि इस बार दो महीने में ही 8671 करोड़ रुपए की संपत्ति बरसात की भेंट चढ़ी है।
साल 2021 में सर्वाधिक मौत का रिकॉर्ड टूटा
इससे पहले साल तक साल 2021 में सर्वाधिक 476 लोगों की मौत का रिकॉर्ड था, जो इस साल टूट गया है। इसी तरह इस बार 40 लोग बाढ़, लैंडस्लाइड, बादल फटने व नदी में बहने के बाद से लापता है। प्रदेश से अभी मानसून की विदाई नहीं हुई। जाहिर है कि मानसून विड्रा होने तक मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ेगा।
बीते 5 सालों में मानसून के दौरान वर्षवार जान गंवाने वालों की संख्या
साल | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 |
वर्ष | 281 | 240 | 476 | 406 | 481 |
लैंडस्लाइड से गई 114 लोगों की जान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, लैंडस्लाइड से 114 व्यक्ति अकाल मृत्यु का ग्रास बने। इनमें सबसे ज्यादा 20 लोगों की जान शिमला के शिव मंदिर लैंडस्लाइड में एक साथ गई। इस हादसे में एक ही परिवार से सभी सात सदस्य हमेशा हमेशा के लिए संसार छोड़ गए हैं।
पानी में डूबने से 42 की मौत
SDMA के अनुसार, भारी बारिश के बाद आए फ्लैश फ्लड की चपेट में आने से 19 लोगों की जान गई। इसी तरह बादल फटने से 14 की मौत, पानी में डूबने से 42, आसमानी बिजली से 2, आग लगने से 2, स्नेक बाइट से 21, ऊंचाई से गिरने से 50, अन्य कारणों से 27 तथा सड़क दुर्घटना में 188 लोगों की जान गई।
21139 पालतू मवेशियों की भी मौत
प्रदेश में इस बार 21139 पालतू मवेशियों की भी जान गई है। इससे भी लोगों को करोड़ों रुपए का नुकसान आंका गया है।
बीते 6 सालों में कब-कब कितना नुकसान (करोड़ रुपए में)
साल | 2018 | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 |
नुकसान | 1520.63 | 1170.56 | 853.61 | 1118.02 | 2154.06 | 8671 |
सैकड़ों लोगों का छीना आशियाना
प्रदेश में इस बार सैकड़ों लोगों से उनका आशियाना छीना है। 2931 घर पूरी तरह जमींदोज हुए, जबकि 12264 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। कुल मिलाकर 15 हजार से ज्यादा घरों को बरसात ने नुकसान किया है। 419 दुकानें, 6030 गौशालाएं, और 551 घाट व लेबर शेड भी तबाह हुए हैं।
बीते 5 सालों में कब-कब कितने घर क्षतिग्रस्त हुए
साल | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 |
क्षतिग्रस्त मकान | 3031 | 1346 | 1976 | 1053 | 2931 |
नॉर्मल से से 21% ज्यादा बारिश
हिमाचल में इस बार रिकॉर्ड बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन में नॉर्मल से 21 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। यही तबाही का बड़ा कारण है। सोलन में नॉर्मल से 71 फीसदी ज्यादा, शिमला व बिलासपुर में 64-64% ज्यादा, कुल्लू में 47%, हमीरपुर 44% और मंडी में नॉर्मल से 44% ज्यादा बारिश हुई है।
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सड़कों, पेयजल योजनाओं और बिजली को भारी क्षति
इससे प्रदेश में सड़कों, बिजली, पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में 2500 से ज्यादा सड़कें भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। इनमें अधिकांश सड़कें बहाल तो कर दी गई है, लेकिन अभी भी 10 फीसदी से ज्यादा सड़कों पर बस सेवाएं बहाल नहीं हो पाई है।