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शिमला4 मिनट पहले
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शिमला जिले के कोटखाई खनेटी में सड़क गर गिरा पहाड़
हिमाचल में जुलाई की बारिश ने कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ डाले है। प्रदेश में एक से 31 जुलाई तक 255.9 MM बारिश होती है, लेकिन इस बार 437.5 MM बारिश हो चुकी है। यानी नॉर्मल से 71 प्रतिशत ज्यादा बरसात हो गई है।
सिरमौर जिले में सबसे ज्यादा 1097.5 मिलीमीटर बारिश 31 दिनों में हुई। यह आज तक का रिकॉर्ड रेनफॉल है। इससे पहले सिरमौर में नाहन की साल 2010 में रिकॉर्ड 843.2 MM बारिश हुई थी।
सोलन जिले में भी 735 MM बारिश ने खूब कहर बरपाया। सोलन में आज से पहले कभी भी जुलाई में इतनी बरसात नहीं हुई। साल 2010 में यहां 488 MM बारिश हुई थी। शिमला जिले में भी इस बार 584 MM बारिश हुई, जोकि 18 साल की सर्वाधिक है। इससे पहले 2005 में शिमला जिले में 723 MM बारिश हुई थी।
वहीं , कांगड़ा जिले में 654 MM, बिलासपुर जिले में 459 MM, चंबा में 484 MM, हमीरपुर में 479 MM, किन्नौर में 197 MM, कुल्लू में 476 MM, लाहौल स्पीति में 156 MM, ऊना में 410 MM बारिश हुई है।
शिमला जिले के रामपुर में लैंडस्लाइड का हैरतअंगेज वीडियो
190 लोगों की जा चुकी जान
प्रदेश में अब तक बरसात में 190 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 54 लोगों की मौत लैंडस्लाइड और बाढ़ की चपेट में आने से हुई है, जबकि 219 लोग घायल तथा 34 लोग लापता हुए है।
706 घर जमीदोज, सैकड़ों बेघर हुए
प्रदेश में अब तक 706 घर जमीदोंज हो गए है, जबकि 7192 घरों को नुकसान, 244 दुकानें, 2236 गौशालाएं तबाह हुई है। इससे सैकड़ों लोग बेघर हुए हैं। प्रदेश में अब तक लैंडस्लाइड की 76 बड़ी घटनाएं और फ्लैश फ्लड की 53 घटनाएं हो चुकी है।
5691 करोड़ की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह
प्रदेश में 5691 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई है। अकेले लोक निर्माण विभाग की 1962.09 करोड़ रुपए, जल शक्ति विभाग की 1543 करोड़ रुपए, बिजली बोर्ड की 1505.73 करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई है।
आठ-दस दिनों के दौरान शिमला जिले में भारी तबाही
सात से 11 जुलाई के बीच मंडी और कुल्लू जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जबकि बीते आठ-दस दिनों के दौरान शिमला जिले में सबसे तबाही हुई है। शिमला जिले के कोटगढ़, बलसन, सैंज, जुब्बल, खनेटी, खड़ाहन व रोहड़ू क्षेत्र में भी तबाही हुई है।
आज यलो अलर्ट
मौसम विभाग की माने तो अगले छह दिन तक बारिश से राहत के आसार नहीं है। हालांकि आज मानसून थोड़ा कमजोर रहेगा। कल से यह ज्यादा एक्टिव होगा और प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश के आसार है।
364 सड़कें 20 दिन से बंद पड़ीं
भारी बारिश के कारण आई आपदा की वजह से 363 सड़कें 20 दिन से बंद पड़ी हैं। इससे प्रदेशवासियों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। सेब की ढुलाई पर सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिंक रोड को मिलाकर बंद सड़कों की संख्या सैकड़ों में है।