हिमाचल में अगले छह दिन अलर्ट नहीं: धीमा पड़ा मानसून; अब तक नॉर्मल से 36% ज्यादा बरसात, 348 सड़कें एक महीने से बंद

शिमला41 मिनट पहले

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हिमाचल प्रदेश में सदी की सबसे भीषण तबाही मचाने के बाद मानसून की रफ्तार कमजोर पड़ गई है। पहाड़ों पर पिछले चार दिनों से बहुत कम बारिश हुई है। अगले पांच-छह दिन भी बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। प्रदेशवासियों के लिए यह राहत भरी खबर है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो 4 सितंबर तक एक-आध स्थानों पर ही हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान है। इस दौरान ज्यादातर स्थानों पर मौसम साफ या आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे। साफ मौसम में आपदा से राहत एवं पुनर्वास कार्य और सड़कों की बहाली के काम में तेजी आ सकेगी।

मानसून में 36% ज्यादा बरसात

प्रदेश में 23 जून को मानसून की दस्तक के बाद से अब तक बरसात में नॉर्मल से 36 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस दौरान सोलन जिले में नॉर्मल से 103 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे है। यही हैवी रेनफॉल तबाही का कारण है।

शिमला जिले में भी नॉर्मल से 95 प्रतिशत ज्यादा, बिलासपुर जिले में 80 प्रतिशत, मंडी में 62 प्रतिशत, हमीरपुर में 57 प्रतिशत, कांगड़ा में 16 प्रतिशत, किन्नौर में 44, सिरमौर में 60 और ऊना में नॉर्मल से 9 प्रतिशत ज्यादा बरसात हुई है। लाहौल स्पीति इकलौता ऐसा जिला है जहां पूरे मानसून सीजन में नॉर्मल से 27 प्रतिशत कम बरसात हुई है।

348 सड़कें बंद,लोग परेशान

प्रदेश में भारी बारिश के कारण 348 सड़कें अवरुद्ध पड़ी है। इससे 630 से ज्यादा रूटों पर बस सेवाएं एक महीने से बंद पड़ी है। सड़कें बंद होने से सेब की ढुलाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है। शिमला और मंडी जिले में ज्यादा सड़कें बंद है।

8643 करोड़ की संपत्ति तबाह

प्रदेश में अब तक की बारिश से 8,643 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। इस मानसून सीजन में 381 लोगों की जान चली गई है, जबकि 352 घायल और 38 व्यक्ति लापता चल रहे हैं।

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