‘1 अप्रैल 2024 को मेरे दामाद सुनील ने रायबरेली में दो बिसवा जमीन खरीदी थी। उसमें चंदन वर्मा गवाह था। इसी जमीन के बाद उसके मन में लालच आ गया। वह मेरी बेटी पूनम को अपने अंडर रखना चाहता था। सुनील को फोटो भेजता और कहता था कि तुम पत्नी पूनम को छोड़ दो। सु
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ये शब्द अपनी बेटी, दामाद और दो नातिन की लाश के पास बैठी कृष्णा देवी के हैं। इस हत्याकांड के बाद कृष्णा बदहवास हैं। वह कभी अपनी किस्मत को कोसतीं तो कभी चंदन वर्मा को। उनके आसपास तमाम महिलाएं चुपचाप बैठी हैं। सुनील की मां रोते-रोते बेहोश हो जा रही थीं। होश आता तो बेटे की लाश देखकर फिर रोने लगती।
दैनिक भास्कर की टीम रायबरेली पहुंची। हम यह जानना चाहते थे कि चंदन कौन है? वह टीचर के परिवार के नजदीक कब आया और कैसे विवाद शुरू हुआ? ऐसा क्या हुआ कि वह हत्यारा बन गया? आइए चंदन के बारे में सबकुछ जानते हैं…
20 साल पहले परिवार टांडा से आकर रायबरेली बस गया हम रायबरेली के तेलिया कोट मोहल्ले में पहुंचे। यह शहर के ही अंदर है। यहीं चंदन वर्मा के पिता अपने भाइयों के साथ अवधेश गुप्ता के घर किराए के मकान में रहते थे। यहां पहुंचने पर हमें अवधेश के बेटे अंकित गुप्ता मिले। वह बताते हैं, चंदन के पिता कुल 8 भाई हैं। 4 अम्बेडकरनगर के टांडा से 90 के दशक में आए थे। सब हमारे यहां किराए पर रहते थे। साल 2010 तक किराए पर रहे। इसके बाद चंदन के पिता मायाराम वर्मा अपने परिवार के साथ दिल्ली बस गए। बाकी के भाइयों ने यहीं जमीन लेकर मकान बना लिया।
अंकित कहते हैं कि पूरा परिवार दिल्ली में ही रहा लेकिन चंदन वापस रायबरेली आ गया और मटिया इलाके में किराए का मकान लेकर रहने लगा। उसने एक्स-रे से जुड़ी पढ़ाई की थी, इसलिए यहीं काम करने लगा। हमारे घर में रहा है, इसलिए बीच-बीच में बुलेट से आता और कहता कि कोई जरूरत होगी तो बताना। अब हम कमाने लगे हैं। मैंने कोई मदद नहीं ली। वह स्वभाव से बहुत ही अड़ियल था। नशा बहुत करता था। इसलिए हम लोग दूर ही रहते थे।
रायबरेली में टीचर ने भी वहीं किराए का मकान लिया टीचर सुनील कुमार की शादी 12 अप्रैल, 2016 को हुई थी। उस वक्त सुनील गांव-गांव में किराने की दुकानों पर सामान बेचते थे। 2018 में पुलिस भर्ती परीक्षा पास की तो पुलिस में भर्ती हो गए। 10 दिसंबर, 2020 को उनकी बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी लग गई। इसके बाद सुनील ने पुलिस की नौकरी छोड़ दी। उस वक्त सुनील की नियुक्ति किसी स्कूल में नहीं हुई, बीएसए ऑफिस से अटैच किया गया। सुनील का घर रायबरेली जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर था। इसलिए वह परिवार को लेकर यहीं मटिया इलाके में रहने लगे।
सुनील ने जहां कमरा लिया, चंदन वहां पहले से रहता था। दोनों के बीच यहीं जान-पहचान हो गई। चंदन अक्सर सुनील के घर आ जाता था। यहीं उसकी नजदीकी पूनम से बढ़ गई। लेकिन 12 मार्च, 2021 को सुनील की नियुक्ति अमेठी जिले में सिंहपुर ब्लॉक के पनहौना प्राथमिक विद्यालय में हो गई। सुनील परिवार के साथ अमेठी चले गए। पहले कहीं और रहते थे, पिछले तीन महीने से वह अहोरवा भवानी चौराहे पर मुन्ना अवस्थी के मकान में रह रहे थे। बड़ी बेटी दृष्टि यहीं से स्कूल जाती थी।
ये तस्वीर टीचर सुनील, उनकी पत्नी पूनम और दोनों बेटियों की है। (फाइल फोटो)
सुनील ने जमीन खरीदी तो उसमें गवाह था चंदन सुनील नियुक्ति के बाद परिवार सहित अमेठी चले गए। चंदन यहां भी अक्सर पहुंच जाता था। इस वक्त तक दोनों में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था। वाट्सऐप चैट और कॉलिंग से पता चलता है कि वह पूनम से काफी देर तक बातचीत करता रहता था। धीरे-धीरे सुनील ने चंदन से दूरी बनाना चाही, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
सुनील के घर के बाहर सभी 4 लाशें रखी हुई थीं। पूनम की मां बेसुध हालत में लाश के ही पास लेटी हुई थीं। हमने बात की। चंदन के बारे में पूछा। वह कहती हैं, हमें चंदन के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। इसी साल 1 अप्रैल को सुनील ने पूनम के नाम से रायबरेली में 2 बिसवा जमीन खरीदी थी। इसमें चंदन गवाह था। लेकिन इसी के बाद वह मेरी बेटी को परेशान करने लगा।
पूनम की मां कहती हैं, वह मेरी बेटी से कहता था कि तुम सुनील को छोड़ दो और मुझसे शादी कर लो। लेकिन मेरी बेटी ने मना कर दिया। इसलिए वह मेरी बेटी को परेशान करता था। वह गंदी-गंदी फोटो सुनील को भेजता और कहता था कि तुम पूनम को छोड़ दो। सुनील कहते थे कि मैं नहीं छोड़ूंगा, वह मेरी पत्नी है।
चंदन का स्वभाव अड़ियल, इसलिए सबको मार दिया चंदन के बारे में पूछने पर मोहल्ले के लोग कैमरे के सामने कहते हैं कि वह शराब पीता था, रौब दिखाने के लिए बुलेट से चलता था। ज्यादा कुछ पूछने पर चुप हो जाते हैं। लेकिन कैमरा बंद करने के बाद वह कहते हैं कि चंदन बेहद अड़ियल किस्म का था। सनकी मिजाज का था। एक बार जो करने की सोच लेता उसे करता ही था, उसका नफा-नुकसान नहीं देखता। उसके मन में यह सनक भर गई थी कि पूनम से जुड़ी हर चीज को तबाह कर दूंगा। इसलिए उसने मासूम बच्चों को भी मार दिया।
चंदन की सनक का एक उदाहरण 48 दिन पहले यानी 18 अगस्त को दिखा था। रक्षाबंधन के एक दिन पहले उसने पूनम के साथ बदतमीजी की। पूनम ने कोतवाली में मामला दर्ज करवाया। बताया, ‘मेरे साथ चंदन ने अश्लील हरकत की। मुझे और मेरे पति सुनील को थप्पड़ों से मारा और जान से मारने की धमकी दी। अगर भविष्य में मेरे व मेरे पति की कोई घटना या दुर्घटना होती है तो उसका जिम्मेदार चंदन वर्मा ही होगा।’
इस एफआईआर के बाद 19 अगस्त को पुलिस ने चंदन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 3 दिन बाद उसे जमानत मिली। उसने घर आकर जहर खा लिया। उसे पहले लोकल हॉस्पिटल में और फिर एम्स में भर्ती करवाया गया। उसकी इस सनक के बाद सुनील और पूनम ने समझौता करना उचित समझा। मकदूमपुर चौकी पर दरोगा के सामने चंदन ने हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि आगे कुछ भी गलत नहीं करूंगा। हालांकि, इस पर भी सुनील ने केस वापस नहीं लिया।
दो चचेरे भाई हिरासत में, परिवार ने कहा हमें चंदन से मतलब नहीं दैनिक भास्कर की टीम चंदन के चाचा के घर भी गई। हमने बात करने की कोशिश की, लेकिन जवाब मिला कि हम लोग बात नहीं करना चाहते। कुछ देर बाद चंदन की चाची बाहर निकलीं और बोलीं- हमें चंदन और उसके परिवार से कोई मतलब नहीं है। वह लोग दिल्ली में रहते हैं और हम यहां। हमारे दो लड़कों शिवा और विकास को उठाकर ले गए हैं, जबकि हमारा चंदन से कोई मतलब ही नहीं है।
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अमेठी हत्याकांड का खुलासा हो गया है। अमेठी के एसपी अनूप सिंह ने शुक्रवार की रात 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आरोपी चंदन वर्मा को मीडिया के सामने पेश किया। कहा- चंदन को गौतमबुद्धनगर जिले में जेवर टोल प्लाजा से STF ने गिरफ्तार किया है। उसका टीचर की पत्नी से डेढ़ से साल से संबंध था। पूरी खबर पढ़ें…