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मुंबईकुछ ही क्षण पहले
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अहमदाबाद-मुंबई हाईवे (NH-98) पर रविवार को डिवाइडर से टकराई साइरस की कार हादसे से ठीक पहले 100 KMPH की स्पीड से दौड़ रही थी। साइरस की कार की जांच के बाद मर्सिडीज कंपनी ने यह जानकारी दी है। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कार टकराने से 5 सेकेंड पहले डॉक्टर अनायता पंडोले ने ब्रेक लगाए लगाए थे, जिससे कार की स्पीड घटकर 89 KMPH पर आ गई थी।
कार की डिटेल्ड जांच के लिए हॉन्गकॉन्ग से मर्सिडीज की एक्सपर्ट टीम आएगी, जो 12 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इससे पहले, IIT खड़गपुर की फॉरेंसिक टीम ने हादसे के लिए हाईवे पर बने सूर्या नदी के पुल की खराब डिजाइन को जिम्मेदार बताया था। वहीं, शुरुआती जांच में पुलिस ने ओवर स्पीडिंग और ओवरटेकिंग के दौरान जजमेंट में हुई गलती को टक्कर की वजह बताया था।
रविवार से लेकर शुक्रवार तक यानी कुल 6 दिन में हादसे की वजह को लेकर तीन थ्योरी सामने आ चुकी हैं। नीचे दिए ग्राफिक के जरिए कार एक्सीडेंट की वजहों को समझा जा सकता है…
खबर को आगे पढ़ने से पहले जानिए हादसे के बारे में
अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर रविवार को हुए एक्सीडेंट में टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का निधन हो गया था। उनकी मर्सिडीज GLC 220 कार हाईवे पर सूर्या नदी के पुल पर बने डिवाइडर से टकराई थी। वे गुजरात के उदवाड़ा पारसी मंदिर से लौट रहे थे। हादसे में मिस्त्री (54) और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले (49) की जान चली गई, जबकि कार ड्राइव कर रहीं डॉ. अनायता पंडोले और उनके पति दरीयस पंडोले घायल हैं।
एक्सीडेंट के बाद साइरस मिस्त्री (बाएं लाल सर्किल में) की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कार ड्राइव कर रहीं डॉक्टर अनायता मंडोले (दाएं) घायल हैं।
अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर स्पीड लिमिट 90 KMPH
NH-98 पर गाड़ियों के लिए स्पीड लिमिट 90 KMPH है, जबकि सूर्या नदी के पुल से पहले स्पीड लिमिट 40 KMPH करने के निर्देश हैं। साइरस की कार के स्पीड वॉयलेशन और इस पर कार्रवाई के सवाल पर पालघर के SP ने डिटेल्ड रिपोर्ट आने तक इंतजार करने की बात कही है।
मर्सिडीज ने 20 KM की दूरी 9 मिनट में तय की थी
साइरस मिस्त्री जिस लग्जरी कार में थे, उसका आखिरी CCTV फुटेज भी पुलिस को मिला है। MH-47-AB-6705 नंबर की मर्सिडीज कार ने रविवार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर चरौती का चेक पोस्ट क्रॉस किया था। यहां से 20 KM दूर दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर सूर्या नदी के पुल पर कार का एक्सीडेंट हुआ। मर्सिडीज कार ने 20 KM की यह दूरी महज 9 मिनट में तय की थी।
साइरस की कार चरौती चेक पोस्ट से रविवार दोपहर 2.21 बजे क्रॉस हुई, 2.30 बजे 20 KM दूर सूर्या नदी के पुल पर हादसा हुआ।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने भी बताया था कि कार बेहद तेज रफ्तार में थी। उसे एक महिला चला रही थी। सूर्या नदी के पुल पर ओवरटेकिंग के समय कार डिवाइडर से टकरा गई थी। स्थानीय लोगों ने सबसे पहले कार से लोगों को निकाला था। हादसे के हालात से जुड़ी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट- पुल की डिजाइन में खामी थी
हादसे की जांच के लिए पहुंची IIT खड़गपुर की 7 मेंबर वाली फोरेंसिक टीम ने कार की डिटेल जांच करने के बाद कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सूर्या नदी के पुल की फॉल्टी डिजाइन की वजह से टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार हादसे का शिकार हुई।
अहमदाबाद-मुंबई हाइवे पर सूर्या नदी के पुल पर साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज कार इस रोड डिवाइडर (लाल सर्किल में) से टकराई थी।
फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट के मुताबिक कार की हालत और मिस्त्री के पोस्टमॉर्टम के समय अंदरूनी अंगों के जख्म यह दिखाते हैं कि कार बेहद तेज रफ्तार से चल रही थी। टीम के सदस्यों ने कहा कि हमारे पास पुख्ता रिपोर्ट है कि पिछली सीट पर बैठे दोनों लोगों (साइरस और जहांगीर) ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखा था। फोरेंसिक टीम की डिटेल्ड रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें..
मर्सिडीज की डेटा चिप डिकोडिंग के लिए जर्मनी भेजी गई
पुलिस का कहना है कि मर्सिडीज अपने सभी व्हीकल्स को प्रॉपर टेस्टिंग के बाद ही प्लांट से बाहर निकालने का दावा करती है। इसलिए कंपनी से पूछा गया है कि मैन्युफैक्चरर की तरफ से कराए गए टेस्ट और इन्वेस्टिगेशन में कोलिजन इम्पेक्ट की रिपोर्ट क्या है… और क्या कार में कोई मैकेनिकल फॉल्ट था? ये सवाल पुलिस ने इसलिए भी किए हैं, क्योंकि मर्सिडीज की GLC 220 को ग्लोबल NCAP टेस्ट में 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है।
पुलिस ने कार एक्सीडेंट के तुरंत बाद मर्सिडीज कंपनी को हादसे के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद कंपनी ने पालघर पुलिस को बताया कि कार में लगे डेटा रिकॉर्डर चिप को डिकोडिंग के लिए जर्मनी भेजा जाएगा। इसे डिकोड करने पर SUV के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। पढ़िए, कैसे कार के ब्लैक बॉक्स से एक्सीडेंट की पूरी जानकारी मिल सकती है…
हाईवे का ऑडिट होगा, 2013 में 9 ब्लैक स्पॉट्स मिले थे
पालघर के कलेक्टर गोविंद बोडके ने बताया कि राजमार्ग मंत्रालय की टीम के साथ जिला प्रशासन की टीम 14 सितंबर को NH-98 का ऑडिट करेगी। इससे हाईवे की डिजाइन में टेक्निकल फॉल्ट का पता लग सकेगा। 2013 में इस हाईवे पर 9 ब्लैक स्पॉट्स यानी दुर्घटना की संभावना वाले हिस्से मिले थे। अब इस हाईवे के ब्लैक स्पॉट्स पर साइन बोर्ड लगाने की तैयारी भी की जा रही है।