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नई दिल्ली43 मिनट पहले
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शिवराज सिंह चौहान ने संदन में किसानों को लेकर अपनी बात रखी।
संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार (2 अगस्त) को दसवां दिन है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया।
शिवराज ने कहा- कांग्रेस को याद आए तो भी शकुनि याद आए। शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह इन सारे शब्दों का संबंध अधर्म से है… जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
उन्होंने आगे कहा कि शकुनि छल, धोखे और कपट के प्रतीक थे। चौसर में थे तो धोखे से ही हराया गया था। चक्रव्यूह मतलब घेर के मारना। अब कांग्रेस को क्यों चक्रव्यहू, शकुनि, चौसर ही याद आते हैं।” शिवराज ने आगे कहा कि हम जब महाभारत काल में जाते हैं तो भगवान श्रीकृष्ण याद आते हैं।
शिवराज का ये बयान राहुल गांधी के उस बयान पर आया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने कहा था कि महाभारत में अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है।
शिवराज सिंह बोले- कांग्रेस के DNA में किसान का विरोध है
शिवराज ने कहा- कांग्रेस के DNA में किसान विरोध है। कांग्रेस की प्राथमिकताएं प्रारंभ से ही गलत रहीं। जवाहरलाल नेहरू 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे। तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। इंदिरा गांधी के समय किसानों से जबरन लेवी वसूली का काम होता था।
राहुल ने जब संसद में हलवा सेरेमनी का पोस्टर लहराया, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया।
राहुल ने कहा था- केंद्र का बजट महाभारत के चक्रव्यूह जैसा
29 जुलाई को मानसून सत्र के छठवें दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने लोकसभा में कुल 46 मिनट भाषण दिया। इसमें 4 बार अडाणी-अंबानी का नाम लिया, दो बार मुंह पर उंगली रखी।
स्पीकर ने भाषण के दौरान राहुल को 4 बार टोका था। राहुल ने जब हलवा सेरेमनी का पोस्टर लहराया, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया था। राहुल ने कहा था हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर 6 लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है।
21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है- वह भी कमल के फूल के रूप में तैयार हुआ है। इसका चिह्न प्रधानमंत्री अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। आज चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। ये 6 लोग- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अडाणी और अंबानी हैं।
संसद के बीते 9 दिनों की कार्यवाही सिलसिलेवार पढ़ें…
संसद का नौवां दिन: रेल मंत्री बोले- हम काम करते हैं, रील नहीं बनाते
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में रेलवे की सेफ्टी और सिक्योरिटी पर अपनी बात रखी थी।
संसद के मानसून सत्र का गुरुवार (1 अगस्त) को नौवां दिन था। लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेनों की सेफ्टी पर बात की। इस पर विपक्ष ने ताजा हादसों पर सवाल पूछा और हंगामा किया।
रेल मंत्री ने कहा- हम रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले लोग हैं। जो लोग यहां चिल्ला रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि सत्ता में रहने के 58 सालों में वे 1 किमी दूर भी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) क्यों नहीं लगा पाए। आज वे सवाल उठाने की हिम्मत करते हैं।
वैष्णव ने आगे कहा- कांग्रेस सोशल मीडिया की अपनी ट्रोल सेना की मदद से झूठी बातें उठाती है। क्या वे उन 2 करोड़ लोगों के दिलों में डर भरने की कोशिश कर रहे हैं जो हर दिन रेलवे से यात्रा करते हैं?” पूरी खबर पढ़ें…
31 जुलाई: मानसून सत्र का आठवां दिन
31 जुलाई को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन पर लगाए गए परिवारवाद के आरोप का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि कल मैं यहां लास्ट मूमेंट में नहीं था। उस समय माननीय सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में एक समस्या उठाई। उनके मन में क्या था, पता नहीं।
खड़गे ने आगे कहा था कि राजनीति में ये मेरा पहला जनरेशन है। परिवार में कोई और नहीं था। पिता जी ने ही मुझे पाला-पोषा। मैं उनके आशीर्वाद से ही यहां तक पहुंचा। यह कहते हुए खड़गे ने अपने पिता के बारे में कहा कि वह 95 नहीं, 85 की उम्र में गुजरे।
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे कहा था कि मैं चाहता हूं कि आप 95 से भी आगे जाएं। इसी पर खड़गे ने भावुक होते हुए कहा कि मैं इस माहौल में ज्यादा जीना नहीं चाहता। इतना बोलते ही उनका गला भर आया था। पूरी खबर पढ़ें…
30 जुलाई: मानसून सत्र का सातवां दिन
संसद में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई।
संसद सत्र के सातवें दिन अग्निवीर और जातिगत जनगणना पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, राहुल गांधी और अखिलेश यादव भिड़ गए। अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि आपके बोलने के लिए पर्ची आती है। उधार की बुद्धि से राजनीति नहीं चलती।
ठाकुर ने फिर कहा- आजकल कुछ लोगों पर जाति जनगणना का भूत सवार है। जिसको जाति का पता नहीं, वो जाति जनगणना कराना चाहते हैं। इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। राहुल गांधी ने अनुराग ठाकुर पर गाली देने का आरोप लगाया। अखिलेश भी बोले- कोई किसी की जाति कैसे पूछ सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पर सांसदों के पूछे गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के हलवा बांटने की परंपरा UPA सरकार मे शुरू हुई थी। तब किसी ने नहीं पूछा कि बजट बनाने वाले अफसरों में SC-ST, OBC कितने हैं। पूरी खबर पढ़ें…
29 जुलाई: मानसून सत्र का छठवां दिन
सत्र के छठे दिन संसद में बजट और दिल्ली हादसे की गूंज रही। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की। उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर 6 लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है।
21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है- वह भी कमल के फूल के रूप में तैयार हुआ है। इसका चिह्न प्रधानमंत्री अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। आज चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। ये 6 लोग- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अडाणी और अंबानी हैं। पूरी खबर पढ़ें…
26 जुलाई : मानसून सत्र का पांचवां दिन
26 जुलाई को सत्र के पांचवें दिन लोकसभा में JDU नेता ललन सिंह ने कहा था कि हमारा गठबंधन फेविकोल का जोड़ है।
सत्र के पांचवें दिन लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा था कि जेडीयू और टीडीपी चुनाव से पहले भाजपा के साथ है। ये प्री-पोल अलायंस है। हमारा अलायंस फेविकोल से जुड़ा हुआ है। ये हमेशा बना रहेगा।
उन्होंने आगे कहा था कि-हम पहले (इन्हीं) विपक्ष के साथ (बिहार में) थे। ये लोग गिद्ध की तरह थे। लेकिन अब छोड़कर जा चुके हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- 99 का आंकड़ा बड़ा खतरनाक होता है। लूडो खेला है तो जानते होंगे कि अगर सांप काट ले तो नीचे आ जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें…
25 जुलाई: मानसून सत्र का चौथा दिन
झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि सभी सरकारों (चाहें केंद्र की हो या राज्य सरकारें) का एक ही लक्ष्य होता है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना होता है।
सत्र के चौथे दिन सदन में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा भी उठा था। झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि संविधान खतरे में है। हम यहां हंसने की बात करते हैं, पिछड़ों की बात करते हैं, दलितों की बात करते हैं, आदिवासियों की बात करते हैं।
सभी सरकारों (चाहें केंद्र की हो या राज्य सरकारें) का एक ही लक्ष्य होता है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना होता है। मैं संथाल परगना से आता हूं। जब संथाल परगना (झारखंड) बिहार से अलग हुआ, तब यहां आदिवासी 36% थे। आज यहां आदिवासियों की पॉपुलेशन 26% है। 10% आदिवासी कहां गायब हो गए? इसके बार में ये सदन कभी चर्चा नहीं करता, चिंता नहीं करता, बल्कि वोट बैंक की पॉलिटिक्स करता है।
झारखंड की सरकार की तरफ से भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। बांग्लादेश का घुसपैठ लगातार बढ़ रहा है। बांग्लादेश घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं के साथ शादी कर रहे हैं।
ये हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं है। हमारे यहां जो महिला लोकसभा का चुनाव आदिवासी कोटे से लड़ती हैं, उनके पति मुसलमान हैं। जिला परिषद की अध्यक्ष के पति मुसलमान हैं। हमारे यहां 100 आदिवासी मुखिया है, उनके पति मुसलमान हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…
24 जुलाई: मानसून सत्र का तीसरा दिन
निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि हर बजट में इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। इसी पर नाराज होकर विपक्ष ने वॉकआउट किया।
बुधवार को सुबह सदन शुरू होने से पहले विपक्ष के नेताओं ने संसद के बाहर केंद्र सरकार के बजट के विरोध में प्रदर्शन किया। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन में भी बजट को लेकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल में राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ शेम-शेम का नारा लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।
विपक्ष द्वारा बजट को भेदभाव वाला बताने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बजट में सभी राज्यों का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेता जानबूझकर ऐसे आरोप लगा रहे हैं, ताकि लोगों को लगे कि उनके राज्य को कुछ नहीं मिला। यह ठीक नहीं है।
चर्चा के दौरान राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति से कहा- माताजी (वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) बोलने में एक्सपर्ट हैं। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ बोले- वो माताजी नहीं, आपकी बेटी की उम्र के बराबर हैं।
वहीं, TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही है। लोकसभा और राज्यसभा में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
23 जुलाई: मानसून सत्र का दूसरा दिन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सातवीं बार देश का आम बजट पेश किया है। वो ऐसा करने वाली देश की इकलौती वित्त मंत्री बन गई हैं।
मंगलवार को निर्मला सीतारमण ने 1 घंटे 23 मिनट का बजट भाषण दिया। बजट में उनका फोकस शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवाओं पर रहा। इसके अलावा नीतीश कुमार के बिहार और चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश पर केंद्र सरकार मेहरबान रही।
बजट में नई टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। यानी उन्हें 17.5 हजार रुपए का फायदा हुआ है। पहली नौकरी वाले जिनकी सैलरी 1 लाख रुपए से कम होगी, उन्हें सरकार अधिकतम 15 हजार रुपए तीन किश्तों में देगी।
मोदी सरकार 3.0 बिहार के CM नीतीश कुमार की JDU और आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू की TDP के भरोसे केंद्र में सत्ता चला रही है। वित्त मंत्री ने बिहार में इंफ्रा और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 58 हजार 900 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की। पूरी खबर यहां पढ़ें…
22 जुलाई: मानसून सत्र का पहला दिन
संसद सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया से 21 मिनट बात की।
सोमवार को मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे से भरा रहा। प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10:15 बजे संसद पहुंचे और सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से 21 मिनट बात की। उन्होंने विपक्ष पर अपनी आवाज दबाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जून में नई संसद के गठन के बाद देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया गया। मुझे इसका कोई दुख नहीं है। इस बार हम मजबूत बजट लेकर आ रहे हैं। विपक्ष से अपील है कि लोकसभा चुनाव में जितनी लड़ाई लड़नी थी हमने लड़ ली। अगले 5 साल देश के लिए लड़ना और जूझना है।