नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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राजनाथ और योगी समेत 9 नेता ऐसे हैं, जिनकी सिक्योरिटी NSG के ब्लैक कैट कमांडो करते हैं। (फाइल फोटो)
केंद्र सरकार ने बुधवार को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) को VIP सिक्योरिटी से हटाने का फैसला लिया है। इनकी जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान लेंगे। अगले महीने से आदेश लागू हो जाएगा।
पार्लियामेंट की सिक्योरिटी में लगे रिटायर्ड CRPF जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें VIP सिक्योरिटी विंग में भेजा गया है। इसके लिए नई बटालियन बनाई गई है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ये जवान VIP सुरक्षा में तैनात होंगे।
CRPF के पास पहले से 6 वीआईपी सिक्योरिटी बटालियन मौजूद है। नई बटालियन के साथ ये सात हो जाएंगी।
देश में इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत 9 नेता ऐसे हैं, जिनकी सिक्योरिटी NSG के ब्लैक कैट कमांडो करते हैं।
आडवाणी-मायावती समेत 9 नेताओं की सुरक्षा NSG कमांडो करते हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, एनसी नेता फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा में NSG कमांडों तैनात हैं।
अब इनके पास से ये कमांडो हट जाएंगे। CRPF सिक्योरिटी विंग कमान संभालेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षा अभी तक NSG कमांडों करते हैं। (फाइल फोटो)
राजनाथ-योगी के पास ASL प्रोटोकॉल है NSG सिक्योरिटी वाले 9 नेताओं में से राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के पास एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइसन (ASL) प्रोटोकॉल है। जिसे अगले महीने से CRPF टेकओवर कर लेगा।
CRPF अभी तक ASL का काम गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, RSS चीफ मोहन भागवत और गांधी परिवार के तीनों सदस्यों के लिए करती थी।
ASL का मतलब किसी VIP के किसी जगह पहुंचने से पहले उस जगह की छानबीन, सिक्योरिटी जांच, लोकेशन आदि की सुरक्षा जांच होती है।
21 अगस्त को शरद पवार को Z+ सिक्योरिटी दी गई थी केंद्र सरकार ने 21 अगस्त को महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (SCP) प्रमुख शरद पवार को Z+ सिक्योरिटी दी। उनकी सुरक्षा में तब 10 अतिरिक्त CRPF जवान तैनात किए गए थे।
22 अगस्त को शरद ने केंद्र पर जासूसी करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि हो सकता है कि मेरी इन्फॉर्मेशन निकालने के लिए मेरी सिक्योरिटी बढ़ाई गई हो। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। शायद उन्हें कोई जरूरी जानकारी चाहिए। इसीलिए यह अरेंजमेंट किया गया होगा।
देश में सिर्फ पीएम को मिलती है SPG सिक्योरिटी देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप, यानी SPG की होती है। प्रधानमंत्री के चारों ओर पहला सुरक्षा घेरा SPG जवानों का ही होता है।
PM की सुरक्षा में लगे इन जवानों को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाती है। इनके पास MNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमेटिक गन और 17 एम रिवॉल्वर जैसे मॉडर्न हथियार होते हैं।
प्रधानमंत्री बुलेट प्रूफ कार में सवार रहते हैं। काफिले में 2 आर्मर्ड गाड़ियां चलती हैं। 9 हाईप्रोफाइल गाड़ियों के अलावा एम्बुलेंस और जैमर होता है। पीएम के काफिले में डमी कार भी चलती है। काफिले में करीब 100 जवान शामिल होते हैं।
प्रधानमंत्री के चारों ओर पहला सुरक्षा घेरा SPG जवानों का ही होता है।
जानिए Z+ सिक्योरिटी क्या होती है
किसे दी जाती है Z+ सिक्योरिटी? देश के सम्मानित लोगों और नेताओं को जान का खतरा होने पर उन्हें Z+ सिक्योरिटी दी जाती है। ये सुरक्षा मिनिस्टर्स को मिलने वाली सिक्योरिटी से अलग होती है। पहले सरकार को इसके लिए एप्लिकेशन देनी होती है, जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसीज के जरिए खतरे का अंदाजा लगाती हैं। खतरे की बात कन्फर्म होने पर सुरक्षा दी जाती है। होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी ये तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी में सिक्योरिटी दी जाए।
कौन देता है Z+ सिक्योरिटी? पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज VIP और VVIP को सिक्योरिटी कवर दे रही हैं। इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG, NSG, ITBP और CRPF शामिल हैं। हालांकि, खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा NSG के कंधों पर ही होता है, लेकिन जिस तरह से Z+ सिक्योरिटी लेने वालों की संख्या बढ़ी हैं, उसे देखते हुए CISF को भी यह काम सौंपा जा रहा है।
भारत की तीसरी सबसे उच्च सुरक्षा श्रेणी है Z सिक्योरिटी देश में मिलने वाली 6 सुरक्षा श्रेणियों में SPG सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। यह सुरक्षा सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को दी जाती है। इसके बाद Z+ सुरक्षा और Z सुरक्षा आती है। जेड सुरक्षा भारत की तीसरी सबसे उच्च सुरक्षा श्रेणी है।
- X सिक्योरिटी: इस श्रेणी में 2 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक PSO (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है।
- Y सिक्योरिटी: इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो PSO (निजी सुरक्षागार्ड) भी होते हैं। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं तैनात होता है।
- Y+ सिक्योरिटी: इसमें 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 PSO भी शामिल होते है। इस सुरक्षा के तहत कपिल मिश्रा को 24 घंटे दिल्ली पुलिस का एक सिपाही बतौर निजी सुरक्षा अधिकारी के तौर पर मिला है।
- Z सिक्योरिटी: जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच NSG कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।
- Z+ सिक्योरिटी: स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
- SPG सिक्योरिटी: स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर है। ये देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है। इसकी शुरुआत इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में की गई थी। यह सुरक्षा प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री को दी जाती है।
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देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार को केंद्र सरकार ने Z सिक्योरिटी दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की खुफिया रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने मंगलवार (9 अप्रैल) को उनकी सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए। मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) को 40-45 कर्मियों की टुकड़ी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। पूरी खबर पढ़ें…