मंत्री नागर सिंह चौहान को दिल्ली तलब किया गया है। वे बारिश के बीच अपने घर से निकले।
मध्यप्रदेश में वन और पर्यावरण विभाग छिनने से नाराज मंत्री नागर सिंह चौहान ने इस्तीफा देने की बात कही। उन्होंने सोमवार को मीडिया से कहा, ‘मैं इस्तीफा दे दूंगा, क्योंकि मंत्री रहते हुए आदिवासी हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा हूं।’
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मंत्री नागर सिंह चौहान के इस बयान के बाद उन्हें दिल्ली तलब किया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उन्हें बुलाया है। दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान मंत्री नागर सिंह ने दिल्ली बुलाए जाने की बात स्वीकार की है।
मंत्री चौहान से भास्कर ने सवाल किया कि क्या आपको भोपाल बुलाया गया है? इस पर उन्होंने कहा कि भोपाल नहीं दिल्ली बुलाया गया है। वे आज रात दिल्ली जाएंगे और चर्चा करेंगे।
नाराज होकर इस्तीफा देने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- अब दिल्ली में चर्चा के बाद ही कुछ कहूंगा। चौहान ने इस मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष या किसी और से चर्चा के सवाल पर कहा कि पार्टी से मैसेज आया था कि दिल्ली बुलाया गया है। इसलिए वहां चर्चा के बाद ही अब कोई बात कहेंगे।
मंत्री नागर सिंह चौहान आलीराजपुर स्थित अपने निवास पर समर्थकों से बात करते हुए।
मंत्री रावत को सौंपा है वन और पर्यावरण विभाग
मंत्री पद की शपथ लेने के 13 दिन रविवार को रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग सौंपा गया। इस विभाग का जिम्मा मंत्री नागर सिंह चौहान के पास था। अब उनके पास अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ही रह गया है। बताया जा रहा है कि नागर सिंह इस बात से नाराज हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में नागर की पत्नी अनीता सिंह चौहान रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गई हैं।
पद ले लेने के बाद विकास नहीं कर पाऊंगा
सोमवार को नागर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा- आलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, बड़वानी, धार, खरगोन के आदिवासी भाइयों ने मुझ पर बहुत भरोसा जताया है कि मैं उनके लिए विकास करूंगा, लेकिन सरकार द्वारा मेरे मुख्य पद ले लेने के बाद मैं विकास नहीं कर पाऊंगा। उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाऊंगा।
उन्होंने आगे कहा- मेरे बिना मांगे मुझे तीन-तीन विभाग दिए गए थे, जबकि मैंने आदिवासी होने के नाते आदिवासी विभाग मांगा था। इसके बावजूद कांग्रेस से आए कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें पद दिए जा रहे हैं, जो कहीं न कहीं गलत है।
आलीराजपुर जिला कांग्रेस का अभेद्य गढ़ रहा है। वहां हमने दिन-रात मेहनत करके काम किया है। मेरे विभाग ले लेने के बाद अब मंत्री बने रहने का कोई औचित्य नहीं रहता है।
भोपाल में सीनियर लीडर्स से करेंगे मुलाकात
हालांकि, बाद में नागर सिंह ने कहा कि अभी इस्तीफे का मामला होल्ड पर है। वे पहले भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। उनकी बात नहीं सुनी जाती है तो इस्तीफा दे सकते हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष बोले- मंत्री जी नाराज हैं तो संगठन में बात रखेंगे
आलीराजपुर भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष मकू परवाल ने कहा, ‘नागर का बयान मैंने भी सोशल मीडिया के माध्यम से देखा-पढ़ा है। मंत्री जी से चर्चा करके समन्वय से बात करेंगे। हम सब कार्यकर्ता हैं, संगठन के लोग हैं। अगर मंत्री जी की नाराजगी है तो हम संगठन के सामने बात रखेंगे। पता चला है कि मंत्री जी कहीं गए हुए हैं इसलिए बात नहीं हो पाई है। मंत्री जी भी संगठन के साथ ही रहने वाले हैं।’
रतलाम से सांसद हैं नागर की पत्नी
मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता नागर रतलाम से पहली बार की सांसद हैं। अनीता ने कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को दो लाख वोटों से चुनाव हराया था।
13 दिन बिना विभाग के मंत्री रहे रावत
मंत्री रामनिवास रावत को रविवार को वन और पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को रविवार को ही वन और पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्री पद की शपथ लेने के 13 दिन बाद उन्हें विभाग सौंपा गया है। उन्होंने 8 जुलाई को राजभवन में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। शपथ लेने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। रावत श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक थे। उनके इस्तीफा देने के बाद ये सीट खाली हो गई है।